सारलोर्लुक्स ओपन सुपर-100 बैडमिंटन : स्पर्धा में भारत के लक्ष्य सेन को दूसरा क्रम

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जर्मनी के सारब्रुकेन में 27अक्टूबर से 1 नवंबर तक होने वाली सारलोर्लुक्स खुली सुपर-100 बैडमिंटन स्पर्धा में मौजूदा विजेता लक्ष्य सेन अपने खिताब को बरकरार रखने के लिए खेलेंगे, इस बार उन्हें दूसरा क्रम मिला है, डेनमार्क के रासमुस जेम्के को पहला और नीदरलैंड्स के मार्क काल्जोयुव को तीसरा क्रम है, भारत के सुभांकर डे को छठवां क्रम है.

स्पर्धा में यूरोपीय देशों के अलावा भारतीय खिलाड़ी ही हिस्सा ले रहे है, बी.एम.राहुल भारद्वाज और अलाप मिश्रा ने भी प्रविष्टि भेजी थी, लेकिन वीसा नही मिलने से दोनों खेलने नही जा रहे है, महिला एकल में मालविका बंसोड़ और इरा शर्मा खेलेगी, ओलंपिक विजेता स्पेन की करोलिना मारिन को पहला और डेनमार्क की मिआ ब्लिचफेल्ड को दूसरा क्रम है.

लक्ष्य सेन, अमेरिका के हावर्ड शु या इटली के फाबियो कपोनिओ सेऔर सुभांकर, कनाडा के ब्रायन यांग या स्वीटजरलैंड के क्रिश्चियन किर्चमार्य से दूसरे दौर में खेलेंगे, दोनों भारतीय को पहले दौर में बाय मिला है,तीसरे दौर से आगे बढे तो दोनों भारतीय खिलाड़ी के बीच ही क्वार्टर फाइनल हो सकता है,अजय जयराम, किरण जाँर्ज और मिथुन मंजुनाथ की भी प्रविष्टि है, पुरुष एकल का 64 का ड्रा और बाकी 32 के ड्रा है,अजय जयराम बेल्जियम के मक्सिम मारील्स से पहले दौर में खेलेंगे,किरण को भी पहले दौर में बाय है.

मालविका को इस्तोनिया की क्रिस्टिन कुबा और इरा को चेक गणराज्य की कटरीन टोमालोवा से पहले दौर में खेलना है, विश्व टूर की बैडमिंटन स्पर्धाओं की वापसी आँल इंग्लैंड(मार्च)के बाद इसी माह डेनमार्क खुली सुपर-750स्पर्धा से ही हुई है, सारलोर्लुक्स इस साल होने वाली आखिरी टूर सुपर स्पर्धा है, लक्ष्य सेन डेनमार्क खुली स्पर्धा के बाद से ही डेनमार्क में ही पीटर गाडे ऐकेडमी में ट्रेनिंग ले रहे है, वे यह स्पर्धा लगातार दूसरे साल जीतना चाहते है.

अलविदा…

भारतीय बैडमिंटन में प्रसिद्ध, 3 देवधर बहनों में से एक डाँ.सुमन अठावले का 90 साल की आयु में 22अक्टूबर को जलगाँव(महाराष्ट्र)में निधन हो गया. तारा,सुंदर और सुमन देवधर बहनें 1940 के दशक और 1950 दशक के प्रारंभ में भारतीय बैडमिंटन में छाई रही, सुमन ने 1951(कानपुर)में महिला एकल और बहन सुंदर के साथ महिला युगल राष्ट्रीय खिताब जीता,सुंदर और सुमन की जोडी 1946से 1954 तक राष्ट्रीय स्पर्धाओं में अपराजेय रही, सुमन 42साल की उम्र तक खेलती रही,13साल में 23 राष्ट्रीय खिताब जीतने वाली देवधर बहनें क्रिकेट के महान भारतीय खिलाड़ी स्व. प्रो.डी.बी.देवधर की पुत्रियाँ है.