अब इंदौर का ट्रैफिक सिस्टम भी होगा स्मार्ट, High Quality कैमरे करेंगे नियम तोड़ने वालों की निगरानी, बनेगा ग्रीन कोरिडोर

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आबिद कामदार

इंदौर। इंदौर अपनी स्वच्छता के साथ स्मार्ट सिटी में भी कई नवाचार कर रहा है, जो प्रोजेक्ट अब तक मेट्रो सिटी में थे वह अब होंगे इंदौर में। शहर में स्मार्ट सिटी एक ऐसा प्रोजेक्ट आईटीएमएस सेंसर बेस्ड सिग्नल सिस्टम तैयार कर रहा है जो ग्रीन कोरिडोर, टार्फिक के हिसाब से सिग्नल बंद चालू करेगा। वहीं नियम तोड़ने पर कैप्चर कर लेगा। आईटीएमएस में ट्रैफिक के लिए एडॉप्टिक ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम जोड़ा जाएगा। आईटीएमएस में दो भाग होते है सिग्नलिक पार्ट, एटीसीएस एडॉप्टिक ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम जो कि खास होगा।

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80 मीटर कैमरा वाहनों की संख्या काउंट कर हर लेन को देगा वाहनों के हिसाब से सिग्नल टाइम

अभी जो चौराहे पर सिग्नल लगे है, वह स्टैंड एलान में है, जो की खुद से डिसीजन नहीं ले पाते है, जिसमे किसी भी चौराहे या तिराहे पर हर लेन के लिए एक निश्चित टाइम फिक्स है, जबकि कई बार ऐसा भी होता है की किसी साइड 20 गाड़ी खड़ी है वहीं दूसरी ओर 100 गाड़ी खड़ी है, ऐसे में दोनों लेन को बराबर समय दिया जाता है, जबकि इससे टाइम और ईंधन की बर्बादी होती है। इसके लगने के बाद यह हर लेन पर ट्रैफिक की हिसाब से उस समय तक ट्रैफिक को छोड़ेगा। वहीं हर सिग्नल पर काउंटिंग मशीन होगी।

चंद मिनटों में ग्रीन कॉरिडोर बनाएगा, वीआईपी की आवाजाही होगी आसान

इंदौर में आए दिन वीआईपी लोगों के आने के लिए और अन्य अंगदान को लेकर ग्रीन कोरिडोर बनाना होता है, इसको लेकर अभी हर एक सिग्नल को मैनेज करना होता है, एटीसीएस ट्रैफिक सिस्टम के बाद हायर अथॉरिटी से परमिशन के तुरंत बाद कंट्रोल रूम से एक कमांड के आधार पर ग्रीन कोरिडोर तैयार हो जाएगा।अभी ग्रीन कोरिडोर के लिए पुलिस और अन्य विभागों को सूचना दी जाती है, वह वहां खड़े होकर ट्रैफिक को मैनेज करते है।इसके आने के बाद पुलिस विभाग की मुश्किलें कम होगी।

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रूल्स तोड़ना होगा मुश्किल, एक्सीडेंट में होगी रोकथाम

एटीसीएस में ओसीआर ऑप्टिकल में लगे 4 k कैमरा गाड़ी की नंबर प्लेट को कैप्चर कर लेंगे। वहीं कैरेक्टर रीडर पहले सिग्नल तोड़ कर आगे बढ़ जाने वाले, तीन लोगों का बैठना, और हेलमेट नहीं पहनने वाले को कैप्चर कर लेगा। जिसमे गाड़ी की डिटेल आसानी से पता चल पाएगी। इसमें स्मार्ट सिटी और प्रशासन का लोगों के चालान करना मकसद नहीं है, बल्कि रोजाना हो रही घटनाओं को कम करना है।

50 सिग्नल पर लगेंगे 218 कैमरे

50 सिग्नल पर 218 पीटीजेड और 20 बुलेट कैमरा लगाए जायेंगे। हर आर्म में दो कैमरे लगाए जायेंगे। पहला कैमरा बैक साइड में लगाया जाएगा। वहीं कुछ समय बाद दूसरा कैमरा कार में सीट बेल्ट को डिटेक्ट करेगा। इसमें थोड़ा समय लगेगा।

बुलेट कैमरा 80 मीटर तक कैप्चर करेगा।

80 मीटर का बुलेट कैमरा सबसे पहले तो वहां खड़े ट्रैफिक को डिटेक्ट करेगा, वहां खड़े वाहन कि गिनती कर लेगा। इसके बाद यह कैमरा जिस लेन में ट्रैफिक कम ज्यादा होने पर सिगनल खोलने और बन्द करने की कमांड देगा। जिससे ईंधन और समय की बचत होगी।

पीटीजेड कैमरा की इंटेसिटी 60 मीटर होगी।

पीटीजेड कैमरा 60 मीटर में आने वाली सभी गाड़ियों को काउंट कर लेगा, वहीं ट्रैफिक संबंधित नियम जैसे सिग्नल तोड़ना, हेलमेट ना पहनना, तीन लोगों का सवारी करना और अन्य उलंघन करने पर फोटो क्लिक कर लेगा।

नियम तोड़ने का सारा रिकॉर्ड होगा कंट्रोल रूम में, ऑटोमैटिक बनेंगे चालान

एटीसीएस टेक्नालॉजी में लगे कैमरा सब कुछ रिकॉर्ड करेंगे। वहिंत नियम तोड़ने पर चालान ऑटोमेटिकली बनेगा, वहीं हर बार नियम उलंघन का रिकार्ड होगा कंट्रोल रूम में, इसके बाद नियम उलंघन का सारा डेटा आईसीटी को सेंड होगा, उसके बाद संबधित विभाग चालानी और अन्य कार्यवाही तय करेगा । इसके लिए बने रूम में शहर में सिग्नल की गतिविधि पर ध्यान रखने के लिए ट्रैफिक पुलिस यहां निगरानी करेंगे।

भारत के इन चार शहरों में है मात्र एटीसीएस टेक्नोलॉजी

हैदराबाद, चेन्नई गुड़गांव के मानेसर, मुंबई के कुर्ला, थाणे और अन्य जगह पर एटसीएस टेक्नालॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है।

यह 50 चौराहे होंगे शामिल, एक चौराहे पर होगा लगभग 40 लाख खर्च

स्मार्ट सिटी के एटीसीएस प्रोजेक्ट के तहत 50 चौराहों में से एबी रोड से लगने वाले विजय नगर, पलासिया, गीता भवन, एलआईजी, वहीं शहर के राजवाड़ा, रीगल, और अन्य ट्रैफिक वाले चौराहों पर लगाए जायेंगे। इन चौराहों पर इस टेक्नालॉजी के लिए स्मार्ट सिटी एक चौराहे पर लगभग 45 लाख खर्च करेगा। वहीं इनके पांच साल के मेंटेनेंस के लिए 8 करोड़ खर्च करेगा।

इस साल के दिसंबर तक मिलेगी सौगात

एटीसीएस की सौगात शहर के इस साल के अंत तक मिल जायेगी, मुंबई की कंपनी को टेंडर और एग्रीमेंट हो गए है, अब संबधित विभाग द्वारा सर्वे किया जा रहा है। जल्द ही यह शहर में इंस्टाल किए जायेगे।

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