मध्य पूर्व में तनाव की चिंगारी एक बार फिर भड़क उठी है। इजरायल और सीरिया के बीच बढ़ते टकराव के बीच एक दिल दहला देने वाला वाकया सामने आया है। दमिश्क में एक टीवी चैनल की महिला एंकर लाइव न्यूज बुलेटिन पढ़ रही थी, तभी जोरदार धमाका हुआ। कैमरे के सामने ही वह डरी-सहमी इधर-उधर भागती नजर आई। दरअसल, यह धमाका इजरायल द्वारा सीरिया के सैन्य मुख्यालय पर किए गए ड्रोन हमले का नतीजा था।
लाइव न्यूज के दौरान हुआ हमला
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें देखा जा सकता है कि एक महिला एंकर न्यूज़ पढ़ रही है, तभी पास में एक भीषण विस्फोट होता है। गूंज इतनी तेज होती है कि वह तुरंत डरकर खड़ी हो जाती है और स्टूडियो से भागने लगती है। यह हमला दमिश्क स्थित रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रपति भवन के आसपास किया गया था, जो टीवी स्टेशन के बेहद करीब था।

दमिश्क के सैन्य मुख्यालय पर निशाना
इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने 16 जुलाई 2025 को दमिश्क में सीरियाई सेना के मिलिट्री हेडक्वार्टर के एंट्री गेट को ड्रोन से निशाना बनाया। इजरायली रक्षा मंत्री योव गैलांत काट्ज ने हमले की पुष्टि करते हुए कहा, “अब चेतावनियों का वक्त खत्म हो चुका है। अब दमिश्क में दर्दनाक प्रहार होंगे।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इजरायली सेना सीरिया के सुवैदा इलाके में ड्रूज समुदाय की सुरक्षा को लेकर अब सख्ती से कार्रवाई करेगी।
ड्रूज समुदाय की रक्षा में उतरा इजरायल
सुवैदा दक्षिणी सीरिया का वह इलाका है जहां ड्रूज समुदाय की बड़ी आबादी रहती है। बीते हफ्तों में यहां ड्रूज मिलिशिया और सीरियाई सेना के बीच झड़पें बढ़ गई थीं। इजरायली रक्षा मंत्री ने कहा है कि उनका देश अब ड्रूज समुदाय की रक्षा के लिए सीरिया में सैन्य हस्तक्षेप करेगा। उन्होंने चेतावनी दी, “अगर सीरियाई सेना वापस नहीं हटी, तो आने वाले दिनों में हमले और ज़्यादा घातक होंगे।”
पहले भी हो चुके हैं हमले
इजरायल ने सुवैदा के पास सीरियाई सेना के काफिले पर हमला किया था। इसमें कई सैनिक हताहत हुए। पिछले हफ्ते इजरायल ने दावा किया था कि सीरिया की ओर से ईरानी हथियारों का जमावड़ा हो रहा है, जिसे रोकना जरूरी है। 2024 में इजरायल ने दमिश्क एयरपोर्ट पर भी हमला कर ईरान समर्थित समूहों के ठिकानों को उड़ाया था।
युद्ध के कगार पर हैं इजरायल-सीरिया?
विश्लेषकों का मानना है कि इजरायल का यह हमला सिर्फ सामरिक नहीं, बल्कि रणनीतिक संदेश भी है कि वह अब केवल ईरानी हितों को नहीं, बल्कि सीरियाई शासन की आंतरिक नीतियों पर भी सीधे हस्तक्षेप करेगा। सुवैदा में ड्रूज समुदाय पर अत्याचार को लेकर इजरायल ने ‘मानवीय हस्तक्षेप’ की नीति अपनाई है, जो भविष्य में और भी विस्फोटक रूप ले सकती है।