आज की तेज-तर्रार जिंदगी में नींद को सबसे पहले नजरअंदाज किया जाता है. देर रात तक मोबाइल चलाना, ओटीटी पर सीरीज देखना या काम का दबाव— ये सब हमारी नींद को प्रभावित करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि रोजाना कम नींद लेना आपके शरीर को धीरे-धीरे बीमारियों की गिरफ्त में ले जा सकता है?
विशेषज्ञों के अनुसार, एक वयस्क को रोजाना कम से कम 7–8 घंटे की नींद जरूरी होती है. लगातार नींद की कमी से शरीर में हार्मोनल असंतुलन, मानसिक तनाव और इम्युनिटी कमजोर हो जाती है. आइए जानें, वो 6 गंभीर बीमारियां, जो आपकी अधूरी नींद का नतीजा बन सकती हैं.
ये हैं 6 गंभीर बीमारियां, जो अधूरी नींद का नतीजा बन सकती हैं
1. डायबिटीज (मधुमेह)- कम नींद लेने से शरीर में इंसुलिन की संवेदनशीलता घट जाती है, जिससे ब्लड शुगर लेवल असंतुलित हो जाता है. इससे टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है. जो लोग देर रात तक जागते हैं और सुबह जल्दी उठते हैं, उनमें यह खतरा कई गुना अधिक होता है.
2. हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप)- नींद पूरी न होना सीधा असर डालता है दिल और धमनियों पर. रात भर नींद की कमी से शरीर में तनाव हार्मोन (Cortisol) का स्तर बढ़ता है, जिससे ब्लड प्रेशर हाई हो सकता है. लगातार हाई बीपी, स्ट्रोक और हार्ट अटैक का कारण बन सकता है.
3. डिप्रेशन और एंग्जायटी- मस्तिष्क को रिचार्ज करने के लिए नींद जरूरी है। यदि आप नींद पूरी नहीं करते, तो मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन, तनाव और डिप्रेशन की समस्या हो सकती है. मानसिक थकान आपके कार्यक्षमता और रिश्तों दोनों को प्रभावित करती है.
4. मोटापा और मेटाबॉलिक सिंड्रोम- नींद की कमी से घ्रेलिन (भूख बढ़ाने वाला हार्मोन) का स्तर बढ़ जाता है और लेप्टिन (भूख घटाने वाला हार्मोन) कम हो जाता है। नतीजा – बेवजह भूख और ज्यादा खाना. इससे वजन तेजी से बढ़ता है और शरीर मोटापे की गिरफ्त में आ सकता है.
5. इम्युनिटी कमजोर होना- नींद के दौरान शरीर अपने आप को रिपेयर करता है. लेकिन अगर नींद पूरी नहीं हो रही, तो इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, जिससे सर्दी, खांसी, फ्लू जैसी बीमारियां बार-बार हो सकती हैं. लंबे समय तक इम्युनिटी कमजोर रहना गंभीर संक्रमणों का कारण बन सकता है.
6. हार्ट डिजीज- रिसर्च में पाया गया है कि जो लोग लगातार 6 घंटे से कम नींद लेते हैं, उन्हें हृदय रोग, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा दोगुना होता है. दिल का स्वास्थ्य नींद से सीधा जुड़ा है, इसलिए नींद के साथ समझौता नहीं करें.
क्या कहते हैं डॉक्टर?
“नींद कोई आलस नहीं, यह शरीर की जरूरत है. अगर आप 3–4 दिन लगातार कम सोते हैं, तो आपकी याददाश्त, एकाग्रता और निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित हो सकती है.”
बेहतर नींद के लिए सुझाव
. रात को सोने से 1 घंटे पहले स्क्रीन टाइम बंद करें
. कैफीन और भारी भोजन रात को न लें
. रोजाना एक ही समय पर सोना और उठना तय करें
. सोने से पहले रिलैक्सिंग म्यूज़िक या मेडिटेशन करें