अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रूस को दी गई 100% टैरिफ की धमकी पर मॉस्को भड़क गया है। ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि यदि रूस ने 50 दिनों के भीतर यूक्रेन युद्ध खत्म नहीं किया, तो अमेरिका उस पर भारी-भरकम टैरिफ लगाएगा। इसके जवाब में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने साफ शब्दों में कहा कि “हम हर तरह की नई पाबंदियों का सामना करने के लिए तैयार हैं।” लावरोव की यह प्रतिक्रिया चीन के तियानजिन में चल रही शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान आई। वहीं रूस ने अमेरिका की धमकियों को “गैर-जरूरी और अहंकारपूर्ण” बताया है।
ट्रंप की धमकी, टैरिफ और अल्टीमेटम
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों की तैयारियों के बीच डोनाल्ड ट्रंप का बयान वैश्विक राजनीति में हलचल मचा रहा है। सोमवार को ट्रंप ने कहा था- अगर रूस 50 दिनों के भीतर युद्ध रोकने के लिए किसी समझौते पर नहीं पहुंचता, तो हम उस पर 100% तक के ‘सेकेंड्री टैरिफ’ लगाएंगे।” ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका रूस से बेहद नाराज है और अब वह ज्यादा ढील नहीं देगा। पुतिन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने टिप्पणी की, “मैं यह नहीं कहूंगा कि वो हत्यारे हैं, लेकिन हां… वो एक टफ आदमी हैं।”

रूस का कड़ा जवाब,”धमकियां नहीं चलेंगी”
रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने SCO बैठक के दौरान मीडिया से कहा- “हमें कोई भ्रम नहीं है कि हम इन टैरिफ और पाबंदियों से निपट नहीं पाएंगे। हमारे पास रणनीतिक तैयारियां हैं और हमने पहले भी कई बार पश्चिमी प्रतिबंधों का सामना किया है।” रूसी उप-विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने भी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा- “ट्रंप का अल्टीमेटम स्वीकार नहीं किया जाएगा। रूस किसी भी देश के दबाव में नहीं झुकेगा, चाहे वो अमेरिका ही क्यों न हो। वहीं क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने ट्रंप के बयान को “गंभीर और राजनीतिक रूप से उकसाने वाला” बताया और कहा कि यह सीधे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से जुड़ा मामला है। उन्होंने कहा, “हम वॉशिंगटन से आ रही बयानों की समीक्षा कर रहे हैं और जल्द ही जवाब देंगे।”
अब तक की स्थिति और नुकसान
यूक्रेन युद्ध, फरवरी 2022 में शुरू हुआ था, जो अब तीसरे वर्ष में प्रवेश कर चुका है। अमेरिकी मीडिया और खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक, इस युद्ध में अब तक 12 लाख से ज्यादा लोग मारे गए या घायल हुए हैं, हालांकि रूस और यूक्रेन दोनों ने आधिकारिक आंकड़े जारी नहीं किए हैं। इस युद्ध में अब तक अमेरिका और यूरोपीय देश यूक्रेन को भारी मात्रा में हथियार और वित्तीय सहायता दे चुके हैं, जबकि रूस ने यूक्रेन के पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों पर कब्जा बनाए रखा है। अब ट्रंप का यह बयान कि “यूक्रेन को मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग पर हमला करने के लिए हथियार दिए जा सकते हैं”, स्थिति को और अधिक विस्फोटक बना सकता है।
रणनीतिक दृष्टिकोण और भविष्य की चुनौतियां
विशेषज्ञ मानते हैं कि ट्रंप का यह बयान एक रणनीति का हिस्सा है। वह एक तरफ अमेरिका की ‘मजबूत विदेश नीति’ दिखाना चाहते हैं, दूसरी ओर रूसी नेतृत्व पर दबाव बनाकर अपने वोट बैंक को मजबूत करना चाहते हैं।
हालांकि रूस ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी सख्त आर्थिक प्रतिबंध के लिए तैयार और सजग है। पश्चिमी देशों को रूस की प्रतिक्रिया का आर्थिक और भू-राजनीतिक मूल्यांकन गंभीरता से करना होगा, क्योंकि यूक्रेन युद्ध अब सिर्फ दो देशों की लड़ाई नहीं, बल्कि दुनिया की शक्ति संरचना का केंद्रबिंदु बन चुका है।
बढ़ते तनाव के संकेत
ट्रंप की धमकी और रूस की प्रतिक्रिया इस बात का संकेत है कि यूक्रेन युद्ध में आने वाले हफ्तों में तनाव और बढ़ सकता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता यह है कि यदि रूस पर टैरिफ लगाए जाते हैं और यूक्रेन को और आक्रामक रणनीति के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, तो युद्ध का दायरा व्यापक हो सकता है। SCO जैसे मंचों पर इस मुद्दे पर होने वाली बातचीत आने वाले समय में बेहद महत्वपूर्ण होगी, खासकर तब जब दुनिया एक नए ठंड युद्ध की आहट महसूस कर रही है।