शिव मंदिर में ताली क्यों बजाते हैं? 3 बार बजाने का रहस्य जानकर चौंक जाएंगे!

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By Kumari SakshiPublished On: July 16, 2025
शिव मंदिर में ताली क्यों बजाते हैं

शिव मंदिरों में अक्सर आप लोगों को पूजा या ध्यान से पहले तीन बार ताली बजाते हुए देखते होंगे. कई लोग इसे केवल परंपरा या श्रद्धा का हिस्सा मानते हैं, लेकिन इसके पीछे छिपा है गहरा आध्यात्मिक, मानसिक और वैज्ञानिक रहस्य।
क्या वाकई ताली बजाने से ईश्वर प्रसन्न होते हैं? या फिर इससे कोई शक्ति जाग्रत होती है? आइए जानते हैं शिव पूजा में 3 बार ताली बजाने के पीछे की वह अद्भुत वजह जो शायद आपने कभी नहीं सुनी होगी.

प्राचीन मान्यता: देवताओं को आमंत्रित करने की ध्वन
पुराणों और तंत्र-शास्त्रों के अनुसार, मंदिर में ताली बजाने का मुख्य उद्देश्य है — “ईश्वरीय ऊर्जा को जगाना और अपने मन को पूजा के लिए एकाग्र करना.” ताली की ध्वनि को पवित्र ध्वनि माना गया है जो नकारात्मकता को दूर भगाती है और पूजा स्थल को पवित्र करती है.

3 बार ताली बजाने का आध्यात्मिक रहस्य
1. पहली ताली – शरीर को जागृत करती है, इसका उद्देश्य होता है – व्यक्ति के अंदर की सुस्ती और आलस्य को हटाना.

2. दूसरी ताली – मन को केंद्रित करती है, यह मन को इधर-उधर की बातों से हटाकर शिव पर केंद्रित करती है.

3. तीसरी ताली – आत्मा को सक्रिय करती है, यह आत्मा के भीतर की चेतना को जागृत करने का प्रतीक है, जिससे आराधना फलदायी हो.

इन तीन तालियों को ‘शरीर, मन और आत्मा’ की एकता का प्रतीक भी माना जाता है.

वैज्ञानिक दृष्टिकोण: ऊर्जा और स्वास्थ्य लाभ
. ताली बजाने से हाथों की तलहथियों पर दबाव पड़ता है, जिससे एक्यूप्रेशर बिंदु सक्रिय हो जाते हैं.
. इससे शरीर में ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है, खासकर हृदय, फेफड़े और मस्तिष्क से जुड़ी नसों में.
. ताली की ध्वनि से वातावरण की ध्वनि लहरें बदलती हैं और सकारात्मक ऊर्जा फैलती है.

ध्वनि तरंगों से ब्रह्मांडीय ऊर्जा का संचार
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, ध्वनि ब्रह्मांड की सबसे पहली शक्ति है — जिसे ‘ॐ’ माना गया, ताली की ध्वनि इस ऊर्जा को सक्रिय करती है और इसे शिवलिंग की ओर केंद्रित करती है. यही कारण है कि शिव मंदिरों में घंटियों, शंखों और तालियों का इतना महत्व है.

मंत्रोच्चार से पहले ताली क्यों जरूरी है?
मन को पूजा की लय में लाने के लिए, चेतना को जागृत करने के लिए,ऊर्जा को एकत्रित करने के लिए, घर या मंदिर में सकारात्मकता लाने के लिए.

क्या हर मंदिर में ताली बजाना जरूरी है?
यह अनिवार्य नहीं, लेकिन अत्यंत लाभकारी और प्रभावशाली क्रिया है, विशेष रूप से शिव मंदिरों में यह क्रिया ध्यान, मंत्रजप और आरती से पहले की जाती है.

घर पर शिव पूजा करते समय कब बजाएं ताली?
पूजा की शुरुआत में. मंत्र जाप या ध्यान के पहले, आरती से ठीक पहले और बाद में, किसी भी शुभ कार्य से पहले मन को स्थिर करने के लिए.