ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित बैठक में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अधिकारियों को कड़ी नसीहत दी। बैठक शुरू होने से पहले उन्होंने पहले मुख्यमंत्री के माध्यम से अधिकारियों की आलोचना की और इसके बाद सीधे अफसरों को निर्देश दिया। विजयवर्गीय ने कहा कि अधिकारी अब तक मुख्यमंत्री के नाम से डराते थे और उन्हें अब सीएम के सामने केवल वही दस्तावेज प्रस्तुत करने चाहिए जो वास्तविक काम से जुड़े हों, यानी जो प्रेजेंटेशन पहले दिखाया गया था।
सरकार के दो वर्ष पूरे, मुख्यमंत्री ने मीडिया से की बात
जानकारी के अनुसार, सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर मुख्यमंत्री ने पत्रकार वार्ता आयोजित की थी। इस दौरान इंदौर के प्रभारी मंत्री के सवाल पर उन्होंने कहा था कि मैं प्रभारी मंत्री नहीं हूं, बल्कि जो जिला खाली रह गया था, उसे मैंने अपने पास रखा। मुख्यमंत्री के इस सादगी भरे बयान पर रविवार को मंत्री विजयवर्गीय ने मीटिंग से पहले हल्के-फुल्के अंदाज में तंज कसा।
कागज पर कुछ, हकीकत में कुछ और – CM का तंज
इसके बाद उन्होंने कहा कि दो साल हो गए हैं, और आप लोगों को सहते-सहते देख रहा हूं। कागज पर कुछ दिखाते हो, लेकिन हकीकत में कुछ और ही करते हो। अफसरों द्वारा मुख्यमंत्री के सम्मान के दौरान, उन्होंने तंज करते हुए कहा कि फोटो भी खिंचवाओ, तभी असली सम्मान दिखाई देगा। कहा जा रहा है कि इस दौरान मंत्री विजयवर्गीय ने हल्के अंदाज में अपनी भूमिका निभाने की कोशिश की, लेकिन मुख्यमंत्री ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
विजयवर्गीय ने अधिकारीयों को दिया सख्त निर्देश
विजयवर्गीय ने कहा कि अच्छा है आपने माना कि आप प्रभारी मंत्री नहीं हैं, नहीं तो अधिकारी आपका नाम लेकर हमें अब तक डराते रहते। मुख्यमंत्री ने भी हल्के-फुल्के अंदाज में जवाब दिया कि जो खाली था, उसे मैंने अपने पास रख लिया। इसके बावजूद विजयवर्गीय रुके नहीं और मेट्रो के अधिकारी से तीखे अंदाज में कहा कि सही दस्तावेज ही पेश करें, यानी वही जो पहले मुझे दिखाया गया था, नहीं तो मेरी सीएम के सामने बुराई करवा देंगे। इस पर अधिकारी ने स्पष्ट कर दिया कि प्रस्तुत प्रेजेंटेशन वही है।
अफसरों की कार्यप्रणाली से नाराज़ है मंत्री
बताया जा रहा है कि विजयवर्गीय के इस अंदाज से साफ है कि वे अधिकारियों और उनके कामकाज से नाराज हैं। हालांकि, इस पूरे घटनाक्रम को विजयवर्गीय समेत सभी ने हल्के-फुल्के और मजाकिया अंदाज में लिया।








