इंदौर में बनेगा MP का सबसे बड़ा अस्पताल, 773 करोड़ रुपए होंगे खर्च, सीएम मोहन यादव ने किया भूमिपूजन

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By Raj RathorePublished On: December 15, 2025

Indore MY Hospital : मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर को स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में एक बड़ी सौगात मिली है. सेंट्रल इंडिया के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में शुमार महाराजा यशवंत राव (MY) हॉस्पिटल का अब पूरी तरह से कायाकल्प होने जा रहा है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को अस्पताल के नए भवन का भूमिपूजन किया. यह प्रोजेक्ट 773 करोड़ रुपये की लागत से पूरा होगा, जिसके बाद यह प्रदेश का सबसे बड़ा और आधुनिक अस्पताल बन जाएगा.

इस नए प्रोजेक्ट के तहत अस्पताल की क्षमता को बढ़ाकर 1450 बिस्तरों का किया जा रहा है. खास बात यह है कि यहां मरीजों को बोन मैरो ट्रांसप्लांट और किडनी ट्रांसप्लांट जैसी जटिल और महंगी चिकित्सा सुविधाएं पूरी तरह निशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी.

70 साल पुराना इतिहास और नया स्वरूप

इंदौर का एमवाय अस्पताल 1952 से मध्य प्रदेश और आसपास के राज्यों के मरीजों के लिए ‘लाइफलाइन’ बना हुआ है. करीब 70 साल पहले महाराजा यशवंत राव होलकर द्वारा बनवाई गई यह सात मंजिला इमारत अब अपनी उम्र पूरी कर चुकी है. इसी को देखते हुए सरकार ने इसे नए सिरे से बनाने का निर्णय लिया है.

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इंदौर शहर जिस तरह प्रदेश का गौरव है, उसी तरह एमवाय अस्पताल की भी अपनी एक विशिष्ट पहचान है. नए भवन के निर्माण से न केवल मध्य प्रदेश, बल्कि सीमावर्ती राज्यों के मरीजों को भी विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी.

“प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं में पिछले 11 वर्षों से लगातार वृद्धि हो रही है. सरकार नागरिकों की सुविधाओं में वृद्धि के लिए दिन-रात प्रयास कर रही है. नए अस्पताल के निर्माण में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए.” — डॉ. मोहन यादव, मुख्यमंत्री

नए अस्पताल में क्या होगा खास?

मध्य प्रदेश भवन विकास निगम द्वारा तैयार किए जा रहे इस नए अस्पताल का सेटअप बेहद आधुनिक होगा. 1450 बिस्तरों वाले इस अस्पताल के निर्माण पर अकेले 528 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसके अलावा अन्य सुविधाओं के लिए अलग बजट निर्धारित किया गया है.

विभागवार बिस्तरों की संख्या:

  • मेडिसिन वार्ड: 330 बेड
  • सर्जरी विभाग: 330 बेड
  • ऑर्थोपेडिक्स विभाग: 180 बेड
  • इमरजेंसी मेडिसिन वार्ड: 180 बेड
  • मातृ एवं शिशु वार्ड: 100 बेड
  • शिशु रोग वार्ड: 100 बेड
  • नेत्र वार्ड: 80 बेड
  • शिशु रोग सर्जरी: 60 बेड
  • न्यूरो सर्जरी: 60 बेड
  • नाक-कान-गला विभाग: 30 बेड
  • दंत एवं त्वचा रोग: 20-20 बेड

बुनियादी ढांचे पर विशेष जोर

सिर्फ अस्पताल भवन ही नहीं, बल्कि पूरे परिसर को अपग्रेड किया जा रहा है. प्रोजेक्ट में 550 बिस्तरों वाले नर्सिंग हॉस्टल के लिए 21.37 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा शैक्षणिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए 250 सीटर मिनी ऑडिटोरियम बनाया जाएगा, जिस पर 1.60 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

मरीजों और उनके परिजनों की सुविधा के लिए सार्वजनिक पार्किंग पर 31.50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. वहीं, विद्युतीकरण, बाउंड्रीवॉल और सोलर पैनल जैसी व्यवस्थाओं के लिए 25.53 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. सीवेज ट्रीटमेंट और वाटर सप्लाई के लिए भी करीब 10 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है.

भूमिपूजन कार्यक्रम में नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और स्वास्थ्य राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल भी मौजूद रहे. मुख्यमंत्री ने इस मौके पर निर्माण एजेंसी के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि वे गुणवत्ता से कोई समझौता न करें.