इंडोनेशिया में समंदर के बीच जल उठा जहाज, 280 लोग थे सवार, वायरल वीडियो में दिखा खौफनाक मंजर

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By Dileep MishraPublished On: July 20, 2025
जहाज में लगी आग

इंडोनेशिया में एक प्रमाणिक रूप से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां 280 लोगों से भरा एक फेरी जहाज समंदर के बीचोंबीच आग की चपेट में आ गया। इस हादसे में अब तक तीन लोगों की मौत और 18 यात्रियों के घायल होने की पुष्टि हुई है, जबकि कुछ लोग अब भी लापता हैं। घटना रविवार दोपहर करीब 1:30 बजे (स्थानीय समयानुसार) हुई, जब ‘KM Barcelona VA’ नामक फेरी जहाज में आग लग गई। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो फुटेज में देखा जा सकता है कि जहाज पूरी तरह आग की लपटों में घिरा हुआ है और आसमान में काले धुएं का गुबार उठ रहा है।

डर के मारे समुद्र में कूदे यात्री

सैकड़ों यात्रियों को अपनी जान बचाने के लिए समुद्र में छलांग लगानी पड़ी। वीडियो में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सभी लाइफ जैकेट पहनकर पानी में उतरते दिखे। जहाज का स्टाफ यात्रियों को लाइफ जैकेट पहनाने और शांति बनाए रखने की कोशिश करता दिखा। आग की घटना पर बचाव अभियान की शुरुआत किया गया। मौके पर तीन जहाजों को मौके पर भेजा गया। इंडोनेशियाई नौसेना और तटरक्षक बल ने KM Barcelona III, KM Venecian और KM Cantika Lestari 9F नामक जहाजों को तुरंत रेस्क्यू के लिए भेजा। सेवाओं की तत्परता से अधिकांश यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया, लेकिन कुछ अब भी लापता हैं।

आग तालिस द्वीप के पास लगी

स्थानीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के अनुसार, आग की यह घटना नॉर्थ सुलावेसी के तालिस द्वीप के पास हुई। फिलहाल आग लगने के कारणों की जांच जारी है, हालांकि प्राथमिक शंका इलेक्ट्रिकल फॉल्ट की बताई जा रही है। हादसे से जुड़े कुछ विशेषज्ञों ने सवाल उठाए हैं कि क्या सुरक्षा मानकों का पालन किया गया था? क्या लाइफ बोट और अग्निशमन प्रणाली ठीक से काम कर रही थीं? इससे पहले ही समुद्र में कई बार जहाज में आग की घटनाएं सामने आ चुकी है। इस घटना में कई लोगों के घायल होने की भी खबर बताई जा रही है। फिलहाल राहत और बचाव का कार्य़ जारी है।

दूसरा बड़ा जहाज हादसा इसी महीने

इस महीने की शुरुआत में प्रशांत महासागर में ‘द मॉर्निंग मिडास’ नामक मालवाहक जहाज में आग लग गई थी, जिसमें लगभग 3000 गाड़ियां, जिनमें 800 इलेक्ट्रिक वाहन भी शामिल थे, जलकर डूब गए। इंडोनेशिया में समुद्री सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस तरह की घटनाएं बताती हैं कि महज तकनीक और विशाल जहाजों के भरोसे नहीं, बल्कि मजबूत सुरक्षा प्रोटोकॉल और तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन्स की भी सख्त जरूरत है।