आर्टिकल

भाजपा में रूठे नेताओं की मान – मनुहार

भाजपा में रूठे नेताओं की मान – मनुहार

By Ayushi JainJuly 16, 2020

दिनेश निगम ‘त्यागी’ मंत्रियों को विभागों का बंटवारा करने के बाद भाजपा ने अपना पूरा ध्यान विधानसभा की 25 सीटों के लिए होने वाले उप चुनावों की तैयारी पर केंद्रित

अपराध के ‘रक्तबीजों’ को सींचता कौन है!

अपराध के ‘रक्तबीजों’ को सींचता कौन है!

By Mohit DevkarJuly 16, 2020

जयराम शुक्ल हमारे देश का मीडिया अजब-गजब है। एक मुद्दे को चबाते हुए पचा नहीं पाता कि उसकी उल्टी कर दूसरे की तरफ लपक पड़ता है। ड्रैगन को बैगन बनाकर

याचित ‘शुभकामनाओ -सांत्वनाओं’ का यह अजब समय

याचित ‘शुभकामनाओ -सांत्वनाओं’ का यह अजब समय

By Mohit DevkarJuly 16, 2020

अजय बोकिल सोशल मीडिया के वैश्विक साम्राज्य का अदना-सा नागरिक होने के नाते एक डर मुझे अक्सर सताने लगा है। डर इस बात का कि बोर्ड परीक्षाओ  के रिजल्ट हो,

क्या विकास का ‘एनकाउंटर’ ब्राह्मणों के साथ ‘नाइंसाफी’ है?

क्या विकास का ‘एनकाउंटर’ ब्राह्मणों के साथ ‘नाइंसाफी’ है?

By Mohit DevkarJuly 15, 2020

अजय बोकिल जिस तरह होली की बुझती अंगार से घर का चूल्हा सुलगाने की लोक परंपरा है, कुछ उसी तरह राजनीति भी लाशों पर जातीय सियासत के शोले भड़काने से

प्रभाष जोशी के घर खूब मनी भुट्टे के भजिए की पार्टी

प्रभाष जोशी के घर खूब मनी भुट्टे के भजिए की पार्टी

By Mohit DevkarJuly 15, 2020

अर्जुन राठौर देश के जाने-माने पत्रकार स्वर्गीय प्रभाष जोशी का आज जन्मदिन है और ऐसे में उनसे जुड़ा एक किस्सा मुझे याद आ रहा है बात उन दिनों की है

‘निर्भय निर्गुण ,गुण रे गाऊँगा’ गीत को ताउम्र रीझते रहे प्रभाष जोशी

‘निर्भय निर्गुण ,गुण रे गाऊँगा’ गीत को ताउम्र रीझते रहे प्रभाष जोशी

By Akanksha JainJuly 15, 2020

प्रभाष जी आज होते तो चौरासी बरस के होते। देश की मौजूदा समस्याओं पर उनकी दृष्टि होती। ताकतवर राय होती। वे क्या लिखते यह लिखना मुश्किल है। क्यों कि संतों

अश्व, गर्दभ एकता जिंदाबाद

अश्व, गर्दभ एकता जिंदाबाद

By Mohit DevkarJuly 14, 2020

शशिकान्त गुप्ते का व्यंग्य अश्वों और गर्दभो की संयुक्त सभा में राजनीति में सलंग्न जनप्रतिनिधियों की भत्सर्ना की गई। जनप्रतिनिधियों के लिए एक निंदा प्रस्ताव भी पढ़ा गया।इस निंदा प्रस्ताव

इस महिला डीएफओ ने जो हौसला दिखाया उसे सुनकर आप दंग रह जाएंगे

इस महिला डीएफओ ने जो हौसला दिखाया उसे सुनकर आप दंग रह जाएंगे

By Mohit DevkarJuly 14, 2020

प्रशांत कश्यप की वाल से क्या आप अनुमान लगा सकते हैं कि यह महिला जो जमीन पर बैठी हजारों लाठी लिए लोगों के सामने हाथ जोड़कर भीख़ माँग रही है

हमारे पास आज है,कल भी आज ही होगा

हमारे पास आज है,कल भी आज ही होगा

By Mohit DevkarJuly 14, 2020

अनिल त्रिवेदी सनातन समय से हम याने मनुष्यों को आध्यत्मिक वृत्ति के दार्शनिक चिंतक विचारक समझाते रहे हैं कि हमें वर्तमान में जीना चाहिए।वस्तुत:हम पूरा जीवन वर्तमान में ही जीते

पैसों की सभ्यता और मानव जीवन

पैसों की सभ्यता और मानव जीवन

By Mohit DevkarJuly 14, 2020

अनिल त्रिवेदी आज की दुनिया के लोग पैसों के बिना जीवन की कल्पना नहीं कर पाते हैं।इसी से मनुष्यों के सारे व्यवहार,आचार, विचार सब कुछ पैसों के आसपास चलते हैं।मनुष्य

एक पप्पू ने डुबो दी पार्टी की लुटिया…!

