कुबेरेश्वर धाम हादसे ने उठाए आयोजन की व्यवस्थाओं पर सवाल, मौतों पर न्यायिक जांच के आदेश, पं. प्रदीप मिश्रा पर कार्रवाई की मांग तेज

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By Raj RathorePublished On: August 7, 2025

सीहोर जिले के कुबेरेश्वर धाम में कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के धार्मिक कार्यक्रम के दौरान भगदड़ मच गई थी। जिसके चलते कई श्रद्धालुओं की मौत के बाद आयोजन की व्यवस्थाओं को लेकर गहन सवाल उठने लगे हैं। इस दुखद घटना ने प्रशासनिक लापरवाही और सुरक्षा इंतजामों की पोल खोल दी है। अब बीजेपी और कांग्रेस, दोनों ही राजनीतिक दलों के नेताओं ने आयोजन की प्रक्रिया पर गंभीर आपत्ति जताते हुए न्यायिक जांच की मांग की है।

सियासत में गर्मी, विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों ने उठाए सवाल

इस हादसे के बाद प्रदेश का सियासी माहौल गरमाया हुआ है। विपक्षी कांग्रेस के साथ-साथ सत्तारूढ़ बीजेपी के कई विधायकों ने आयोजन की व्यवस्था को लेकर नाखुशी जताई है। पूर्व मंत्री कुसुम महदेले और खंडवा विधायक कंचन तन्वे ने न केवल रुद्राक्ष वितरण को बंद करने की मांग की है, बल्कि कार्यक्रम की जवाबदेही तय करने की भी अपील की है। कांग्रेस विधायक राजेन्द्र सिंह ने तो इसे धार्मिक आडंबर करार देते हुए श्रद्धालुओं की जान के साथ खिलवाड़ बताया है।

मानव अधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, प्रशासन को भेजा नोटिस

घटना के बाद मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने इसे गंभीरता से लेते हुए सीहोर के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को नोटिस भी जारी किया है। आयोग ने पूछा है कि इतनी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए क्या इंतजाम किए गए थे, घायल श्रद्धालुओं को कब और कैसी मेडिकल सहायता दी गई और मृतकों के परिजनों को राहत देने की प्रक्रिया क्या रही। आयोग ने 15 दिनों के भीतर पूरी जानकारी की रिपोर्ट मांगी है।

रुद्राक्ष वितरण बना विवाद का केंद्र, उठी बंद करने की मांग

कुबेरेश्वर धाम में रुद्राक्ष वितरण को लेकर स्थिति काफ़ी बिगड़ी। दो दिनों के भीतर हुई 7 श्रद्धालुओं की मौत के बाद अब इस पर रोक लगाने की मांग तेज होती जा रही है। पूर्व मंत्री कुसुम महदेले ने इसे “जानलेवा धार्मिक प्रतीक वितरण” बताया और कहा कि भीड़ में इस तरह की वस्तुओं का वितरण अव्यवस्था को जन्म देता है। इसके अलावा बीजेपी विधायक कंचन तन्वे ने कहा कि धार्मिक आयोजन में ज्ञान का प्रचार होना चाहिए, न कि लोगों की जान को खतरे में डालने वाला कार्यक्रम।

कांग्रेस ने साधा निशाना, कहा – धर्म का नाम लेकर रचा जा रहा ढोंग

कांग्रेस विधायक राजेन्द्र कुमार सिंह ने पंडित प्रदीप मिश्रा के आयोजनों को “धार्मिक आडंबर” बताते हुए कहा कि धर्म का असली उद्देश्य लोगों को सही राह दिखाना होता है, न कि भीड़ में लोगों की जान को जोखिम में डालना। उन्होंने मांग की कि ऐसे आयोजनों की सख्ती से निगरानी की जाए और आयोजनकर्ता को जवाबदेह ठहराया जाए।

प्रशासन पर बढ़ा दबाव, जांच के आदेश और कार्रवाई शुरू

7 मौतों और कई घायलों के बाद प्रशासन पर चौतरफा दबाव बढ़ गया है। कलेक्टर और एसपी को जवाब देने के निर्देश भी दिए गए हैं। DJ ऑपरेटरों पर भी कार्रवाई शुरू हो चुकी है, जिन पर भगदड़ फैलाने में भूमिका निभाने का आरोप है। अब तक 8 DJ संचालकों के खिलाफ FIR दर्ज की जा चुकी है। प्रशासन का कहना है कि भीड़ के बीच तेज आवाज ने स्थिति को और ज्यादा बिगाड़ा।

भारी भीड़ और अव्यवस्था बनी मौत की वजह

मंगलवार से गुरुवार के बीच कुबेरेश्वर धाम में अलग-अलग हादसों में 7 श्रद्धालुओं की मौत हुई है। इनमें से कुछ की मौत भगदड़ में दबकर हुई, तो कुछ की तबीयत बिगड़ने के कारण बताई जा रही है। कांवड़ यात्रा के दौरान भारी भीड़ थी – अनुमान के मुताबिक दो लाख से अधिक लोग शामिल हुए। भीड़ के दबाव और व्यवस्थाओं की कमी से हालात काबू से बाहर हो गए।

DJ और भीड़ प्रबंधन बना सरकार की किरकिरी का कारण

घटनास्थल पर साउंड सिस्टम के अधिक इस्तेमाल, ट्रैफिक अव्यवस्था और मेडिकल सहायता की कमी ने इस हादसे को और भी ज्यादा गंभीर बना दिया। यह साफ हो गया कि आयोजकों और प्रशासन के बीच समन्वय की कमी थी। सरकार ने अब न्यायिक जांच की घोषणा कर दी है, ताकि जिम्मेदारों की स्पष्ट पहचान हो सके।