युद्ध जैसे हालात के बीच इंदौर में सोशल मीडिया की निगरानी तेज, हर पोस्ट के लिए एडमिन जिम्मेदार, पुलिस की चेतावनी

इंदौर में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस आयुक्त ने प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं, जिनके तहत किसी भी समुदाय द्वारा दूसरे समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाले कार्यक्रमों और भाषणों पर रोक होगी।

Abhishek Singh
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इंदौर में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस आयुक्त संतोष कुमार सिंह ने भारतीय नागरिक संहिता 2023 की धारा 163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं। इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश 4 जुलाई 2025 तक प्रभावी रहेगा। जारी किए गए प्रतिबंधात्मक आदेश निम्नलिखित हैं।

इंदौर नगर निगम सीमा के अंदर किसी भी समुदाय के द्वारा दूसरे समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाला कोई भी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा, जिससे शांति और व्यवस्था में विघ्न उत्पन्न हो, और न ही दूसरे समुदाय के धार्मिक विश्वासों के खिलाफ कोई उत्तेजक भाषण दिया जाएगा।

सोशल मीडिया के जरिए गलत सूचना और अफवाहें फैलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

कोई भी व्यक्ति खुले स्थानों या मकानों की छतों पर ईंट, पत्थर, सोडा वाटर की बोतल, कांच की बोतल, ज्वलनशील पदार्थ या कोई भी विस्फोटक सामग्री जमा नहीं करेगा और न ही रखेगा, जिसका इस्तेमाल आतंक फैलाने या हिंसक गतिविधियों में किया जा सके।

इंदौर नगरीय पुलिस जिला की सीमा के भीतर कोई भी व्यक्ति ऐसा कोई भी अनुचित मुद्रण या प्रकाशन नहीं करेगा, जो साम्प्रदायिक तनाव या समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा करे।

कोई भी व्यक्ति मौखिक या लिखित रूप में, इलेक्ट्रॉनिक या सोशल मीडिया के माध्यम से गलत सूचना या अफवाहें नहीं फैलाएगा, जो शांति भंग कर सकती हैं। साथ ही, सोशल मीडिया पर किसी भी धार्मिक शब्द या प्रतीक चिन्ह का प्रयोग नहीं करेगा, जिससे किसी समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचे या समाज में विद्वेष की भावना उत्पन्न हो। ऐसे कृत्य को दंडनीय अपराध माना जाएगा।

सोशल मीडिया पर ग्रुप एडमिन की जिम्मेदारी होगी कि वह सुनिश्चित करे कि ग्रुप से जुड़े किसी भी सदस्य द्वारा भड़काऊ या अफवाह फैलाने वाली कोई पोस्ट न की जाए। यदि ऐसा कोई पोस्ट किया जाता है, तो ग्रुप एडमिन उसे तुरंत हटाएगा, संबंधित सदस्य को ग्रुप से बाहर करेगा और स्थानीय पुलिस को सूचित करेगा।

किसी भी साइबर कैफे के मालिक/संचालक को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे केवल उन्हीं व्यक्तियों को साइबर कैफे का उपयोग करने दें, जिनका पहचान प्रमाण जैसे पहचान पत्र, मतदाता कार्ड, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, क्रेडिट कार्ड, पैन कार्ड या अन्य वैध दस्तावेजों से सत्यापन हुआ हो। बिना आगंतुकों/प्रयोगकर्ताओं का रजिस्टर रखे कोई भी साइबर कैफे संचालित नहीं किया जाएगा। सभी आगंतुकों/प्रयोगकर्ताओं को उनके हस्तलेख में नाम, पता, फोन नंबर और पहचान प्रमाण अंकित कराए बिना साइबर कैफे का उपयोग वर्जित होगा। इसके अतिरिक्त, साइबर कैफे में वेब कैमरा लगाना अनिवार्य होगा, जिससे प्रत्येक आगंतुक की फोटो ली जा सके और उसका अभिलेख सुरक्षित रखा जा सके। इस अभिलेख को कम से कम छह महीने तक संरक्षित रखना आवश्यक होगा।