एक पप्पू ने डुबो दी पार्टी की लुटिया…!

By Akanksha JainJuly 14, 2020

राजेश ज्वेल गांधी- वाड्रा परिवार पता नहीं कौन-से स्वप्नलोक में जीता है कि उसे कांग्रेस पार्टी की दुर्गति समझ नहीं आती… जो गलती पान की दुकान या ठेला चलाने वाला

ज्योतिरादित्य की पौ – बारह, नहीं आई विषपान की नौबत

ज्योतिरादित्य की पौ – बारह, नहीं आई विषपान की नौबत

By Akanksha JainJuly 14, 2020

दिनेश निगम ‘त्यागी जैसी संभावना थी वही हुआ। ज्योतिरादित्य सिंधिया की पौबारह रही। कांग्रेस की सरकार गिरा कर भाजपा की बनवाने का ईनाम उन्हें पहले मंत्रिमंडल विस्तार में ही मिल

राजबाडा 2 रेसीडेंसी

राजबाडा 2 रेसीडेंसी

By Mohit DevkarJuly 13, 2020

अरविंद तिवारी बात यहां से शुरू करते हैं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष की कार्यशैली ने प्रदेश के प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे का रुतबा बढ़ा दिया है।

शिवराज की राह पर दिग्विजय….

शिवराज की राह पर दिग्विजय….

By Akanksha JainJuly 13, 2020

दिनेश निगम ‘त्यागी’ सत्ता से बेदखल होने के बाद जो शिवराज सिंह चौहान कर रहे थे, लोकसभा चुनाव हारने के बाद उसी राह पर दिग्विजय सिंह हैं। मुख्यमंत्री पद से

व्यवस्था का ही ‘व्यवस्था’ की ज़रूरत से उठता यक़ीन !

व्यवस्था का ही ‘व्यवस्था’ की ज़रूरत से उठता यक़ीन !

By Ayushi JainJuly 12, 2020

श्रवण गर्ग आँखों के सामने इस समय बस दो ही दृश्य हैं: पहला तो उज्जैन स्थित महाकाल के प्रांगण का है।उस प्रांगण का जो पवित्र क्षिप्रा के तट पर बस

माफिया का शाब्दिक अर्थ क्या होता है ?

माफिया का शाब्दिक अर्थ क्या होता है ?

By Mohit DevkarJuly 11, 2020

शशिकांत गुप्ते माफिया का शाब्दिक अर्थ होता है, गैरकानूनी कार्य कुशलतापूर्वक संपन्न करने की क्षमता रखने वालो का समूह।यह समूह अंर्तराष्ट्रीय स्तर का भी होता है।अंर्तराष्ट्रीय माफिया समूह की फेंच्याईसी

राजनीतिक युक्त फ़िल्मी ड्रामा?

राजनीतिक युक्त फ़िल्मी ड्रामा?

By Mohit DevkarJuly 11, 2020

शशिकांत गुप्ते फिल्मी ड्रामें की पटकथा जैसे लिखी गई थी,ठीक वैसा ही हूबहू ड्रामे का पटाक्षेप भी हुआ।सस्पेंस नदारद हुआ।सस्पेंस को हिंदी में दुविधा कहते हैं।दुविधा की स्थिति तो ड्रामा

अपराधियों और राजनीति के पाणिग्रहण की पुरोहित कांग्रेस माफ़ी मांगे, पुलिस की हौंसला अफजाई करे : मालू

अपराधियों और राजनीति के पाणिग्रहण की पुरोहित कांग्रेस माफ़ी मांगे, पुलिस की हौंसला अफजाई करे : मालू

By Mohit DevkarJuly 10, 2020

गोविंद मालू दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के हश्र के बाद अब यह दिन के उजाले की तरह साफ हो गया कि भाजपा सरकारें चाहे उत्तरप्रदेश की हों या मध्यप्रदेश की

कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने राजनेताओं की बढ़ाई दिल की धड़कनें

कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने राजनेताओं की बढ़ाई दिल की धड़कनें

By Mohit DevkarJuly 10, 2020

अरुण पटेल जिन 24 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होना हैं वहां राजनीतिक दलों की गतिविधियां अब तेज होने लगी हैं, लेकिन कुछ विधानसभा क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों

भोपाल क्यों याद करे काॅमेडियन जगदीप को ?

भोपाल क्यों याद करे काॅमेडियन जगदीप को ?

By Mohit DevkarJuly 10, 2020

अजय बोकिल कोई फिल्मी या मंचीय किरदार जब जिंदगी की हकीकत से एकाकार हो जाए तो समझिए कि उस कलाकार ने समय पर अपने हस्ताक्षर कर दिए हैं। वरना बतौर