महिला साहित्य समागम में पधारी पद्मा राजेंद्र, बताया अपने 3 साल का अनुभव

Akanksha
Published on:

Indore: महिला साहित्य समागम में पद्मा राजेंद्र ने दी अपनी उपस्थिति। इस दौरान पद्मा राजेंद्र ने कहा कि, “परमात्मा सुबह 2 रास्ते देता है पहला उठिए और मन चाहे सपने पूरे कीजिये और दूसरा सोते रहिये और अपने मन चाहे सपने पूरे होते हुए देखते रहिए। जिंदगी आपकी है तो फैसला भी आपका है ऐसे ही फैसले की घडी 3 साल पहले मेरे सामने आई थी। घमासान.कॉम पर एक इंटरव्यू के लिए गई थी वहां मेरी मुलाकात ऊर्जावान व्यक्ति राजेश राठौर से हुई।”

ALSO READ: अश्लीलता महिला लेखन का विषय नहीं होना चाहिए- प्रसिद्ध लेखिका विमला व्यास

घमासान.कॉम से पहली मुलाकात के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि, “पहली मुलाकात में उन्होंने कहा कि, हम एक आयोजन करते है जो अखिल भारतीय स्तर का हो और उसमे देश भर के साहित्यकार आए और मेने वही तय कर लिया। इसके बाद मेने घर आकर चर्चा की और तभी माइंड सेट हो गया था और इसीलिए हो गया क्योकि स्टिज का एक बहुत बड़ा प्रोग्राम देखा था। तब से ही मेरे मन में एक अरमान था और मैं ज्योति से कहती थी कि हमको एक बड़ा कार्यक्रम इसी तरह से करना है और हमारा यह सपना राजेश राठौर जी के कारण पूरा किया।”

इसके बाद उन्होंने आगे कहा कि, दूसरी मुलाकात में मैंने उन्हें जीन का दर्जा दे दिया। जिन उन्हें इसीलिए कहा क्योकि जब भी हम कुछ कहते कि हमे ये करना है। वो हमेशा बोलते कि हो जाएगा हालांकि कभी-कभी लेट हो जाता था लेकिन उन्होंने माना कभी नहीं किया। हमेशा यही कहा कि हो जाएगा आप चिंता मत कीजिये। अखिल भारतीय महिला साहित्य समागम का आयोजन और महिला साहित्यकारों को आमंत्रित करना सभी लेखिका को बुलाना इतना आसान नहीं था। बहुत मुश्किल था सबको यह कहना, समझना लेकिन जो एक बार आए वो दोबारा भी आना चाहते थे। साथ ही सबसे अच्छी बात यह रही कि, हमारे उनके साथ जीवन संबंध है।

पद्मा राजेंद्र ने कहा कि, “अखिल भारतीय महिला साहित्य समागम का आयोजन जो हम कर चुके थे उसमे जो अतिथि और सहभागी पधारे थे जिनसे आज तक हमारे जीवन संबंध है। उनकी जो मौजूदगी है वो हमे बहुत आश्वस्त कर रही है साथ ही एक ऊर्जा का संचार भी कर रही है की हमारे कदम सही दिशा में बढ़ रहे है। हम इस कार्यक्रम को अंतरास्ट्रीय स्तर पर करना चाह रहे थे लेकिन कोरोना महामारी की वजह से नहीं कर पाए।” उन्होंने कहा कि, प्रथम समागम के वक़्त जब मैने विकास जी को सूचना दी कि हम इस तरह का आयोजन कर रहे है तो उन्होंने बहुत अच्छा प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा कि, दीदी देवपुत्र में हमारे पास कुछ रूम खाली है तो आप अपने अतिथियों को वहां ठहरा दीजिए।