पहले भाद्रपद प्रदोष व्रत पर शिवलिंग पर अर्पित करें ये विशेष वस्तुएं, मिलेगी हर संकट से मुक्ति

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By Swati BisenPublished On: August 10, 2025
Pradosh Vrat 2025

हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रदोष व्रत हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। लेकिन भाद्रपद मास का पहला प्रदोष व्रत 2025 में विशेष महत्व रखता है। इसे भगवान शिव की असीम कृपा पाने और जीवन से नकारात्मकता दूर करने का दिन माना जाता है।

इस अवसर पर भक्तजन उपवास रखते हैं, शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं और विशेष सामग्री अर्पित कर आराधना करते हैं। मान्यता है कि इस व्रत से घर में सुख-शांति और समृद्धि का आगमन होता है।

तिथि और शुभ मुहूर्त

पहले भाद्रपद प्रदोष व्रत पर शिवलिंग पर अर्पित करें ये विशेष वस्तुएं, मिलेगी हर संकट से मुक्ति

भाद्रपद मास का पहला प्रदोष व्रत 2025 में 20 अगस्त को मनाया जाएगा। पूजा का शुभ समय सूर्यास्त के बाद लगभग 1 से 1.5 घंटे तक का रहेगा। इस समय में भगवान शिव की आराधना करना अत्यंत फलदायी माना जाता है, क्योंकि यह समय देवताओं का प्रिय संध्या काल होता है।

अर्पित की जाने वाली सामग्री

इस व्रत में शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, बेलपत्र, धतूरा, भस्म और सफेद पुष्प चढ़ाना अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि भाद्रपद प्रदोष व्रत के दिन इन वस्तुओं को अर्पित करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

पूजा विधि

सुबह स्नान कर व्रत का संकल्प लें और दिनभर उपवास रखते हुए “ॐ नमः शिवाय” या अन्य शिव मंत्रों का जाप करें। शाम को शुभ मुहूर्त में शिवलिंग का जल, दूध और पंचामृत से अभिषेक करें। इसके बाद बेलपत्र और नैवेद्य अर्पित कर दीप जलाएं।

व्रत का धार्मिक महत्व

धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रदोष व्रत करने से पापों का नाश होता है, परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ती है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है, जो जीवन में शांति और सफलता की कामना रखते हैं।

Disclaimer : यहां दी गई सारी जानकारी केवल सामान्य सूचना पर आधारित है। किसी भी सूचना के सत्य और सटीक होने का दावा Ghamasan.com नहीं करता।