सरकार का आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश प्लान और संकट में फंसा व्यापार

Mohit
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इंदौर।कोरोना काल में अपना खजाना खाली कर चुकी प्रदेश सरकार को व्यापारिक क्षेत्र से उम्मीद बंधी हुई है और इसी उम्मीद के चलते सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने आत्म निर्भर मध्यप्रदेश के रोड़ मेप पर मंत्री मंडल के सदस्यों के साथ विचार विमर्श किया। जल्द इस रोड़ मेप को मूर्त रूप भी देने की तैयारी सरकार की है मगर खासा नुकसान उठाने वाले व्यापार जगत को भी सरकार से राहत की अभिलाषा है। पहले 90 दिन और कोरोना की दुसरी लहर में 64 दिन के लॉक डाउन ने पूरे प्रदेश के व्यापार की रीढ़ तोड़ दी है। बात प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर करे तो यहां दो बार के लॉक डाउन में व्यापार के हर सेक्टर को खासा नुकसान उठाना पड़ा। नुकसानी का मोटा मोटा अनुमान 10 हजार करोड़ से ज्यादा का है। विशेषज्ञों की माने तो किराना, कपड़ा, सोना चांदी, नमकीन, स्टील, फल सब्जी जैसे दर्जन भर क्षेत्रों में हालात सुधरने में छह से आठ माह लग जाएंगे। इन बिगड़े हालातों में सरकार का आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश प्लान कैसे और कितना कारगर होगा यह देखने वाली बात रहेंगी।

मै, तुम नहीं हम मिलकर बनाएंगे इतिहास –

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने सोमवार को इछावर, सीहोर में मंत्रि-परिषद के सदस्यों के साथ अनौपचारिक बैठक में कोरोना नियंत्रण सहित विभिन्न मुद्दों पर गहन विचार-मंथन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय हमारे सामने दोहरी चुनौती है। कोरोना के कारण जन-जीवन प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुआ है और विकास की गति रूक सी गई है। हमें जन-जीवन को सामान्य करना है और विकास को गति देनी है। आने वाले समय में आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप को गति देना है। इसके लिए मैं या तुम नहीं हम मिलकर बनायेंगे प्रदेश का इतिहास।

व्यापार का हर सेक्टर है आहत –

कोराना काल में करीब हजार करोड़ से ज्यादा की नुकसानी रेडिमेड सेक्टर को उठाना पड़ी है। करीब 2 हजार से ज्यादा रेडिमेड यूनिट 8 हजार से ज्यादा आउटलेट पर ताले डले है जिसके चलते 4 लाख से अधिक लोगों का रोजगार प्रभावित हो गया। रेल यातायात के बंद होने का भी खासा असर व्यापार पर पड़ा। हालात यह रहे कि अनलॉक के बाद शुरू हुई 56 स्पेशल ट्रेन में से 46 ट्रेन को यात्रियों के अभाव में बंद कर दिया गया। बीते दो माह में पेट्रोल डीजल की खपत में भी 70 प्रतिशत गिरावट आ गई। जिसका सीधा असर सरकार के खजाने पर भी पड़ा है। प्रदेश की 80 फीसदी रोलिंग मिलों में उत्पादन बंद है वही कच्चे माल की आसमान छूती किमतों ने इस सेक्टर की चिंता बढ़ाने का काम किया है। इंदौर-पीथमपुर में एक महीने में 70 प्रतिशत प्रोडक्शन गिर चुका है। बीते देढ़ साल में तकरीबन 11 माह से तालाबंदी झेल रहे सिनेमाघर कारोबार को भी तगड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है। करीब सौ करोड़ की नुकसानी इस सेक्टर को हुई। शादी ब्याह का सीजन दो बार बिगड़ने से मेरेज गार्डन, केटरिंग, और फूलों के कारोबारियों को भी खासी नुकसानी उठाना पड़ी है।

सिर्फ चार क्षेत्र में 5 हजार करोड़ की हानी –

इंदौर में किराना, सोना चांदी, नमकीन, कपड़ा व्यापार और सब्जी मंडी में ही करीब 5 हजार करोड़ का नुकसान हो चुका है। इसमे प्रदेश के सबसे बड़े किराना बाजार सियागंज को सर्वाधिक 3 हजार करोड़ के लगभग नुकसान उठाना पड़ा है। जबकि प्रदेश की सबसे बड़ी कपड़ा मंडी एमटी क्लाथ मार्केट में करीब 600 करोड़ का नुकसान हुआ वहीं इंदौर के प्रसिध्द नमकीन कारोबार को 400 करोड़ की हानी उठानी पड़ी है। सोना चांदी कारोबार को 60 करोड़ से ज्यादा का झटका सहन करना पड़ा है। सबसे बड़ी सब्जी फल मंडी चोइथराम मंडी दो महीने से ज्यादा समय से बंद रही। इस मंडी में करीब 15 करोड़ रुपए रोज का कारोबार होता है। बीते दो माह में 90 करोड़ का नुकसान झेलने वाली मंडी को इस हानी की भरपाई में दोगुना वक्त यानी चार महिने लग सकते है।

तीस प्रतिशत व्यापार अन्यत्र हो गया शिफ्ट –

सियागंज सहित इंदौर के सभी बड़े किराना बाजार को लॉकडाउन की अवधि में तीन हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है। बात सिर्फ नुकसान की नहीं है तीस प्रतिशत से ज्यादा ग्राहकों के अन्यत्र क्षेत्र में शिफ्ट होने की चिंता भी है। हमारे सामने व्यापार को बचाने के साथ मल्टी नेशनल कंपनियों से मुकाबले की चुनौती दोनों है। सरकार को चाहिए कि छोटे और खैरची व्याापार को बचाने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास करे।
– रमेश खण्डेलवाल, अध्यक्ष मालवा चैम्बर आॅफ कामर्स

शादियों और स्कूल ड्रेस के दो सिजन निकल गए –

इंदौर का कपड़ा बाजार को पूरे साल की उम्मीद शादी ब्याह के सीजन और शिक्षा सत्र से लगी होती है। तीन से चार माह में ही तीन सौ करोड़ से ज्यादा का व्यापार होता है। कोरोना काल में दो दो सीजन खराब हो चुके है। अब सारी उम्मीद अगले सीजन पर टिकी है।
– गिरधर गोपाल नागर, अध्यक्ष एमटी क्लाथ मार्केट व्यापारी एसोसिएशन

ग्राहकी को देख थोड़ी उम्मीद जागी है –

शनिवार को अनलॉक का पहला दिन तो सराफा व्यापारियों का साफ सफाई में ही बीत गया। बीते दो लॉकडाउन में ग्राहकी के दो सीजन निकल गए। सोमवार को बाजार में ग्राहकी संतोषजनक रही, इससे उम्मीद लगाई जा सकती है कि कुछ माह में स्थितियां सुधर जाएंगी।
– बसंत सोनी, उपाध्यक्ष इंदौर सोना चांदी जवाहरात एसोसिएशन

प्रदीप जोशी