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इंदौर कलेक्टर ने अधिकारिओ को दिए आदेश, जेब से करनी पड़े मदद तो करो, कोई भी आवेदक खाली नहीं जाना चाहिए

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By Pallavi SharmaPublished On: August 28, 2022

पटवारी से लेकर अपर कलेक्टर स्तर तक के राजस्व अधिकारी को सख्त हिदायत देते हुए किसी भी आवेदक को खाली हाथ नहीं लौटने की समझाइश कलेक्टर मनीष सिंह ने दी। उन्होंने कहा कि जेब से मदद करनी पड़े तो करो, लेकिन कोई भी आवेदक असंतुष्ट होकर वापस नहीं जाना चाहिए।

कलेक्टर मनीष सिंह ने ब्रिलियंट कन्वेशन सेंटर में पटवारी से लेकर अपर कलेक्टर स्तर तक के राजस्व अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा की। अधिकारीवार समीक्षा कर रहे कलेक्टर ने जहां सख्त हिदायत दी, वहीं शाबाशी भी दी गई । उन्होंने निर्देश दिए कि सभी अपर कलेक्टर एसडीओ के, एसडीओ तहसीलदारों के, तहसीलदार राजस्व निरीक्षकों एवं पटवारियों के कार्यों पर नियंत्रण रखें। उनके कार्यों की लगातार मॉनीटरिंग करें। विशेषकर सभी तहसीलदार पटवारियों के कार्यों पर नियंत्रण रखें।

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उन्होंने राजस्व अधिकारियों से कहा कि वे अच्छा कार्य करने के साथ ही अपनी बेहतर छवि भी बनाएं। वे ऐसा कोई भी कार्य नहीं करें, जिससे की छवि पर विपरीत असर हो। गरीब के घर में राशन भरना हो या किसी भी समस्या का निराकरण करना देरी नहीं होना चाहिए। कलेक्टर ने सख्त लहजे में कहा कि निर्णय लेने की क्षमता विकसित करो और नहीं कर सकते हो तो तहसीलदार, नायब तहसीलदार, पटवारी जैसे प्रमुख पदों पर क्यों जमे हो। राजस्व प्रकरणों के निराकरण में अनियमितता तथा लापरवाही बरतने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करूंगा।

बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह ने आयुष्मान योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि अभियान चलाकर शेष व्यक्तियों एवं परिवारों के आयुष्मान कार्ड बनाए जाएं। जिले में कोई भी पात्र हितग्राही इस कार्ड से वंचित नहीं रहे। कलेक्टर मनीष सिंह ने जिले में राजस्व प्रकरणों, सीएम हेल्पलाइन में दर्ज प्रकरणों के निराकरण में उत्कृष्ट कार्य करने वाले राजस्व अधिकारियों को पुरस्कृत किया।

बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि इंदौर नगरीय क्षेत्र में सीमांकन के प्रकरणों को तेजी से निराकृत करने के लिये नगरीय सर्वेक्षकों को सीमांकन के अधिकार दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि बटांकन एवं नामांतरण के आदेश जारी होने के तुरंत बाद ही उसकी इंट्री नक्शे एवं खसरे में अनिवार्य रूप से दर्ज की जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि डायवर्शन के निराकृत सभी प्रकरणों की इंट्री भी अभिलेख में अनिवार्य रूप से दर्ज हो। उन्होंने बैंकों तथा रेरा के तहत बकाया राशि वसूली के लिये दर्ज प्रकरणों में वसूली के कार्य में गति लाने के निर्देश भी दिये। उन्होंने मुख्यमंत्री आवास भू-अधिकार योजना, भू-स्वामित्व योजना, धारणाधिकार योजना के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा भी की।