यदि आपको कोरोना अभी भी मजाक लग रहा है तो यह जरूर पढें

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By Mohit DevkarPublished On: September 22, 2020
Gujarat Corona

धर्मेंद्र पैगवार

कोरोना मजाक नहीं हैं। आपकी जरा सी लापरवाही आपके पूरे परिवार के लिए घातक हो सकती है। वरिष्ठ पत्रकार मनोज बिनवाल की कहानी से आप सीख ले सकते हैं। वे योग प्राणायत भी करते थे, शाकाहारी थे। काढा, लौंग, तुलसी सब पिछले छह महीने से चालू था। आठ दिन पहले माता-पिता पाजीटिव हुए तो इन्होंने अपना टेस्ट नहीं कराया।

सात दिन पहले बुखार आया तब भी नहीं। पत्रकार मित्रों ने टेस्ट का बोला तो भी, उनके अपने तर्क थे काढा और इम्युनिटी को लेकर। वे न केवल बडे पत्रकार थे बल्कि बडे अखबारों में कई बडी भुमिकाओं में काम कर चुके थे। लेकिन उनकी यह गलती परिवार पर भारी पड गई है। किसी तरह इंदौर की सुपर स्पेशलिटी अस्पताल मे भर्ती हुए। डाक्टरों ने बांबे अस्पताल जाने की सलाह दी।

बांबे अस्पताल में बात हो गई, लेकिन उनकी जिद थी कि वे अब यहीं रहेंगे, उन्हें कुछ नहीं होने वाला। नतीजा दो दिन पहले वे नहीं रहे। आक्सीजन स्तर कम हुआ और डाक्टर उन्हें बचा नहीं पाए। अब घर में पत्नी, दो बच्चे और बुजुर्ग माता-पिता है। पत्नी कामकाजी नहीं साधारण गृहिणी है।

दोस्तों से गुजारिश है कि सावधान रहें, सतर्क रहें, बहुत जरूरी होने पर ही घर से निकलें। कोरोना का कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराएं। अस्पतालों में जगह नहीं है। आपकी जुगाड, हेकडी और कांफिडेंस सब धरा रह जाएगा, यदि जिंदा रहोगे तो पैसे जीवन भर कमा लोगे।