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कई नए वर्षों के उल्लास वाला देश है भारत
(प्रवीण कक्कड़) ठिठुरती ठंड में नया साल दस्तक दे चुका है। जगह-जगह नए साल के कार्यक्रम हो रहे हैं। बधाइयों का तांता लगा है। कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी
हर पल मनाए जिन्दगी का जश्न
जयराम शुक्ल समय की गति के हिसाब से हर नया विहान ही नया वर्ष है। हर क्षण अगले क्षण की पृष्ठभूमि बनता जाता है। सृष्टि के अस्तित्व में आने के
अखबारों में विचार अब घाटे का सौदा!
जयराम शुक्ल पत्र-पत्रिकाओं में एक दिलचस्प होड़ प्रायः देखने को मिलती है। होड़ यह दावा स्थापित करने के लिए है कि बाजार में सबसे प्रभावी उपस्थिति हमारी है। कोई पीछे
डर मत, बाबू चुनाव तो हर हाल में होना…!
अजय बोकिल धर्मराज युधिष्ठिर से यक्ष ने यदि यह प्रश्न किया होता कि हमारे देश में सबसे जरूरी क्या है, तो वो क्या जवाब देते? आज के संदर्भ में इस
देश धर्म
धैर्यशील येवले इंदौर हुई गलतियां सुधरना चाहिए इतिहास करवट बदलना चाहिए हुआ जिनके साथ भी अन्याय न्याय उन्हें अब मिलना चाहिए कब तक युही पड़ा रहेगा पर्दा प्रकाश पर से
क्या देश में ‘गृह युद्ध’ को आमंत्रित किया जा रहा है?
-श्रवण गर्ग हरिद्वार (उत्तराखंड) में पिछले दिनों संपन्न विवादास्पद ‘धर्म संसद’ में भाग लेने वाले सैकड़ो महामंडलेश्वरों, संतों, हज़ारों श्रोताओं और आयोजन को संरक्षण देने वाली राजनीतिक सत्ताओं के लिए
ये है अराजकता की नई परिभाषा
हर मुद्दे पर राजनीति और धार्मिक आस्था के नाम पर जनता को बरगलाते हुए रोटियां सेंकना नेताओं का प्रिय शगल है… जिस नगर निगम ने इंदौर को देश और दुनिया
बच्चों को किताबों से रूबरू कराना जरूरी है, रेडियो सखी ममतासिंह ने कहा
अखिल भारतीय महिला साहित्य समागम(Akhil Bharatiya Mahila Sahitya Samagam) में आज विविध भारती की प्रसिद्ध रेडियो सखी ममता सिंह ने भाषा की तकनीक पर अपने विचार व्यक्त किए उन्होंने कहा
साहित्य का रचा जाना आवश्यक है जीवन मूल्यों के लिए, लेखिका मीनाक्षी जोशी ने कहा
अखिल भारतीय महिला साहित्य समागम ने आज दोपहर के सत्र में अपने विचार व्यक्त करते हुए प्रसिद्ध लेखिका डॉ मीनाक्षी जोशी ने कहा जीवन मूल्यों की रक्षा के लिए साहित्य
Indore News: तानसेन समारोह में गायन की प्रस्तुति देंगे इंदौर की वैशाली बकोरे, तृप्ति कुलकर्णी शास्त्रीय
ग्वालियर में 25 से 30 दिसंबर से आयोजित होने वाले प्रतिष्ठा पूर्ण आयोजन तानसेन समारोह में इंदौर की वैशाली बकोरे तृप्ति कुलकर्णी शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति देंगे। तृप्ति 28 दिसंबर
साहित्य प्रेमियों के लिए खुशखबरी: मालवा उत्सव में राष्ट्रीय साहित्य विक्रय केंद्र का हुआ शुभारंभ
लालबाग में चल रहे मालवा उत्सव में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमो के आयोजन में लोककला व लोक संस्कृति आधारित नृत्य व नाटकों का प्रदर्शन हो रहा है, इस उत्सव में विश्व
मेधा और सौम्यता की जीवंत प्रतिमूर्ति थे डाक्टर साहब…!
पुण्यस्मरण/जयराम शुक्ल देश के नवें राष्ट्रपति डा.शंकरदयाल शर्मा जी( जन्म: 19 अगस्त 1918, भोपाल मृत्यु: 26 दिसंबर 1999, नई दिल्ली) के स्वागत का यह सुअवसर(चित्र में दृष्टव्य) तब मिला था
महिला साहित्यकारों का वार्षिक महाकुंभ 29 और 30 दिसंबर को, जाल सभागृह इंदौर में दो दिवसीय आयोजन
समकालीन महिला हिंदी लेखन पर केन्द्रित वार्षिक अखिल भारतीय महिला साहित्य समागम 29 और 30 दिसंबर 2021 को इंदौर के जाल सभागृह में आयोजित किया जाएगा। इसके सहयोगी रहेंगे मध्यप्रदेश
जीवन में जरूरी है “सेहत से संवाद”
(प्रवीण कक्कड़) वर्ष 2021 अपने अंतिम सप्ताह में है। अच्छी बुरी तमाम बातें जल्द ही स्मृति का हिस्सा बन जाएंगी। कुछ नए संकल्प जीवन में आएंगे। उनमें जो सबसे पहला
जवानी जब जोश में आती है, तो सत्ता दौड़ लगाती है
पूरी दुनिया में अंधी, गुंगी, बहरी सरकारों के कानों में तेल डालने का काम युवा जोश ही करता रहा है। पूरे विश्व में सत्ताओं को हटाने और बनाने का सबसे
समकालीन महिला लेखन की दिशा तय करेगा इंदौर का महिला साहित्य समागम
समकालीन महिला लेखन की दिशा क्या होना चाहिए आने वाले समय में महिला लेखन के सामने कौन-कौन सी चुनौतियां हैं बदलते हुए टेक्नोलॉजी के इस दौर में महिला लेखन के
भारत-पाक रिश्ते और अटल जी
जन्मजयंती/जयराम शुक्ल विश्व के राजनीतिक के पटल में भारत के दो महान नेता ऐसे हुए जिन्हें शांति के नोबल पुरस्कार के लिए सर्वथा उपयुक्त माना गया लेकिन उन्हें मिला नहीं..।
शोक मनाइए ! सत्ता की ज़रूरत बन गई है भीड़ की हिंसा
श्रवण गर्ग एक सामान्य और असहाय नागरिक को अपनी प्रतिक्रिया किस तरह से देना चाहिए ? पंजाब कांग्रेस के मुखिया और मुख्यमंत्री पद के दावेदार नवजोत सिंह सिद्धू के इस
राहुल का ‘हिंदू बनाम हिंदुत्व’: ‘सत्याग्रह’ या ‘सत्ताग्रह’ ?
अजय बोकिल कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा हाल में ‘हिंदू और हिन्दुत्व’ के बीच सूक्ष्म विभाजक रेखा को राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश कुछ वैसी ही है कि मिट्टी को
लंगड़े लोकतंत्र पर आरक्षण की गोलंदाजी!
विश्लेषण/जयराम शुक्ल सत्यानृता च परुषा प्रियवादिनी च हिंस्रा दयालुरपि चार्थपरा वदान्या । नित्यव्यया प्रचुरनित्यधनागमा च वाराङ्गनेव नृपनीतिरनेकरुपा॥ “कहीं सत्य और कहीं मिथ्या, कहीं कटुभाषिणी और कहीं प्रियभाषिणी, कहीं हिंसा और