साहित्य
बच्चों को किताबों से रूबरू कराना जरूरी है, रेडियो सखी ममतासिंह ने कहा
अखिल भारतीय महिला साहित्य समागम(Akhil Bharatiya Mahila Sahitya Samagam) में आज विविध भारती की प्रसिद्ध रेडियो सखी ममता सिंह ने भाषा की तकनीक पर अपने विचार व्यक्त किए उन्होंने कहा
साहित्य का रचा जाना आवश्यक है जीवन मूल्यों के लिए, लेखिका मीनाक्षी जोशी ने कहा
अखिल भारतीय महिला साहित्य समागम ने आज दोपहर के सत्र में अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रसिद्ध लेखिका डॉ मीनाक्षी जोशी ने कहा जीवन मूल्यों की रक्षा के लिए साहित्य
Indore News: तानसेन समारोह में गायन की प्रस्तुति देंगे इंदौर की वैशाली बकोरे, तृप्ति कुलकर्णी शास्त्रीय
ग्वालियर में 25 से 30 दिसंबर से आयोजित होने वाले प्रतिष्ठा पूर्ण आयोजन तानसेन समारोह में इंदौर की वैशाली बकोरे तृप्ति कुलकर्णी शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति देंगे। तृप्ति 28 दिसंबर
साहित्य प्रेमियों के लिए खुशखबरी: मालवा उत्सव में राष्ट्रीय साहित्य विक्रय केंद्र का हुआ शुभारंभ
लालबाग में चल रहे मालवा उत्सव में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमो के आयोजन में लोककला व लोक संस्कृति आधारित नृत्य व नाटकों का प्रदर्शन हो रहा है, इस उत्सव में विश्व
महिला साहित्यकारों का वार्षिक महाकुंभ 29 और 30 दिसंबर को, जाल सभागृह इंदौर में दो दिवसीय आयोजन
समकालीन महिला हिंदी लेखन पर केन्द्रित वार्षिक अखिल भारतीय महिला साहित्य समागम 29 और 30 दिसंबर 2021 को इंदौर के जाल सभागृह में आयोजित किया जाएगा। इसके सहयोगी रहेंगे मध्यप्रदेश
समकालीन महिला लेखन की दिशा तय करेगा इंदौर का महिला साहित्य समागम
समकालीन महिला लेखन की दिशा क्या होना चाहिए आने वाले समय में महिला लेखन के सामने कौन-कौन सी चुनौतियां हैं बदलते हुए टेक्नोलॉजी के इस दौर में महिला लेखन के
लोकमान्य तिलक की वो कृति जिसे पढ़कर गाँधी ने जीवन पथ बदल लिया
‘गीता रहस्य अथवा कर्मयोगशास्त्र'(‘Gita Rahasya or Karmayogashastra’)-एक सर्व प्रिय पुस्तक हैं जिसके रचयिता हैं लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक। इस अमरकृति ने महात्मा गांधी जैसे महापुरुष की जीवनदृष्टि को बदला है।
आज हिन्दी भाषा को समृध्द करने की जरूरत है – प्रो द्विवेदी
इंदौर। इंदौर संस्कारों को सिखाने वाला शहर है, यहां साहित्यिक गतिविधियां इस बात की उम्मीद दिलाती है कि कही कुछ तो अच्छा चल रहा है। बात हिन्दी साहित्य की करे
महिला साहित्य समागम 29-30 दिसंबर को इंदौर में, युवाओं के लिए OPEN MIC भी होगा
इंदौर। हिंदुस्तान में सिर्फ महिलाओं द्वारा आयोजित महिला साहित्य समागम इंदौर में ही होता है। पहले दो बार हो चुका है। तीसरी बार साईं समागम का आयोजन 29 दिसंबर को
इंदौर: गांधी के विचारों को समझने का बड़ा मौका, 10-11-12 दिसम्बर को राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन
इंदौर। किसी भी राष्ट्र के विकास की पहली अहम शर्त है कि वहां की आंतरिक शांति और राष्ट्र के नागरिकों का अपने वतन के प्रति समर्पण भाव और अपने कर्तव्यों
विश्व रिकार्ड की तैयारी, प्रभु राम के अखंड काव्यार्चन देवेंद्र बंसल भी लेंगे भाग
अंतरराष्ट्रीय संस्था साहित्यिक कला सांस्कृतिक न्यास सहित्योदय के तत्वाधान में जैन रामायण चोबिस घंटे पाँच व छः दिसंबर को भगवान श्री राम पर रामायण से जुड़ी रचनाओं का अखंड काव्यार्चन
पकड़ा गया वो चोर है जो बच गया वो सयाना है…
कल SBI के पूर्व चेयरमैन प्रतीप चौधरी को गिरफ्तार कर लिया गया उन पर जो आरोप है वो बहुत दिलचस्प है जो भी आर्थिक विषयो मे रुचि रखते हैं उन्हें
वामा साहित्य मंच ने बढ़ाया अपना वर्चस्व, 4 किताबों का हुआ विमोचन
कोरोना काल के दौरान समस्त साहित्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियों पर विराम लग गया था लेकिन शहर की संस्था वामा साहित्य मंच ने इस दौरान भी अपनी सक्रियता बनाए रखी और
घट-घट बसे यहां रावण हैं
हर सीता की लाज बचाते , राम कर रहे कितना रण है । पापी दिखते गली – गली में , घट – घट बसे यहां रावण है । आबरु लुट
‘जिन्दा’ शहीद…!
निरुक्त भार्गव देश में इन दिनों नागरिक के स्तर पर, समाज के स्तर पर और राष्टीय स्तर पर भी चिंता और व्यवहार में एक ज्वार-भाटा आया हुआ है! चारों और
क्या मोदी अपने गृह राज्यमंत्री को अब भी साथ में बनाए रखेंगे ?
श्रवण गर्ग सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर मामले में आठ अक्टूबर को सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश हुए वकील हरीश साल्वे से सवाल किया था कि
चलिए जिंदा पितरों की भी सुधि लें!
“कभी संयुक्त परिवार समाज के आधार थे जहां बेसहारा को भी जीते जी अहसास नहीं हो पाता था कि उसके आगे पीछे कोई नहीं। वह चैन की मौत मरता था।
एक यायावर महाव्रती को नमन करते हुए
स्मरण/जयराम शुक्ल मुगलसराय जंक्शन अब पं.दीनदयाल उपाध्याय के नाम से जाना जाता है। कुछ वर्ष पहले जब नाम बदलने की बात उठी तो यह सुनते ही कई योद्घा विचलित हो
यह ताव आज के कवि-कोविदों में कहां..!
जन्मजयंती/जयराम शुक्ल रामधारी सिंह दिनकर नेहरू के करीबी माने जाते थे। प्रधानमंत्री रहते हुए पंड्डिजी ने ही उन्हें राष्ट्रकवि का खिताब बख्शा व राज्यसभा में कांग्रेस की ओर से मनोनीत
कोई रोता बिलखता दिखे तो उसे हिम्मत दे देना…
कोई रोता बिलखता दिखे तो उसे हिम्मत दे देना आँसू की बूँदो को रूमाल से पोछ देना उसके तन के कपड़े थोड़े ठीक कर देना ममत्व थोड़ा दे देना भूखे