बच्चों को किताबों से रूबरू कराना जरूरी है, रेडियो सखी ममतासिंह ने कहा

Author Picture
By Pirulal KumbhkaarPublished On: December 29, 2021

अखिल भारतीय महिला साहित्य समागम(Akhil Bharatiya Mahila Sahitya Samagam) में आज विविध भारती की प्रसिद्ध रेडियो सखी ममता सिंह ने भाषा की तकनीक पर अपने विचार व्यक्त किए उन्होंने कहा कि हमें अपने बच्चों को किताबों से रूबरू कराना चाहिए उन्होंने कहा कि हिंदी एक संपूर्ण भाषा है और अंग्रेजी से उसका महत्व कहीं भी कम नहीं है उन्होंने सुशील दोषी का जिक्र किया जो इंदौर के हैं जिन्होंने हिंदी कमेंट्री की शुरुआत की सिनेमा का भाषा के विकास में बहुत बड़ा योगदान दिया है । गानों के माध्यम से भी भाषा का विकास हुआ है उन्होंने स्वानंद किरकिरे का भी जिक्र किया जो इंदौर के गीतकार हैं सिनेमा में कई ऐसे गीत लिखे गए जो अमर हो गए हैं।

must read: साहित्यकार का रचा जाना आवश्यक है जीवन मूल्यों के लिए-लेखिका मीनाक्षी जोशी

बच्चों को किताबों से रूबरू कराना जरूरी है, रेडियो सखी ममतासिंह ने कहा

भाषा के विकास के कारण सब कुछ कंप्यूटर पर आ गया है यही वजह है कि आज की पीढ़ी के पास रोजगार के अवसर बढ़ गए हैं यह बात कही लेखिका अंतरा करवड़े ने उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की उपयोगिता की बढ़ती जा रही है तकनीक के ऊपर मानवीय बुद्धि हमेशा रहेगी। आधुनिक माध्यमों का उपयोग करके साहित्य का विस्तार किया जा सकता है।

बच्चों को किताबों से रूबरू कराना जरूरी है, रेडियो सखी ममतासिंह ने कहा

लेखिका वसुधा गाडगिल ने कहा कि ई बुक्स के माध्यम से पुस्तकों का प्रकाशन किया जा रहा है उन्होंने कहा कि आधुनिक संचार साधनों ने साहित्य के विस्तार को बढ़ावा दिया है और इसके कारण रोजगार के कई अवसर पर मिले इससे पहले विभा व्यास ने पॉडकास्ट को लेकर कई जानकारियां दी उन्होंने कहा कि गूगल के माध्यम से जागरूकता का एक नया दौर शुरू हुआ है ।