Bihar Cabinet Meeting: अगले 5 साल में एक करोड़ नौकरियों का लक्ष्य, रोजगार और विकास की ओर बढ़ता कदम

Dilip Mishra
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Bihar Cabinet Meeting: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बिहार मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य के युवाओं के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। बिहार सरकार ने वर्ष 2025 से 2030 के बीच 1 करोड़ नौकरी और रोजगार के अवसर सृजित करने का ऐलान किया है। इस घोषणा पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है, और इसे अमल में लाने के लिए विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन भी कर दिया गया है। यह कदम राज्य के आर्थिक विकास, युवा सशक्तिकरण और औद्योगिक विस्तार की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है। इस महत्वाकांक्षी योजना को धरातल पर उतारने के लिए विभिन्न विभागों के सहयोग से समेकित कार्ययोजना तैयार की जाएगी।

1 करोड़ रोजगार, एक ठोस रोडमैप के साथ

राज्य सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि ये नौकरियां केवल सरकारी क्षेत्र तक सीमित नहीं होंगी, बल्कि निजी उद्योग, सेवा क्षेत्र, एंटरप्रेन्योरशिप, शिक्षा, पर्यटन, कृषि, पशुपालन और तकनीकी स्टार्टअप्स सहित विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित किए जाएंगे। कमेटी में 11 प्रमुख विभागों के सचिवों को शामिल किया गया है, जिनमें वित्त, श्रम संसाधन, कृषि, उद्योग, शिक्षा, पर्यटन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सामान्य प्रशासन, ग्रामीण विकास और पशुपालन एवं मत्स्य विभाग शामिल हैं। ये विभाग संभावित रोजगार क्षेत्रों की पहचान कर योजनाएं तैयार करेंगे। विकास आयुक्त इस पूरी योजना के क्रियान्वयन की निगरानी करेंगे और राज्य सरकार को समय-समय पर रिपोर्ट और सिफारिशें देंगे।

गंगा पथ परियोजना को मिली मंजूरी

बैठक में बिहार के मुंगेर से सबौर तक गंगा किनारे बनने वाली 83 किलोमीटर लंबी गंगा पथ परियोजना को भी स्वीकृति दी गई। इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर 9970 करोड़ रुपये खर्च होंगे। गंगा पथ बनने से मुंगेर और भागलपुर जैसे शहरी क्षेत्रों में जाम की समस्या कम होगी और नागरिकों को सुरक्षित, वैकल्पिक और सुगम यातायात व्यवस्था मिल सकेगी। इस परियोजना से शहरी कनेक्टिविटी, पर्यटन, और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नई गति मिलने की उम्मीद है।

अन्य अहम फैसले

कैबिनेट की बैठक में सुरक्षा, शिक्षा और आधारभूत संरचना पर भी फोकस दिया गया है। कैबिनेट बैठक में 30 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर सहमति बनी। बम निरोधक दस्ता के कर्मियों को 25,000 रुपये के मूल वेतन पर 30% का मासिक जोखिम भत्ता, बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन पुल के संशोधित एस्टीमेट को मंजूरी, लागत अब 3923 करोड़ रुपये, व्यवसाय दुर्घटना मृत्यु अनुदान योजना के तहत व्यक्तिगत टैक्स देने वाले व्यापारियों की दुर्घटना में मृत्यु होने पर उनके परिजनों को 5 लाख रुपये का मुआवजा, अशासकीय विद्यालयों के संचालन हेतु 3.94 अरब रुपये की स्वीकृति, पुनर्नवीकरणीय ऊर्जा के लिए बिहार पंप स्टोरेज नीति 2025 को मंजूरी, अनुमानित निवेश 1 लाख करोड़, पटना मेटो परियोजना के मेंटेनेंस हेतु 179 करोड़ की राशि तथा ट्रेन किराये के लिए 21.15 करोड़ की स्वीकृति मिली है।

शिक्षा और जल आपूर्ति क्षेत्र में निवेश

सात निश्चय योजना के तहत 46 राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थानों को 80 करोड़, और 38 राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालयों को 90 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति, अमृत 2.0 योजना के तहत दानापुर जलापूर्ति परियोजना के लिए 99.99 करोड़ की राशि स्वीकृत, मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण के लिए बीएलओ व सुपरवाइजरों को एकमुश्त 6000 रुपये के अतिरिक्त मानदेय, कृषि और सिंचाई परियोजनाओं को भी बढ़ावा, पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के विस्तारीकरण और आधुनिकीकरण के लिए 7832.29 करोड़ रुपये की स्वीकृत, साथ ही, चिकित्सा सेवा में लापरवाही बरतने के आरोप में चार डॉक्टरों को सेवा से बर्खास्त करने का भी निर्णय लिया गया।

आर्थिक समृद्धि की दिशा में मजबूत कदम

बिहार सरकार के इस फैसले से यह साफ है कि आने वाले पांच वर्षों में रोजगार और आधारभूत विकास राज्य की प्राथमिकता में होगा। राज्य के युवाओं के लिए नौकरी और स्वरोजगार के नए विकल्प तलाशने के इस अभियान से न सिर्फ आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी, बल्कि बिहार की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में भी सुधार आएगा। यदि यह योजना धरातल पर उतरी तो यह बिहार के इतिहास में रोजगार सृजन की सबसे बड़ी पहल साबित हो सकती है।