प्रदेश के इन जिलों में सामान्य से अधिक होगी बारिश, IMD का पूर्वानुमान

मध्यप्रदेश में इस साल मानसून सामान्य से बेहतर रहने की उम्मीद है, भारतीय मौसम विभाग के अनुसार 104% से 106% तक बारिश हो सकती है। जबलपुर और शहडोल संभाग में सबसे अधिक वर्षा के आसार हैं। पिछली बार की तुलना में इस बार और बेहतर मानसून की संभावना जताई गई है।

Srashti Bisen
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मध्यप्रदेश के किसानों और आम नागरिकों के लिए खुशखबरी है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के ताज़ा पूर्वानुमान के अनुसार, इस बार प्रदेश में मानसून मेहरबान रहेगा। जून से सितंबर के बीच राज्य में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना जताई गई है। अनुमान है कि 104 से 106 प्रतिशत तक वर्षा हो सकती है, यानी करीब 38 से 39 इंच पानी गिरने की उम्मीद है।

मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार जबलपुर और शहडोल संभाग में सबसे ज्यादा वर्षा दर्ज हो सकती है। इसके अलावा भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल, नर्मदापुरम, सागर और रीवा संभागों में भी अच्छी बारिश के संकेत मिल रहे हैं। इन क्षेत्रों में पूरे कोटे की वर्षा पूरी होने की संभावना है, जो कृषि और जलस्रोतों के लिए बेहद शुभ संकेत है।

2023 में कई जिलों में कम बारिश, लेकिन कुछ ने तोड़ा रिकॉर्ड

पिछले साल यानी 2023 में प्रदेश के 25 से ज्यादा जिलों में औसत से कम बारिश दर्ज की गई थी। हालांकि, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर समेत 44 जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा हुई थी, जिसका सीधा असर फसलों की उपज पर पड़ा। खासतौर पर सोयाबीन की उत्पादकता में प्रति हेक्टेयर दो क्विंटल तक की वृद्धि देखी गई थी। वहीं गेहूं और चने की फसल के लिए भी पर्याप्त नमी मिली, जिससे किसानों को लाभ हुआ।

IMD की ताज़ा रिपोर्ट: पूरे देश में बेहतर मानसून के संकेत

मंगलवार को भारतीय मौसम विभाग ने देशभर के लिए मानसून को लेकर ताज़ा पूर्वानुमान जारी किया। भोपाल स्थित मौसम केंद्र के वैज्ञानिक वीएस यादव के अनुसार, इस बार भी प्रदेश में सामान्य से बेहतर बारिश की उम्मीद है, जो कि औसतन 106 प्रतिशत तक हो सकती है।
प्रदेश के इन जिलों में सामान्य से अधिक होगी बारिश, IMD का पूर्वानुमान

कई जिलों में 125% से 150% तक हो सकती है वर्षा

मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश के कई जिलों में सामान्य से काफी अधिक, यानी 125% से 150% तक वर्षा की संभावना है। खासकर उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे जिलों में सामान्य बारिश के आसार हैं, लेकिन अधिकांश क्षेत्रों में 100% या उससे अधिक वर्षा का पूर्वानुमान लगाया गया है।

 2019 सबसे बेहतर, 2017 सबसे कमजोर बारिश

अगर पिछले एक दशक के आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2017 सबसे सूखा साल रहा, जब सिर्फ 29.9 इंच बारिश हुई थी, जबकि सामान्य औसत 37.3 इंच मानी जाती है। इसके विपरीत वर्ष 2019 में रिकॉर्डतोड़ 53 इंच बारिश हुई थी। 2015 और 2018 में भी क्रमशः 32.4 और 34.3 इंच वर्षा दर्ज की गई थी।

वर्ष 2021 और 2023 में बारिश थोड़ी कम रही, लेकिन फिर भी सामान्य के आसपास रही। ऐसे में अगर 2024 में भी मौसम विभाग का पूर्वानुमान सटीक बैठता है, तो प्रदेश में लगातार सातवें साल संतोषजनक या उससे बेहतर वर्षा दर्ज की जाएगी।