साहित्य

सौम्य अजय राठौर नहीं रहे…

सौम्य अजय राठौर नहीं रहे…

By Shivani RathoreMay 9, 2021

सहसा विश्वास ही नहीं हो रहा है कि एक मनोहारी मुस्कान,तनाव रहित रहकर सबको खुश रखने वाला, सिद्धान्तों को समर्पित और आज के युग में वास्तविक ईमानदार अनुज अजय राठौर

माँ पर विशेष

माँ पर विशेष

By Ayushi JainMay 9, 2021

देवेन्द्र बंसल माँ के बगेर ज़िंदगी नीरस है वह माँ है जो अपना सब भूलकर ,तुम्हें जन्नत दिखा दे ,खुद भूखी रह ले तुम्हें खिला दे ,हर मुश्किलों में सहारा

विश्व मातृ दिवस पर स्वर्गीय माँ के लिए मेरी कविता

विश्व मातृ दिवस पर स्वर्गीय माँ के लिए मेरी कविता

By Mohit DevkarMay 9, 2021

धैर्यशील येवले इंदौर जब मैं निराशा से भर जाता हूँ माँ को खोजता हूँ माँ ,माँ तुम कहा हो ,माँ मैं माँ को चहु और खोजते, माँ कहि नही पा

दमोह उपचुनाव के परिणाम और राम प्रसाद

दमोह उपचुनाव के परिणाम और राम प्रसाद

By Shivani RathoreMay 4, 2021

इस चित्र मैं और वर्दी में प्रधान आरक्षक राम प्रसाद है। राम प्रसाद मेरी दमोह में पुलिस अधीक्षक की पदस्थापना के समय मेरे ड्राइवर थे। वो मेरी जीप को बहुत

ममता का खेला और मोदी-शाह की चूक ..!

ममता का खेला और मोदी-शाह की चूक ..!

By Shivani RathoreMay 3, 2021

@ राजेश ज्वेल मैं प्रशांत किशोर तो नहीं हूं , लेकिन अपने लंबे पत्रकारिता के अनुभव और थोड़ी मैदानी समझ से यह बात दावे से कह सकता हूं कि अगर

“हो तिमिर कितना भी गहरा” की कुछ पंक्तियां भारतीय थल सेना ने की ट्विटर पर शेयर

“हो तिमिर कितना भी गहरा” की कुछ पंक्तियां भारतीय थल सेना ने की ट्विटर पर शेयर

By Ayushi JainMay 3, 2021

हर्षवर्धन प्रकाश हो तिमिर कितना भी गहरा; हो रोशनी पर लाख पहरा; सूर्य को उगना पड़ेगा, फूल को खिलना पड़ेगा। हो समय कितना भी भारी; हमने ना उम्मीद हारी; दर्द

इसलिए जीती जंग

इसलिए जीती जंग

By Ayushi JainMay 1, 2021

सतीश जोशी है विषम कोरोना महामारी तो क्या हौसलों को पंख दो। अपनों ने जिन्दगी हारी है, उससे हम विचलित भी हैं। इससे हम जंग छोडकर, पीछे हटने वाले नहीं

मास्क

मास्क

By Ayushi JainMay 1, 2021

धैर्यशील येवले जिंदगी मास्क जिंदगी मास्क सुन प्यारे सुन जिंदगीआस्क जीते है सभी मुखोटे लगा के एक और सही जिंदगी मास्क चेहरे चेहरे पर जब हो मास्क तभी देना उसे

खरी खरी

खरी खरी

By Ayushi JainApril 30, 2021

धैर्यशील येवले कमी नही सफिनो की कमी नही कमीनो की लाशो पे कर रहे सौदे ऐसे शफाखानो की उखड़ती साँसे है नफा कमालो खूब इस दफा जिस्मो में पड़ेंगे कीड़े

डरो ना

डरो ना

By Mohit DevkarApril 29, 2021

कोई कहि पर जाओ मत किसे भी घर बुलाओ मत समय अभी महामारी का उतावलापन दिखाओ मत हो मास्क हमेशा चेहरे पर रहो खड़े दो गज दूरी पर यहाँ वहाँ

