उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में हाल ही में हुई मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। भारी बारिश के कारण जिले में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई, जिससे कई मार्ग प्रभावित हुए हैं। सबसे चौंकाने वाली घटना चित्रकूट के भौंरी-बघवारा रोड की है, जहां बाल्मिक नदी पर राज्य सेतु निगम द्वारा 10 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया पुल उद्घाटन से पहले ही ध्वस्त हो गया। पुल का एप्रोच हिस्सा बारिश में धंस गया, जिससे लोगों में आक्रोश है।
आवागमन पूरी तरह बाधित, ग्रामीण परेशान

पुल के क्षतिग्रस्त होने से भौंरी-देहरुचमाफी-राजापुर मार्ग पर आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है। कल्याणपुर गांव के पास बरदहा नदी पर बने इस पुल के धंसने के कारण सैकड़ों गांवों का संपर्क टूट गया है। प्रशासन ने पुल को पूरी तरह बंद कर दिया है और वैकल्पिक मार्ग तलाशने की कवायद शुरू कर दी गई है। ग्रामीणों का कहना है कि इस पुल से रोज़ाना सैकड़ों वाहन गुजरते थे और अब उनकी दिनचर्या पर गहरा असर पड़ा है।
विपक्ष का सरकार पर हमला, उठे भ्रष्टाचार के सवाल
इस हादसे को लेकर उत्तर प्रदेश की सियासत भी गरमा गई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि “भाजपा राज में 10 करोड़ की लागत से बना चित्रकूट का पुल उद्घाटन से पहले ही गिरा। भाजपा का भ्रष्टाचार भरभरा कर गिर रहा है… कभी टंकी, कभी पुल…”। इसके साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि बिना उद्घाटन के पुल कैसे गिर सकता है और जांच की मांग की।
पूर्व सपा जिलाध्यक्ष अनुज यादव ने भी सरकार और निर्माण एजेंसियों पर हमला बोलते हुए कहा कि “बीजेपी सिर्फ हवा के पुल बना रही है। ये पुल भ्रष्टाचार का जीता-जागता उदाहरण है। अगर समय रहते कोई पुल से गुजर रहा होता, तो बड़ा हादसा हो सकता था।”
सेतु निगम की सफाई, जल्द मरम्मत का दावा
सेतु निगम के उप परियोजना प्रबंधक सीपी दिवाकर ने इस मुद्दे पर सफाई देते हुए बताया कि “भारी बारिश के कारण साइड की मिट्टी बह गई है, जिससे सड़क और एप्रोच हिस्सा धंस गया है। ठेकेदार को मौके पर भेज दिया गया है और काम जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा।” हालांकि यह स्पष्टीकरण स्थानीय लोगों और विपक्षी दलों को संतुष्ट नहीं कर पाया है।