दमोह उपचुनाव के परिणाम और राम प्रसाद

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By Shivani RathorePublished On: May 4, 2021

इस चित्र मैं और वर्दी में प्रधान आरक्षक राम प्रसाद है। राम प्रसाद मेरी दमोह में पुलिस अधीक्षक की पदस्थापना के समय मेरे ड्राइवर थे। वो मेरी जीप को बहुत ही अच्छी हालत में रखते थे। उन्हें दमोह ज़िले की सभी सड़कों और गलियों का पूरा ज्ञान था यहाँ तक कि जंगल के सभी रास्तों से भी वे परिचित थे।

वे ड्राइवर तथा गनमैन रूप में हमेशा मेरे साथ रहते थे।दौरे पर जाने पर यदि मैं बाहर रात्रि विश्राम नहीं करके आधी रात के बाद अपने निवास पर लौट आता तो राम प्रसाद धूल भरी जीप को पानी से धो कर सुबह के लिए तैयार रखते थे। डाकू विरोधी अभियान में उन्होंने बड़ी निष्ठा के साथ मेरे साथ काम किया।सिख दंगों के समय उन्होंने मेरी जान बचायी थी तथा उस घटना का उल्लेख कुछ वर्षों पूर्व मैंने सोशल मीडिया पर किया था तथा वह एक समाचार पत्र में प्रकाशित हुआ था।

दमोह उपचुनाव के परिणाम और राम प्रसाद

दमोह से आने के बाद भी राम प्रसाद अक्सर मेरे पास भोपाल आते रहते थे और वह सिलसिला हम दोनों की सेवानिवृत्ति के बाद आज भी जारी है। वे मोबाइल पर भी मुझसे अक्सर बात कर लेते हैं। राम प्रसाद काफ़ी कमज़ोर हो गये है जो उनके बात करने और चलने से स्पष्ट होता है।

क़रीब 15 दिन पहले उनका फ़ोन मेरे पास आया था। कुछ इधर उधर की बातें करने के बाद मैंने उनसे दमोह उप चुनाव के रिज़ल्ट के बारे में पूछा।राम प्रसाद ने जवाब दिया, “आपको तो दमोह के बारे में और यहाँ के परिवारों के बारे में ख़ुद ही बहुत जानकारी है। फिर भी आप अगर इस छोटे आदमी से पूछ रहे हैं तो मैं बताता हूँ कि हर हाल में अजय टंडन जीतेंगे। मैं आपसे झूठ नहीं बोल रहा हूँ।” उसी क्षण मुझे मालूम था कि उसके दैवीय शब्द सत्य हैं।