राजस्थान : भरतपुर में अवैध खनन से आक्रोशित होकर आत्मदाह करने वाले संत ने त्यागे प्राण, दिल्ली में चल रहा था उपचार

Shivani Rathore
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राजस्थान (Rajasthan) में भरतपुर (Bharatpur) जिले में जारी अवैध खनन से आक्रोशित होकर जिले की डीग तहसील के पसोपा गांव में साधु-संत समाज द्वारा विरोध प्रदर्शन स्वरूप आंदोलन किया जा रहा था। संत समाज में भरतपुर में आने वाले बृज क्षेत्र के धार्मिक स्थलों और पौराणिक पर्वतों पर जारी अवैध खनन और वृक्षों, वनों की अंधाधुंध कटाई को लेकर अत्यंत आक्रोश है जिसके चलते यह आंदोलन किया जा रहा है। इस आंदोलन के अंतर्गत उग्र होकर बुधवार 20 जुलाई को संत समाज से आने वाले बाबा विजय दास द्वारा खुद पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा ली गई थी।

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आज ब्रह्ममुहूर्त के पहले तोडा संत ने दम

भरतपुर में जारी अवैध खनन से आक्रोशित होकर आत्मदाह करने वाले संत बाबा विजयदास को इलाज हेतु दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। जहां आज शनिवार ब्रह्ममुहूर्त के पहले मध्यरात्रि 2:30 पर उनके द्वारा दम तोड़ दिया गया। संत समाज के राधाकृष्ण शास्त्री के द्वारा इस खबर की पुष्टि की गई है।

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80 प्रतिशत तक झुलस गए थे संत बाबा विजयदास

जानकारी के अनुसार आत्मदाह करने वाले संत बाबा विजयदास आग में 80 प्रतिशत तक झुलस गए थे। वहां उपस्थित पुलिसकर्मियों के द्वारा कंबल और पानी डालकर उन्हें आग से निकालने के बाद तुरंत ही भरतपुर के आरबीएम जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां आईसीयू सुविधा नहीं होने की वजह से उन्हें जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया। हालत गंभीर होते जाने की वजह से संत को दिल्ली के सफ़दरजंग हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। जहाँ इलाज के दौरान आज उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए।