इंदौर (Indore News) : आज इंदौर का बीआरटीएस यातायात की समस्याओं का पिटारा बना हुआ है। रोज नए नए प्रयोग होते रहते हे। उस मेरा मानना है कि इसका वास्तविक निदान करने के लिए निम्न बातों को किया जाएगा,तो ही कुछ हल/आंशिक हल निकल सकता है, कम लागत मे ओर तत्काल शहर को राहत मिल सकती है।
1 प्रत्येक चौराहे पर,सत्य साईं चौराहे से लेकर भंवरकुआं चौराहे तक सामान्य समय ओर पीक आवर्स में,ट्राफिक का पुर्ण सर्वे कराया जावे।जिसमें वाहनों की संख्या,उसकी गुणवत्ता या प्रकार, और उपलब्ध लाइन या रोड की चौड़ाई, साथ में पैदल क्रॉस करने वालों की संख्या,वहा का भौगोलिक सर्वे सम्मिलित हो, किया जाना आवश्यक है।
2 इन आंकड़ों के हिसाब से ओर वाहनो की ऐवरेज गति,के हिसाब से लाइनों का विभाजन किया जाना चाहिए।
3 हर चौराहे पर दाहिने मुड़ने वाला ट्रैफिक और सीधे जाने वाला ट्रैफिक और यू टर्न लेने वाला ट्रैफिक होता है, इसमें दाहिने मुडने वाला ओर यू टर्न वाले वाहनों के लिए ,जिसमें साइकिल इ रिक्क्षा, स्लो मूविंग व्हीकल और फास्ट मूविंग व्हीकल के लिए अलग अलग लेन हो ।
4 अभी होता यह है कि साइकिल वाला या slow-moving ट्रैफिक वाला बिल्कुल बाइ ओर खड़ा रहता है ,जब सिंगनल खुलता है तो पूरी तरह दायी और आने की कोशिश करता है। इससे सीधे जाने वाला ट्रैफिक जो होता है उससे गुत्थम गूत्था होता हे। ओर समय बरबाद होता हे।
5 धीमी गति के वाहन ओर उसकी संख्या के हिसाब से मोल लाइट का समय तय होना चाहिए, जिससे अन्य भुजा के यातायात को रुकावट न हो।
6 चौराहे पर सिग्नल के ऊपर आमने-सामने की दूरी कम से कम रखने की प्लानिंग होना चाहिए।जिससे सिग्नल टाइमिंग में काफी मदद मिलेगी।
7 जहां जहां संभव हो, जगह उपलब्ध होने पर,फ्री यू-टर्न लेने का प्रावधान किया जाना चाहिए।
इसके लिए नगर निगम और यातायात विभाग ने संयुक्त रूप से राशि का प्रावधान करके संयुक्त सर्वे ओर अन्य काम करने चाहिए । तो ही शहर को बीआरटीएस मार्ग पर सही और तकनीकी रूप से सुवीधा,सुरक्षा ओर सन्तोष मिल सकेगा। अन्यथा प्रयोग पर प्रयोग होते रहेंगे और जनता भुगतती ही रहेगी।
अतुल शेठ