कुंडली में सूर्य कमजोर हैं, तो ऐसे बदल सकता है आपका जीवन, जानें उपाय

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By Swati BisenPublished On: August 10, 2025
Weak Sun remedies

ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को सभी ग्रहों का राजा माना गया है। यह आत्मविश्वास, नेतृत्व, सम्मान और ऊर्जा का प्रतीक है। किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य जिस भाव और स्थिति में स्थित होता है, उसका सीधा असर उसके जीवन के हर पहलू पर पड़ता है। मजबूत सूर्य समाज में यश, प्रतिष्ठा और प्रगति का कारण बनता है, जबकि कमजोर सूर्य जीवन में बाधाएं और परेशानियां ला सकता है।

सूर्य के कमजोर होने के कारण

ज्योतिष के अनुसार, कुंडली में सूर्य के कमजोर माने जाने की कई स्थितियां होती हैं। जब सूर्य तुला राशि में नीच का हो, किसी अशुभ ग्रह के साथ युति में आ जाए या 6वें, 8वें या 12वें भाव में स्थित हो, तब इसका बल घट जाता है। इस स्थिति में व्यक्ति का आत्मविश्वास और निर्णय क्षमता कमज़ोर हो जाती है, जिससे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं।

कमजोर सूर्य के लक्षण

कुंडली में सूर्य कमजोर हैं, तो ऐसे बदल सकता है आपका जीवन, जानें उपाय

सूर्य के कमजोर होने पर इसके लक्षण व्यक्ति के व्यक्तित्व, स्वास्थ्य और सामाजिक जीवन में स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं—

  • आत्मविश्वास में कमी : हर कार्य में हिचकिचाहट और डर महसूस होना।
  • निर्णय लेने में कठिनाई : सही फैसले लेने में असमर्थता।
  • स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं : सिरदर्द, हृदय रोग, आंखों की परेशानी और पेट से जुड़ी बीमारियां।
  • करियर में रुकावट : नौकरी और व्यवसाय में सफलता पाने में बाधाएं।
  • पिता से मतभेद : पिता के साथ रिश्तों में खटास और सहयोग की कमी।
  • सम्मान की हानि : समाज में अपमान या प्रतिष्ठा में गिरावट।
  • मानसिक तनाव : नकारात्मक विचार, क्रोध और ईर्ष्या की प्रवृत्ति बढ़ना।
  • शारीरिक कमजोरी : थकान और ऊर्जा की कमी महसूस होना।
  • त्वचा और बालों की परेशानी : रूखापन, झड़ना और त्वचा संबंधी रोग।
  • दुर्घटनाओं की संभावना : दुर्घटनाओं का खतरा अधिक होना।

सूर्य को मजबूत करने के उपाय

ज्योतिष शास्त्र में कमजोर सूर्य को मजबूत बनाने के लिए कई पारंपरिक और प्रभावी उपाय बताए गए हैं—

  • सूर्य को अर्घ्य देना : प्रतिदिन सुबह तांबे के लोटे में जल भरकर सूर्य देव को अर्घ्य चढ़ाएं।
  • सूर्य नमस्कार : योग के सूर्य नमस्कार आसन का नियमित अभ्यास करें।
  • गायत्री मंत्र जाप : रोज़ 108 बार गायत्री मंत्र का उच्चारण करें।
  • सूर्य देव की पूजा : रविवार को विशेष रूप से सूर्य देव का पूजन करें।
  • दान-पुण्य : गरीबों को लाल वस्त्र, गेहूं, गुड़ और तांबे का दान करें।
  • पिता का सम्मान : पिता और पिता समान व्यक्तियों का आदर करें।
  • रविवार का व्रत : रविवार को उपवास रखें और सात्विक भोजन करें।

Disclaimer : यहां दी गई सारी जानकारी केवल सामान्य सूचना पर आधारित है। किसी भी सूचना के सत्य और सटीक होने का दावा Ghamasan.com नहीं करता।