आर्टिकल
कोरोना काल ने देश के हजारों पत्रकारों को बेरोजगार कैसे कर दिया ?
हिंदी पत्रकारिता का संकट – 4 अर्जुन राठौर इसमें कोई दो मत नहीं है कि कोरोना कॉल पत्रकारों के लिए बेहद दुखद रहा हजारों पत्रकारों की नौकरियां चली गई उनके
बजट पर एक चैनलिया बहस
जयराम शुक्ल अपने देश में बजटोत्सव वैसे ही एक अपरिहार्य कर्मकाण्ड है, जैसे कि वार्षिक श्राद्ध। श्राद्ध शोकोत्सव है, शोक भी उत्सव भी। अपने देश का बजटप्रपंच ‘उनके’ लिए शोक
क्या ट्रम्प के हार जाने से हम वाक़ई परेशान हैं ?
श्रवण गर्ग अमेरिका में हुए उलट-फेर पर भारत के सत्ता प्रतिष्ठान का पूरी तरह से सहज होना अभी बाक़ी है। किसान आंदोलन के हो-हल्ले में इस ओर ध्यान ही नहीं
आंदोलनकारी कभी नहीं हारते विलम्ब चाहे जितना हो जाए, वे जीतते हैं, जीतेंगे – सुरेश पटेल
हम किसान के बेटे हैं, किसान परिवार का होने के नाते हमारे परिवार का कृषि,बाजार एव सरकारी अफसरोंं एवं नेताओं से तीन पीढ़ियों का नाता है ।हमारे अनेक साथी किसान
क्या वास्तव में यूट्यूब ने हिंदी पत्रकारिता को नई दिशा दी है ?
हिंदी पत्रकारिता का संकट -3 अर्जुन राठौर क्या वास्तव में हिंदी पत्रकारिता को यूट्यूब ने एक नई दिशा दी है इस पूरे मामले का अगर विश्लेषण करें तो पता चलता
इन्हें निहंग कह रहे हैं तो आप भी साजिश में शामिल हैं…
धर्मेंद्र पैगवार जिस दिन से किसानों का आंदोलन दिल्ली में शुरू हुआ उसी दिन से इसके पीछे किसी देश विरोधी ताकत की साज़िश नजर आ रही थी। गणतंत्र दिवस के
‘किसान आंदोलन’ के प्रति बदला आम जनता का नजरिया
( गिरीश मालवीय ) पिछले दो दिनों से किसान आंदोलन के प्रति आम जनता का नजरिया बदलता हुआ देख कर अमरीकी नागरिक अधिकार कार्यकर्ता मैल्कम एक्स की इस उक्ति पर
हिंदी पत्रकारिता का संकट, संपादकों की बदलती भूमिका को हमें स्वीकार करना चाहिए
अर्जुन राठौर अब समय आ गया है कि हमें आज के संपादकों की बदलती हुई भूमिका को स्वीकार कर लेना चाहिए संपादकों को कोसने और गाली देने से कुछ भी
भारतीय लोकतंत्र के सामने कई सवाल, जिनके लिए उत्तरदायी कौन?
सतीश जोशी लोकतंत्र में सत्ता परिवर्तन और दलों की हार-जीत होती रहेगी, समस्याएं बनती-बिगड़ती रहेंगी और जनता उनसे जूझती रहेगी परंतु हमें सोचना होगा कि कहीं हमारे पूर्वजों की कुर्बानी
राज-काज: सवालों के घेरे में माफिया पर कार्रवाई
* दिनेश निगम ‘त्यागी’ – माफिया के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सरकार कटघरे में है। जब कम्प्यूटर बाबा के खिलाफ कार्रवाई हुई, तब आरोप लगे थे कि बाबा भाजपा में
ख़ौफ़ के साए में एक लम्बी अमेरिकी प्रतीक्षा का अंत !
-श्रवण गर्ग बीस जनवरी, मंगलवार की रात लगभग सवा दस बजे जब भारत के नागरिक सोने की तैयारी कर रहे थे वाशिंगटन में दिन के पौने बारह बज रहे थे।
गणतंत्र दिवस पर अफ्रीका के मेरू पर्वत पर लहराया जाएगा स्वच्छता का परचम
इंदौर: इंदौर की सफाई का डंका अब अफ्रीका के मेरू पर्वत पर भी बजेगा। पांचवी बार इंदौर को देश का सबसे स्वच्छ शहर बनाने के लिये यहाँ के नागरिक हरसंभव
गोल्डन फॉरेस्ट की भूमि का विक्रय कराने वाले सर्विस प्रोवाइडर का लायसेंस निरस्त
इंदौर :अपर कलेक्टर श्री मयंक अग्रवाल ने वरिष्ठ जिला पंजीयक को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रतिबंधित गोल्डन फॉरेस्ट की भूमि का विक्रय विलेख निष्पादित कर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना
फर्जी अन्ना के बाद अब फर्जी कक्का
महेंद्र यादव मंदसौर के किसान आंदोलन के समय टीवी चैनलों पर आंदोलन के सूत्रधार और प्रणेता के रूप में एक शातिर संघी प्रकट होने लगा था। नाम था- शिवकुमार शर्मा।
ट्रम्प का अधोपतन-पिछली परंपराओं से भारी गिरावट
एन के त्रिपाठी एक देश, विशेष रूप से लोकतंत्र, लोगों के फैसले के साथ नेतृत्व के सुचारू हस्तांतरण की प्रक्रिया से आंका जाता है। ट्रम्प को कुछ ही घंटों बाद
किसे चोर माने किसे नहीं
नितेश पाल माफियाओं मप्र की धरती छोड़ दो… ये भाषण लगातार पिछले कुछ दिनों से प्रदेश के मुखिया के मुंह से सुन रहा हूं। सुनने में ये अच्छा भी लग
राजदीप अब एक आर्टिकल किसानों के नुक़सान पर भी लिख दें !
-श्रवण गर्ग राजदीप सरदेसाई की गिनती देश के बड़े पत्रकारों में होती है।वे मूलतः अंग्रेज़ी में लिखते हैं पर पढ़े हिंदी में ज़्यादा जाते हैं। अंग्रेज़ी के अधिकांश पत्रकारों की
राज-काज
* दिनेश निगम ‘त्यागी’ उफ़, नेताओं की यह कैसी भाषा, कैसे संस्कार…. – लंबे समय तक सार्वजनिक जीवन में रहने के बावजूद कई नेता अपने बयानों के जरिए किस तरह
खराब आटा सबसे ज्यादा फैला रहा है बीमारियां…
केदार सिरोही की कलम से आप एक प्रयोग करें गेहूं का आटा पिसवा कर उसे दो तीन महीने Store करने का प्रयास करें, आटे में कीड़े पड़ जाने स्वाभाविक हैं
अब बडा तमाशा यानि बडा समाचार
ब्रजेश राजपूत देश मेरा रंगरेज ओ बाबू,,,, घाट घाट यहां घटता जादू,,, मेरी पसंदीदा फिल्म का ये गाना जाने क्यों दिन सुबह से ही दिमाग में गूंज रहा है। बात