“पौधों की देखभाल बच्चों की तरह की जाती है,थोड़ी सी लापरवाही से इनका जीवन संकट में पड़ जाता है”

Akanksha
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सुनो महाराज,पौधों की देखभाल बच्चों की तरह की जाती है,थोड़ी सी लापरवाही से इनका जीवन संकट में पड़ जाता है, Collector Dhar आलोक कुमार सिंह के उलाहना भरे स्वर सरदारपुर नर्सरी प्रभारी के प्रति थे। नर्सरी के अवलोकन के दौरान जामुन के पौधों में पर कीड़े लगे देख कलेक्टर ने यह बात कही। पूछताछ के दौरान जब यह पता चला कि नर्सरी के लगभग साढ़े चार हजार पौधों का कोई खरीदार नहीं मिला है और वे अपनी पूरी बढ़त पा चुके हैं तब कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर करते हुए यहां मौजूद जिला पंचायत के एपीओ गणेश सेन को निर्देश दिए कि यहां के पौधे वाटर शेड के प्लांटेशन में इस्तेमाल कर लिए जाए। मजदूरों से चर्चा कर कलेक्टर ने समय पर पूरा भुगतान मिलने की कैफियत ली। उप संचालक उद्यानिकी केआर मंडलोई साथ थे। उन्होंने बताया फिलहाल यहां 40 हजार पौधे उपलब्ध हैं। यह पौधे आम,जामुन, आंवला, अमरूद और आर्नामेंटल हैं। इसके अलावा एक लाख और पौधे लगाने की योजना को स्वीकृति मिली है है। इसे मनरेगा से लगाया जाएगा।नर्सरी के कुल क्षेत्रफल ढाई हेक्टेयर है।

"पौधों की देखभाल बच्चों की तरह की जाती है,थोड़ी सी लापरवाही से इनका जीवन संकट में पड़ जाता है"