Lizard Farming: सोशल मीडिया पर इन दिनों एक चौंकाने वाला वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें चीन की एक युवती अपने घर में छिपकलियों की फार्मिंग करती नजर आ रही है। वीडियो में देखा जा सकता है कि लड़की एक चादर हटाती है, जिसके पीछे दीवार पर बने छोटे-छोटे खांचे दिखाई देते हैं। इन खांचों में कई छिपकलियां पल रही हैं। लड़की ने उनके लिए एक खास वातावरण तैयार किया है जहां वह उन्हें खाना देती है, सफाई करती है और पूरी तरह से उनकी देखभाल करती है।
लोग कर रहे हैं कमेंट

इस वीडियो पर भारतीय यूजर्स की प्रतिक्रियाएं बेहद मज़ेदार रही हैं। जहां चीन में यह चलन आम होता जा रहा है, वहीं भारत में लोगों ने इसे हैरानी और मजाक का विषय बना दिया है। एक यूजर ने लिखा, “छिपकली? वो भी पालने के लिए? डर से तो जान निकल जाती है।” एक अन्य यूजर ने कहा, “भारत में होती तो सबसे पहले चप्पल पड़ती।”
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चीन में क्यों हो रही है छिपकली की खेती?
चीन में गेको और मॉनिटर लिजर्ड जैसी छिपकलियों की फार्मिंग तेजी से बढ़ रही है। इसका कारण पारंपरिक चीनी चिकित्सा है, जिसमें इन प्रजातियों को इम्यून बूस्टर और सूजन कम करने वाली औषधियों में उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, कुछ लोग इन्हें एक्सोटिक पेट यानी विदेशी पालतू जानवर के तौर पर भी पालते हैं।
क्या भारत में हो सकती है लिजर्ड फार्मिंग?
भारत में फिलहाल छिपकली की फार्मिंग अवैध है। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत छिपकली जैसी कई प्रजातियां संरक्षित हैं और उनके साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़, पालन या व्यापार कानूनन अपराध है। हालांकि वैश्विक बाजार में इनकी बढ़ती मांग और संभावित औषधीय गुणों को देखते हुए यह सवाल जरूर उठता है कि क्या भारत भविष्य में नियंत्रित और नैतिक फार्मिंग की दिशा में कदम बढ़ा सकता है? फिलहाल कानूनी नियम, सामाजिक सोच और संरक्षण नीति इसे असंभव बनाते हैं।