भारतीय उद्योग परिसंघ (CII), मध्य प्रदेश का एक वरिष्ठ उद्योग प्रतिनिधिमंडल नई दिल्ली के दौरे पर गया, जहाँ उसने प्रमुख केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की, नए संसद भवन का भ्रमण किया और मध्य प्रदेश के माननीय सांसदों के साथ संवाद किया। यह दौरा राज्य के औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र और राष्ट्रीय नीति निर्माताओं के बीच समन्वय को गहरा करने की CII की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए रणनीतिक प्राथमिकताओं को संरेखित करना है।
यह दौरा इंदौर से सांसद शंकर लालवानी की अमूल्य पहल और सहयोग से संभव हो पाया, जिन्होंने स्वयं प्रतिनिधिमंडल की यात्रा की रूपरेखा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व ने प्रमुख मंत्रालयों तक पहुँच सुनिश्चित की और उद्योग प्रतिनिधियों को मध्यप्रदेश के औद्योगिक विकास की अपनी दृष्टि प्रस्तुत करने के लिए एक सशक्त मंच प्रदान किया। प्रतिनिधिमंडल ने उनके सक्रिय योगदान के लिए गहरी सराहना व्यक्त की।

रणनीतियों पर चर्चा
कार्यक्रम की शुरुआत नए संसद भवन के भ्रमण से हुई, जहाँ प्रतिनिधिमंडल ने संसद सत्र की कार्यवाही को प्रत्यक्ष रूप से देखा और देश की विधायी प्रक्रिया की गहन समझ प्राप्त की। प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की और कृषि-आधारित उद्योगों को सशक्त करने, खेत से बाजार तक की कड़ियों को मजबूत करने तथा कृषि क्षेत्र में मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देने हेतु रणनीतियों पर चर्चा की। चर्चा में ग्रामीण नवाचार, किसान उत्पादक संगठनों तथा खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के लिए समर्थन जैसे विषय भी शामिल थे, जिससे ग्रामीण आजीविका में सुधार हो सके।
प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण से मध्य प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति देने हेतु निवेश को प्रोत्साहन, ऋण उपलब्धता और कर प्रोत्साहनों से संबंधित विषयों पर चर्चा की। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान से बैठक के दौरान चर्चा का केंद्र बिंदु शिक्षा और कौशल विकास को उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाना रहा। प्रतिनिधिमंडल ने उद्योग-अकादमिक सहयोग के महत्व पर जोर दिया और राज्य में औद्योगिक क्लस्टरों के साथ संस्थागत समन्वय के माध्यम से व्यावसायिक प्रशिक्षण के विस्तार की आवश्यकता बताई।
मल्टीमॉडल परिवहन समाधान को आगे बढ़ाना लक्ष्य
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ बैठक में मध्यप्रदेश में औद्योगिक विस्तार हेतु रेल अधोसंरचना को सुदृढ़ करने पर चर्चा हुई। प्रमुख विषयों में माल परिवहन कनेक्टिविटी में सुधार, लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को मजबूत करना और मल्टीमॉडल परिवहन समाधान को आगे बढ़ाना शामिल थे। मंत्री महोदय ने राज्य में अधोसंरचना आधारित औद्योगिक विकास के लिए निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया।
प्रतिनिधिमंडल ने नई दिल्ली में मध्य प्रदेश के माननीय सांसदों के साथ संवाद किया। इस सत्र का उद्देश्य उद्योग और जनप्रतिनिधियों के बीच समन्वय को सशक्त कर राज्य के आर्थिक और औद्योगिक विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाना था। सत्र का संचालन CII मध्य प्रदेश के उपाध्यक्ष श्री सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने किया और इसमें राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आए बारह से अधिक सांसदों ने सक्रिय भागीदारी की।
कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII), मध्यप्रदेश द्वारा नई दिल्ली में राज्य के माननीय सांसदों के साथ एक विशेष संवाद सत्र का आयोजन किया गया। इस उच्च स्तरीय बैठक का उद्देश्य मध्यप्रदेश के औद्योगिक और आर्थिक विकास को लेकर जनप्रतिनिधियों और उद्योग जगत के बीच सहयोग को सशक्त बनाना रहा।
इस सत्र का संचालन सिद्धार्थ चतुर्वेदी, उपाध्यक्ष, सीआईआई मध्यप्रदेश ने किया। उन्होंने अपने उद्घाटन संबोधन में राज्य के समग्र विकास के लिए जन-निजी भागीदारी की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश सरकार की सक्रिय नीतियों, प्रचुर संसाधनों और औद्योगिक क्षमताओं के चलते राज्य तेज़ी से प्रगति की ओर अग्रसर है।
सत्र में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से 12 से अधिक सांसदों ने भाग लिया और निवेश, पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण, MSME, कौशल विकास तथा क्षेत्रीय औद्योगीकरण जैसे विषयों पर विचार साझा किए। सांसदों ने विशेष रूप से यह सुझाव दिया कि सीआईआई राज्य के सभी ज़िलों की औद्योगिक क्षमताओं और उपलब्ध कच्चे माल का एक विस्तृत अध्ययन करे, जिससे स्थानीय स्तर पर उपयुक्त उद्योगों की पहचान कर targeted निवेश को बढ़ावा दिया जा सके।
श्वेतपत्र भी प्रस्तुत
सत्र के दौरान, सीआईआई ने “Envisioning Madhya Pradesh Economy @2047” शीर्षक से एक श्वेतपत्र भी प्रस्तुत किया, जिसमें राज्य की अर्थव्यवस्था को वर्तमान 170 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर वर्ष 2047 तक 2.1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने की रणनीतिक रूपरेखा प्रस्तुत की गई है। रिपोर्ट में अवसंरचना विकास, औद्योगिक विविधीकरण, नवाचार आधारित वृद्धि, कौशल विकास और सततता जैसे प्रमुख फोकस क्षेत्रों को रेखांकित किया गया है।
यह श्वेतपत्र मध्यप्रदेश को एक अग्रणी आर्थिक शक्ति में रूपांतरित करने के लिए एक दृष्टि-आधारित ढांचा प्रदान करता है और इस लक्ष्य की प्राप्ति में सहयोगात्मक नीति-निर्माण एवं निवेश प्रोत्साहन की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है। सांसदों ने यह भी सुझाव दिया कि मध्यप्रदेश की पर्यटन संभावनाओं को सशक्त प्रचार, बेहतर आधारभूत संरचना और निजी निवेश के माध्यम से आगे बढ़ाया जाए। इसके अतिरिक्त कृषि उत्पादन आधारित खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को प्रोत्साहन देने पर भी बल दिया गया।
सीआईआई ने सांसदों को आश्वस्त किया कि उनके सुझावों पर प्राथमिकता से कार्य किया जाएगा। श्री चतुर्वेदी ने कहा कि सीआईआई प्रदेश के हर ज़िले की औद्योगिक विशेषताओं को समझने के लिए अध्ययन शुरू करेगा और राज्य व केंद्र सरकार के साथ मिलकर इन सिफारिशों को आगे बढ़ाने का प्रयास करेगा।सत्र का समापन साझा उद्देश्य और सहयोग की भावना के साथ हुआ। सांसदों और सीआईआई ने राज्य के सतत विकास, रोजगार सृजन और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देने के लिए नियमित संवाद बनाए रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।