एमपी सरकार की बड़ी कार्रवाई, सरकारी बंगले पर कब्जा बनाए हुए तीन कलेक्टर को भेजा नोटिस, तुरंत खाली करने का दिया आदेश

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By Abhishek SinghPublished On: September 2, 2025

मध्य प्रदेश सरकार ने राजधानी भोपाल में लंबे समय से सरकारी बंगले पर कब्जा बनाए बैठे तीन कलेक्टरों सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों पर सख्त कदम उठाया है और उनके मकान खाली कराने के निर्देश जारी किए हैं। गृह विभाग ने एस्टेट विभाग को आदेश दिया है कि जिन अधिकारियों का तबादला कई महीने पहले हो चुका है और उन्हें संबंधित जिलों में आवास आवंटित किए जा चुके हैं, वे तुरंत भोपाल के सरकारी बंगले खाली करें।


बंगले खाली न करने वालों पर होगी कार्रवाई

जानकारी के अनुसार, दमोह के कलेक्टर सुधीर कोचर, उमरिया के कलेक्टर धरेंद्र कुमार जैन और मंदसौर की कलेक्टर अदिति गर्ग ने अब तक भोपाल के सरकारी मकान खाली नहीं किए हैं। इसके अलावा, उज्जैन के अपर आयुक्त रत्नाकर झा, रायसेन की अपर कलेक्टर श्वेता पवार, राजगढ़ के सीईओ महीप तेजस्वी, ग्वालियर के डीआईजी अमित सांघी, ग्वालियर की अपर आयुक्त निधि सिंह, इंदौर के डीएसपी उमाकांत चौधरी और रीवा के सीईओ मेहताब सिंह गुर्जर भी स्थानांतरण के महीनों बाद भोपाल के सरकारी बंगलों में बने हुए हैं। गृह विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि अब किसी को कोई मोहलत नहीं दी जाएगी और जो अधिकारी समय पर बंगला खाली नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

निशा बांगरे को भी भेजा नोटिस

जानकारी के अनुसार, 2023 विधानसभा चुनाव से पहले डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे को भी सरकारी मकान खाली न करने पर नोटिस जारी किया गया था। बांगरे के चुनाव मैदान में उतरने की अटकलों के चलते यह मामला काफी सुर्खियों में रहा। नोटिस में उनके भोपाल से ट्रांसफर होने के बावजूद सरकारी आवास पर अवैध कब्जे के लिए कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी। हालांकि, बांगरे ने निजी कारणों का हवाला देते हुए बंगला खाली न कर पाने की वजह बताई और कुछ ही दिन बाद उन्होंने आवास खाली कर दिया।