America : नवंबर में चुनाव और जनवरी में शपथ ग्रहण, जानें क्यों होता हैं 2 महीने का अंतर

srashti
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America : 20 जनवरी का दिन अमेरिकी राजनीति में विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन नए राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण समारोह होता है। यह दिन अमेरिका के इनोग्रेशन डे के रूप में जाना जाता है, जो कि राष्ट्रपति के कार्यकाल की शुरुआत को चिह्नित करता है। हालांकि, यह प्रक्रिया भारत की तुलना में थोड़ी अलग है, जहां चुनाव के बाद तुरंत नई सरकार का गठन हो जाता है।

अमेरिका में क्यों होता है दो महीने का अंतराल?

भारत में चुनाव के तुरंत बाद नई सरकार शपथ लेकर कार्यभार संभालती है, जबकि अमेरिका में चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद लगभग दो महीने का समय शपथ ग्रहण में लगता है। इसका कारण ऐतिहासिक रूप से जुड़ा हुआ है, जब अमेरिका की ज्यादातर आबादी ग्रामीण इलाकों में बसी हुई थी और संचार एवं परिवहन के साधन नहीं थे। इस कारण चुनाव और शपथ ग्रहण के बीच महीनों का अंतराल रखा गया था।

पावर ट्रांसफर की लंबी प्रक्रिया

1776 में जब अमेरिका स्वतंत्र हुआ, तब देश में संचार के साधन सीमित थे। चुनाव के बाद वोटों की गिनती, इलेक्टोरल कॉलेज के इलेक्टर्स की बैठक और वोटों को कांग्रेस तक पहुंचाने की प्रक्रिया में समय लगता था, जिसकी वजह से शपथ ग्रहण में देरी होती थी। शुरू में यह अंतराल 4 महीने का था।

संशोधन के बाद 20 जनवरी का दिन तय

1933 में राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट के समय 20वें संशोधन के तहत शपथ ग्रहण के समय को घटाकर 2 महीने कर दिया गया, और 20 जनवरी को शपथ ग्रहण का दिन तय किया गया। इस प्रकार, अमेरिका में शपथ ग्रहण प्रक्रिया अब 20 जनवरी को आयोजित होती है।

शपथ ग्रहण में कौन होंगे शामिल?

अमेरिकी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व राष्ट्रपति भी शामिल होते हैं, जो एक परंपरा है। हालांकि, 2021 में ट्रंप ने बाइडेन के शपथ ग्रहण समारोह में भाग नहीं लिया था, जो कि अमेरिका के 150 साल के इतिहास में पहली बार हुआ था। इस बार, ट्रंप के शपथ ग्रहण में जो बाइडेन, उनकी पत्नी जिल बाइडेन, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और उनके पति डग एमहॉफ के साथ पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, जॉर्ज डब्ल्यू. बुश, बिल क्लिंटन और हिलेरी क्लिंटन भी शामिल होंगे।