ग्वालियर में आयोजित ‘अभ्युदय मध्य प्रदेश ग्रोथ समिट’ के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एक संबोधन ने प्रदेश की राजनीति में नई चर्चा छेड़ दी है। पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित इस कार्यक्रम में अमित शाह ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को ‘राजा साहब’ कहकर संबोधित किया। शाह के इतना कहते ही सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
अमित शाह जब मंच पर मौजूद अतिथियों का परिचय दे रहे थे, तभी उन्होंने सिंधिया के नाम के साथ यह विशेष संबोधन जोड़ा। राजनीतिक गलियारों में अब इस संबोधन के कई मायने निकाले जा रहे हैं। इसे केवल शिष्टाचार नहीं, बल्कि सिंधिया के बढ़ते सियासी कद के तौर पर देखा जा रहा है।
पांच साल में बदली सिंधिया की छवि
करीब पांच साल पहले कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुद को पार्टी के रंग में पूरी तरह ढाल लिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सिंधिया ने पिछले पांच वर्षों में बेहद ‘लो प्रोफाइल’ रहकर काम किया है। उनके बयानों या कार्यों को लेकर कोई विवाद सामने नहीं आया है। वे एक अनुशासित कार्यकर्ता की तरह अपनी भूमिका निभा रहे हैं।
वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर का कहना है कि अमित शाह जैसे वरिष्ठ नेता द्वारा सार्वजनिक मंच से सिंधिया को ‘राजा साहब’ कहना साधारण बात नहीं है। यह दर्शाता है कि पार्टी हाईकमान की नजर में सिंधिया का कद और महत्व दोनों बढ़ रहे हैं।
क्या मध्यप्रदेश में बन रहा नया पावर सेंटर?
ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में सिंधिया परिवार का प्रभाव हमेशा से रहा है और स्थानीय लोग उन्हें आज भी ‘महाराज’ कहकर ही बुलाते हैं। लेकिन अमित शाह द्वारा उनके गृह क्षेत्र में और प्रदेश के दिग्गज नेताओं की मौजूदगी में यह संबोधन देना एक बड़ा संकेत माना जा रहा है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश बीजेपी में एक नए शक्ति केंद्र (Power Center) के रूप में उभर रहे हैं?
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा जैसे दिग्गज नेता भी मौजूद थे। ऐसे में शाह का यह विशेषण सिंधिया की स्थिति को और मजबूत करता हुआ दिखाई देता है।
कांग्रेस ने कसा तंज
विपक्ष ने इस घटनाक्रम पर चुटकी लेने में देर नहीं की। कांग्रेस प्रवक्ता संगीता शर्मा ने इसे बीजेपी के अंदरूनी समीकरणों से जोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने यह साफ कर दिया है कि उनकी नजर में असली ‘राजा बेटा’ कौन है।
“सिंधिया गुट बीजेपी में पहले से ही था, अब उसे और ताकत मिल गई है। यह पुराने भाजपाइयों के लिए नया संकट खड़ा हो गया है। पहले ही वे कई मूल कार्यकर्ताओं का हक मार चुके हैं, अब आगे देखिए क्या होता है।” — संगीता शर्मा, कांग्रेस प्रवक्ता
ग्वालियर-चंबल की राजनीति में नरेंद्र सिंह तोमर, जयभान सिंह पवैया और भारत सिंह कुशवाहा जैसे कई बड़े चेहरे हैं। इन नेताओं के बीच सिंधिया का यह नया रूतबा भविष्य की राजनीति की दिशा तय कर सकता है। फिलहाल, अमित शाह का यह संबोधन प्रदेश की सियासत में चर्चा का केंद्र बना हुआ है।