कैसी बात करता है रे राजेश, क्या उल्टा पुल्टा लिखता है समझता नहीं है बच्चा है तू

कैसी बात करता है रे राजेश, क्या उल्टा पुल्टा लिखता है समझता नहीं है बच्चा है तू

By Shivani RathoreApril 28, 2021

राजेश राठौर बात उन दिनों की है जब.. पत्रकारिता के शुरुआती दिनों में मोती तबेला के कलेक्ट्रेट की पुरानी बिल्डिंग में मेरा रोजाना जाना हुआ करता था। यही कोई शाम

निर्मल उपाध्याय और महेंद्र गगन पीछे छोड़ गए अपना रचना कर्म

निर्मल उपाध्याय और महेंद्र गगन पीछे छोड़ गए अपना रचना कर्म

By Shivani RathoreApril 28, 2021

अर्जुन राठौर कोरोना महामारी ने देशभर के अनेक पत्रकारों और लेखकों को छीन लिया अभी-अभी खबर आई कि महेंद्र गगन और निर्मल उपाध्याय हमारे बीच नहीं रहे इन दोनों से

आज सपने में आए स्वर्गीय शंभू काकू (सुप्रसिद्ध लोककवि)

आज सपने में आए स्वर्गीय शंभू काकू (सुप्रसिद्ध लोककवि)

By Ayushi JainApril 28, 2021

स्वर्गीय शंभू काकू (सुप्रसिद्ध लोककवि) आज सपने में आए। पान-सुपारी, पैलगी- प्रणाम के बाद मैंने पूछा, काकू आज का लिख के लाए( देशबंधु में प्रतिदिन उनका सुप्रसिद्ध कालम ‘शंभू काकू

गज़ल

गज़ल

By Ayushi JainApril 28, 2021

धैर्यशील येवले कहा है बताओ उसे क्या गिला है जहाँ में अकेला मुझे वो मिला है मुझे देख गाते उसे भी बुलाया खुले में गवाओ उसे जो मिला है जवानी

दाता मेरे

दाता मेरे

By Mohit DevkarApril 27, 2021

धैर्यशील येवले दया करो हे दाता मेरे दया करो हे दाता मेरे तुम्ही दयाला दाता मेरे तुम्ही कृपाला दाता मेरे हमें दिखा दो न राहे सभी हमें सिखा दो न

देखते देखते

देखते देखते

By Ayushi JainApril 26, 2021

धैर्यशील येवले इंदौर आंखे है दहकी दहकी बातें है बहकी बहकी मैं बस देखता ही रहा वो  गया देखते देखते हालात बिगड़े बिगड़े रहनुमा तगड़े तगड़े रोक सकते थे उसे

अश्क़

अश्क़

By Shivani RathoreApril 24, 2021

धैर्यशील येवले, इंदौर दिल खोल कर रोना चाहता हूँ पर रो नही पा रहा हूँ आँसू बार बार बाहर आने को है पर रोक नही पा रहा हूँ । मेरे

यकीन रख

यकीन रख

By Shivani RathoreApril 23, 2021

धैर्यशील येवले, इंदौर   शहर कुछ मेरे दिल सा हो गया सुना सुना बियाबान सा हो गया दरक रहे है रिश्ते यहाँ पर हर शख्स परेशान सा हो गया दर्द दिल

आज विश्व पृथ्वी दिवस है

आज विश्व पृथ्वी दिवस है

By Mohit DevkarApril 22, 2021

धैर्यशील येवले जो है, मेरे घर की छत वही है ,दीवारें मेरे घर की इसे कहते है , आकाश , यही तो मेरा घर है । ये वृक्ष , पशु

बस तुम बोलना, कड़वा बोलते रहना

बस तुम बोलना, कड़वा बोलते रहना

By Mohit DevkarApril 22, 2021

कीर्ति राणा आदि पुरुष की मिश्री जैसी मीठी बातों में मशगूल लोग तुम्हारी नहीं सुन पाएंगे पर तुम बोलना कड़वा बोलते रहना। झकझोर कर याद भी दिलाना हिंदू नव वर्ष

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