आर्टिकल
दुर्दांत दुखांत
जब समूचे देश का मीडिया गला फाड़ फाड़ कर रिया , दीपिका , सारा की दिनचर्या हमको परोस रहा था , तब एक असहाय बेटी अस्पताल के पलंग पर पड़ी
कृषि-कानूनः कांग्रेस का शीर्षासन
संसद द्वारा पारित कृषि-कानूनों के बारे में कांग्रेस पार्टी ने अपने आप को एक मज़ाक बना लिया है। इस मुद्दे पर कांग्रेस शीर्षासन की मुद्रा में आ गई है, क्योंकि
सांत्वनाओं के स्तर पर भी आत्मनिर्भर बना दिए जाने के ‘सफल’ प्रयोग !
-श्रवण गर्ग सोच-सोचकर तकलीफ़ होती है, पर ऐसा हक़ीक़त में हो रहा है और हम उसे रोक नहीं पा रहे हैं।अपनी इस असहाय स्थिति का हमें अहसास भी नहीं होने
एक यायावर महाव्रती को नमन करते हुए
स्मरण/जयराम शुक्ल मुगलसराय जंक्शन अब पं.दीनदयाल उपाध्याय के नाम से जाना जाता है। कुछ वर्ष पहले जब नाम बदलने की बात उठी तो यह सुनते ही कई योद्घा विचलित हो
और कितना जार जार होते देखोगे इंसानियत को
निशिकांत मंडलोई शर्म आती है मगर आज ये कहना होगा,,,, जी हां ये लाइनें आज बरबस ही याद आ गई। 1968 में बनी फिल्म पड़ोसन के लिए गीतकार राजेन्द्र कृष्ण
यदि आपको कोरोना अभी भी मजाक लग रहा है तो यह जरूर पढें
धर्मेंद्र पैगवार कोरोना मजाक नहीं हैं। आपकी जरा सी लापरवाही आपके पूरे परिवार के लिए घातक हो सकती है। वरिष्ठ पत्रकार मनोज बिनवाल की कहानी से आप सीख ले सकते
भारत-विरोधी आतंक और जासूसी
डॉ. वेदप्रताप वैदिक नौ आतंकियों और तीन जासूसों की गिरफ्तारी की खबर देश के लिए चिंताजनक है। आतंकी अल-कायदा और पाकिस्तान से जुड़े हुए हैं और जासूस चीन से!
निजीकरण की तमाम बहस के बावजूद सरकारी नौकरी का मोह जाता नही, क्यों??
वजह ये है कि सरकारी नौकरी एक तिलिस्मी चाभी है जो एक निम्नवर्गीय व्यक्ति को भी समाज के इलीट क्लास में पहुचने का रास्ता दिखाता है, सदियों से जो
‘जान’ जाना है जाए, अब ‘जहान’ जरूरी….
दिनेश निगम ‘त्यागी’ कोरोना महामारी बढ़ने के साथ ‘जान है तो जहान है’ का स्थान ‘जान जाना है जाए, अब जहान जरूरी है’, ने ले लिया है। दरअसल, प्रदेश की
जो न समझे वो अनाड़ी है!
साँच कहै ता/जयराम शुक्ल एक मित्र सायकिल की दुकान पर मिल गए। बाहर उनकी चमचमाती कार खड़ी थी। मैंने पूछा-यहां कैसे? वो बोले- डाक्टर ने कहा सायकिल से चला करिए
कमलनाथ उपचुनावों को जनता बनाम दलबदलू बना पाएंगे?
– अरुण पटेल ज्योतिरादित्य सिंधिया का गढ़ समझे जाने वाले ग्वालियर-चम्बल अंचल में एक जंगी रोड-शो कर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस की ताकत का अहसास कराने
अपने नामों पर पाबंदी
डॉ. वेदप्रताप वैदिक किसी देश का कोई नागरिक अपना या अपने बच्चों का नाम क्या रखे, इस पर तरह-तरह की पाबंदियां कई देशों में हैं। सउदी अरब ने तो ऐसे
सराफा दुकानों की सुरक्षा के लिए शुरू हुई थी खाने-पीने की दुकानें
विजय अड़ीचवाल इंदौर के सराफा में सबसे पहले खाने पीने के लिए रात्रिकालीन दुकानें लगाने का निर्णय महाराजा होल्कर ने लिया था। सराफा दुकानें सूर्यास्त होते ही बंद करने का
उपचुनाव में गद्दार-गद्दार का खेल…और गद्दारों पर दांव
महेश दीक्षित मध्यप्रदेश में आने वाले दिनों में 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं…तारीख की दुदुंभि भले न बजी हो…उपचुनाव का रण जीतने के लिए रण बांकुरे और सेनाएं
भारत-चीन : सच्चाई क्या है ?
डॉ. वेदप्रताप वैदिक एक तरफ संसद में रक्षा मंत्री और गृहराज्य मंत्री के बयान और दूसरी तरफ चीनी विदेश मंत्रालय का बयान, इन सबको एक साथ रखकर आप पढ़ें तो
लौह व्यक्तित्व के भीतर धड़कता एक कवि हृदय
जन्मदिन/जयराम शुक्ल संवेदना, कला-संस्कृति व साहित्य प्रेम के संदर्भ में भी नरेन्द्र मोदी अटलविहारी वाजपेई के वैचारिक वंशधर हैं। उनका कवि पक्ष बहुत कम प्रकाश में आया है..जबकि उन्होंने गुजराती
भारत कहीं फिसल न जाए
डॉ. वेदप्रताप वैदिक कतर की राजधानी दोहा में चल रही अफगान-वार्ता में भारत भाग ले रहा है, यह शुभ-संकेत है। अफगान-संकट को हल करने के लिए नियुक्त विशेष अमेरिकी दूत
लोग जानना चाहते हैं कि उन्हें क्या करना चाहिए !
श्रवण गर्ग सहज जिज्ञासा है कि लोग पूछ रहे हैं : ’अब क्या करना चाहिए ?’ एक विशाल देश और उसके एक दूसरे से लगातार अलग किए जा रहे नागरिक
बेहतर मानव संसाधनों के अभाव से जूझता भारत
हमारे देश में एक बहुत बड़ी समस्या है बेहतर मानव संसाधनों की कमी, हमें शिकायत रहती है कि हमारे देश में बेहतर वैज्ञानिक नहीं हैं, हमारे पास बेहतर प्रबंधक नहीं