Ravichandran Ashwin Viral Video : भारत के दिग्गज स्पिन गेंदबाज आर अश्विन एक बार फिर सुर्खियों में हैं, और इस बार उनका कारण उनके द्वारा दिया गया बयान है। यह बयान अश्विन ने तमिलनाडु के चेन्नई स्थित एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज के स्नातक समारोह के दौरान दिया, जिसे सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल किया गया। उनके इस बयान ने भाषा के मुद्दे को लेकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है।
“हिंदी राष्ट्रीय भाषा नहीं” – अश्विन का विवादित बयान
अश्विन ने मंच पर आते ही सबसे पहले यह सवाल किया कि कितने लोग अंग्रेजी समझते हैं, इसके बाद उन्होंने तमिल और हिंदी के बारे में भी सवाल किया। जैसे ही अश्विन ने ‘तमिल’ शब्द का उल्लेख किया, कॉलेज में हर्षोल्लास की लहर दौड़ गई। फिर उन्होंने हिंदी के बारे में सवाल किया, लेकिन इस बार भीड़ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। तब उन्होंने कहा, “मैंने सोचा कि मुझे यह कहना चाहिए, हिंदी एक आधिकारिक भाषा है, न कि राष्ट्रीय भाषा।”
Ravichandran Ashwin : Hindi is not our national language, it is just an official language like many others. ( FACT)
Entire BJP Tamil Nadu and Sanghis have started targeting him, some are calling him Anti National and DMK agent.
This is the respect they have for a national… pic.twitter.com/KY54R2GQ3p
— Roshan Rai (@RoshanKrRaii) January 10, 2025
यह बयान सुनकर कई लोग चौंक गए, क्योंकि भारत के संविधान में हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में दर्ज किया गया है, जबकि तमिलनाडु में हमेशा से इस भाषा को लेकर संवेदनशीलता रही है। भारत के संविधान में हिंदी को संघ की आधिकारिक भाषा के रूप में पहचाना गया है, जबकि अंग्रेजी को दूसरी आधिकारिक भाषा के रूप में रखा गया है। तमिलनाडु समेत कई राज्यों में हिंदी को लेकर विवाद और असहमति रही है, और यह बयान इस जटिल मुद्दे को और भी तूल दे सकता है।
अश्विन का इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास
आर अश्विन ने हाल ही में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला। अश्विन ने भारतीय टेस्ट क्रिकेट के लिए 537 विकेट हासिल किए थे। हालांकि, वे आईपीएल 2025 में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के लिए खेलते हुए दिखाई देंगे, और क्रिकेट के मैदान पर उनका प्रभाव कायम रहेगा।
सोशल मीडिया पर फैंस की प्रतिक्रिया
अश्विन के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना और समर्थन दोनों देखने को मिल रहे हैं। कुछ फैंस उनके बयान को भारत की भाषाई विविधता की एक और झलक मान रहे हैं, जबकि कुछ इस बयान को संवेदनशील मुद्दे के रूप में देख रहे हैं। इस तरह के बयानों ने एक बार फिर भारतीय भाषाओं और उनकी अहमियत को लेकर बहस को तूल दिया है।