नए बस रूट तैयार, MP के इन शहरों में जल्द नजर आएंगी सरकारी बसें

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By Srashti BisenPublished On: May 9, 2025
MP News

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लोक परिवहन सेवाओं के विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है। इंदौर और उज्जैन संभागों में पहले चरण का सर्वे कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है। अब इन क्षेत्रों में चिन्हित किए गए बस रूटों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

साथ ही आठ नई परिवहन कंपनियों के गठन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। जैसे ही मार्गों पर ट्रायल पूरे होंगे और कंपनियां अस्तित्व में आ जाएंगी, टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। सरकार का लक्ष्य है कि मानसून के पूर्व इंदौर और उज्जैन की सड़कों पर अनुबंधित यात्री बसें दौड़ने लगें।

अब जबलपुर और सागर संभाग में शुरू होगा अगला चरण

पहले चरण के बाद अब अगला सर्वे कार्य जबलपुर और सागर संभागों में मई के अंत तक शुरू किया जाएगा। इन क्षेत्रों में प्राथमिकता उन इलाकों को दी जाएगी जहां अब तक कोई परिवहन सेवा नहीं पहुंची है। इसके लिए चयनित एजेंसी को जिम्मेदारी सौंप दी गई है।

बहुपरतीय प्रक्रिया के तहत बढ़ाया जा रहा कार्य क्षेत्र

अब तक सीमित क्षेत्रों में हो रहा सर्वे अब राज्यभर में विस्तार पा रहा है।

  • कंपनियों के निर्माण की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ाया जा रहा है और विभिन्न अधिकारियों को विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है।
  • निष्क्रिय सड़क परिवहन निगम की संपत्तियों का दोबारा मूल्यांकन किया जा रहा है ताकि उनका उपयोग नई परिवहन योजना में किया जा सके।
  • कंपनियों के लिए संगठनात्मक ढांचा तैयार करने का कार्य प्रारंभ हो चुका है।
  • जनता और ऑपरेटरों से सुझाव लेने की प्रक्रिया लगातार जारी है ताकि योजनाओं में जमीनी हकीकत को शामिल किया जा सके।
  • यात्रियों और बस ऑपरेटरों से लिए जा रहे फीडबैक के आधार पर रूट चिन्हांकन किया जा रहा है।
  • जिला स्तरीय निगरानी समितियों के गठन की तैयारी भी तेजी से चल रही है।
  • पुरानी सिटी ट्रांसपोर्ट कंपनियों की चल-अचल संपत्तियों को नई कंपनियों को हस्तांतरित किया जाएगा।
  • सिटी बस कंपनियों के कार्यालयों का उपयोग अब नई सहायक कंपनियों द्वारा किया जाएगा।

जिला स्तरीय समितियों की अहम भूमिका

इन समितियों का नेतृत्व जिलों के कलेक्टर करेंगे और इनमें सांसद, विधायक, महापौर, नगरपालिका अध्यक्ष, पंचायत प्रतिनिधि, शहरी व ग्रामीण विकास से जुड़े अधिकारी और तकनीकी विभागों के इंजीनियर शामिल होंगे। ये समितियां मार्गों को अंतिम रूप देने, स्टॉपेज निर्धारित करने, बसों की फ्रीक्वेंसी तय करने और चार्जिंग स्टेशनों के निर्माण जैसे विषयों पर सुझाव देंगी।