मध्य प्रदेश न्यूज। प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन और योगदान को प्रोत्साहित करने लागू स्व. श्री लक्ष्मण सिंह गौड स्मृति पुरस्कार के नियमों में संशोधन किया गया है। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि शिक्षा के उत्थान में निरंतर कार्य करने वालों को प्रोत्साहन देना आवश्यक है। इससे उनका मनोबल और आत्म-विश्वास बढ़ता है। डॉ. यादव ने कहा कि इसी कारण हमने स्व. श्री लक्ष्मण सिंह गौड स्मृति पुरस्कार के लिए प्राचार्यों, शिक्षकों और अध्ययनरत विभिन्न संकायों के विद्यार्थियों के साथ अब शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत ग्रंथपाल, क्रीडा अधिकारी, तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को सम्मिलित करने का निर्णय लिया है। यह पुरस्कार प्रति वर्ष 5 सितम्बर शिक्षक दिवस पर प्रदान किये जायेंगे।
स्व. लक्ष्मण सिंह गौड स्मृति पुरस्कार में राज्य स्तर पर 10 प्राचार्य, 50 शिक्षक, 20 ग्रंथपाल, 20 क्रीडा अधिकारी, 40 तृतीय श्रेणी कर्मचारी, 40 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तथा 250 विद्यार्थी (स्नातक-200 एवं स्नातकोत्तर 50) का चयन किया जायेगा। पुरस्कार में कुल 10 प्राचार्य को क्रमश:एक-एक लाख रूपये और प्रशस्ति-पत्र दिया जायेगा। इसी प्रकार 50 शिक्षक को क्रमश:75-75 हजार रूपये, 20 ग्रंथपाल को क्रमश:75-75 हजार, 20 क्रीडा अधिकारी को क्रमश: 40-40 हजार, 40 तृतीय श्रेणी कर्मचारी को क्रमश:40-40 हजार तथा 40 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को क्रमश:30-30 हजार का नगद पुरस्कार दिया जायेगा। स्व. लक्ष्मण सिंह गौड पुरस्कार में चयनित कुल 250 स्नातक एवं स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को 50-50 हजार रूपये एवं प्रशस्ति-पत्र से सम्मानित किया जायेगा।
स्व. लक्ष्मण सिंह गौड स्मृति पुरस्कार के लिये प्राचार्य अपना आवेदन क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक को भेजेंगे। प्राचार्यों के लिये विषय एवं संकाय का बंधन नहीं होगा। अतिरिक्त संचालक सभी संभागों के लिये पृथक-पृथक संभागों में सर्वोच्च गुणांक प्राप्त करने वाले 2-2 प्राचार्यों का पैनल तैयार करेगे। इस प्रकार 10 संभागों में से कुल 20 प्राचार्यों के नाम तय किये जायेंगे।
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सभी संभागों में विभिन्न संकायों से शिक्षक, ग्रंथपाल, क्रीडा अधिकारियों को उत्कृष्ट पुरस्कार के लिये पुरस्कृत किया जायेगा। प्रत्येक महाविद्यालय के लिये प्राचार्य, सक्षम अधिकारी गुणानुक्रम के आधार पर अपने महाविद्यालय/संस्थान से सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले प्रत्येक संकाय में से एक शिक्षक, एक ग्रंथपाल, एक क्रीडा अधिकारी, एक तृतीय और एक चतुर्थ श्रेणी अधिकारी का चयन किया जाएगा। महाविद्यालय द्वारा चुने गये शिक्षकों, ग्रंथपालों, क्रीडा अधिकारियों तथा तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सूची में से क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक अपने क्षेत्राधिकार से अधिकतम 10 शिक्षकों, 4 ग्रंथपालों, 4 क्रीडा अधिकारियों, 8 तृतीय श्रेणी और 8 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का पैनल तैयार कर आयुक्त उच्च शिक्षा को प्रेषित करेंगे। इस प्रकार सभी क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालकों से 100 शिक्षकों, 40 ग्रंथपाल, 40 क्रीडा अधिकारी, 80 तृतीय श्रेणी और 80 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के नाम प्राप्त होंगे।
प्रत्येक संभाग से अलग-अलग महाविद्यालयों से कला, वाणिज्य, विज्ञान, गृह विज्ञान एवं विधि संकाय (जैसा महाविद्यालय में लागू हो) गुणानुक्रम के आधार पर स्नातक स्तर पर प्रत्येक संकाय से 4 विद्यार्थी अर्थात प्रत्येक संभाग से 20-20 विद्यार्थियों को चयन किया जायेगा। स्नातकोत्तर स्तर पर प्रत्येक संकाय से सभी वर्गों में से सर्वोच्च गुणांक प्राप्त करने वाले एक-एक विद्यार्थी का चयन किया जायेगा। क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक अपने क्षेत्र के महाविद्यालयों से प्राप्त नामों की संभागवार सूची तैयार करेंगे और गुणानुक्रम के आधार पर विद्याथियों का अंतिम चयन कर आयुक्त उच्च शिक्षा को भेजेंगे। इस प्रकार 10 संभागों से स्नातकोत्तर स्तर पर समस्त संकायों से अधिकतम 50 विद्यार्थियों के नाम तथा स्नातक स्तर पर अधिकतम 200 विद्यार्थियों के मान से 10 संभागों से कुल 250 विद्यार्थियों के नाम आयुक्त उच्च शिक्षा को प्राप्त होंगे।