देश का अगला ग्रोथ हब बनेगा इंदौर, इन सेक्टरों में बड़े परिवर्तन की योजना हुई तैयार

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By Raj RathorePublished On: August 25, 2025

इंदौर, जिसे मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कहा जाता है, अब आने वाले पांच सालों में विकास का नया इतिहास लिखने की तैयारी में है। शहर की जीडीपी को दोगुना करने का बड़ा लक्ष्य रखा गया है और इसके लिए सरकार से लेकर स्थानीय प्रशासन, विशेषज्ञ और उद्योग जगत के प्रतिनिधि एक साझा मंच पर आए हैं। हाल ही में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में इस महत्वाकांक्षी योजना पर विस्तार से चर्चा हुई।


फार्मा और मेडिकल टूरिज्म पर फोकस

बैठक में सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत” और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के “प्रगतिशील मध्यप्रदेश” के सपनों को साकार करने में इंदौर की भूमिका बेहद अहम है। उन्होंने कहा कि शहर को एक बड़े हेल्थ हब के रूप में विकसित किया जाएगा। फार्मा उद्योग को बढ़ावा देने के साथ ही मेडिकल टूरिज्म को नई दिशा दी जाएगी। अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार से इंदौर को अंतरराष्ट्रीय स्तर का मेडिकल सेंटर बनाया जाएगा, जिससे यहां देश-विदेश से मरीज इलाज के लिए आएंगे।

ऑटोमोबाइल, आईटी और स्टार्टअप्स को नया आयाम

प्रस्तुति में बताया गया कि इंदौर को मैन्युफैक्चरिंग और टेक्नोलॉजी का हब बनाने की योजना है। खासतौर पर ऑटोमोबाइल सेक्टर और इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री को ग्रीन एनर्जी के साथ जोड़ा जाएगा। आईटी और स्टार्टअप इकोसिस्टम को और मजबूत किया जाएगा, ताकि युवाओं को रोजगार और इनोवेशन का मंच मिल सके। सांसद लालवानी ने कहा कि फूड प्रोसेसिंग और नमकीन उद्योग, जो इंदौर की पहचान है, उसे भी वैश्विक स्तर पर ब्रांड बनाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।

कलेक्टर आशीष सिंह का दृष्टिकोण

कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि शहर की प्रगति के लिए यह मिशन बेहद अहम है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी विभागों के बीच बेहतर समन्वय से ही इस योजना को सफल बनाया जा सकेगा। उनके अनुसार पारंपरिक व्यवसायों को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के साथ-साथ इंफ्रास्ट्रक्चर और ट्रांसपोर्ट नेटवर्क पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। रेल, सड़क और हवाई कनेक्टिविटी को सशक्त बनाकर इंदौर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोड़ा जाएगा।

अर्थशास्त्रियों के सुझाव और विश्लेषण

प्रसिद्ध अर्थशास्त्री डॉ. जयंतीलाल भंडारी ने कहा कि इंदौर देश का पहला ऐसा शहर बन सकता है जो महज पांच वर्षों में अपनी जीडीपी को दोगुना करने में सफल हो। उन्होंने सुझाव दिया कि शहर को निर्यात-आधारित उद्योगों, उच्च मूल्य वाले सेक्टर्स और विदेशी निवेश पर फोकस करना चाहिए। इसके साथ ही नई शिक्षा नीति का सही क्रियान्वयन करते हुए युवाओं को ऐसे कौशल से लैस करना होगा, जो उद्योगों की वास्तविक मांग के अनुरूप हों।

साझा संकल्प और भविष्य की रणनीति

बैठक में यह तय किया गया कि इंदौर को देश का “आर्थिक ग्रोथ इंजन” बनाने के लिए व्यापक अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए प्राथमिक सेक्टर्स की पहचान, नई तकनीकों का इस्तेमाल, शिक्षा व्यवस्था का आधुनिकीकरण, कनेक्टिविटी में सुधार, औद्योगिक विस्तार और विदेशी निवेश आकर्षित करने पर जोर रहेगा। यह रणनीति शहर को अगले स्तर पर ले जाने में निर्णायक साबित होगी।

बैठक में मौजूद रहे अधिकारी और विशेषज्ञ

इस बैठक में कई बड़े अधिकारी और विशेषज्ञ शामिल हुए। कलेक्टर आशीष सिंह, नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा, एमपीआईडीसी के कार्यकारी संचालक हिमांशु प्रजापति, इंदौर विकास प्राधिकरण के सीईओ आर.पी. अहिरवार, रेलवे, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। साथ ही नामी अर्थशास्त्री डॉ. जयंतीलाल भंडारी और डॉ. अनिल भंडारी भी उपस्थित रहे। इन सबके सुझाव और मार्गदर्शन से इंदौर के विकास की नई दिशा तय की जाएगी।