इंदौर. कोविड के दौरान से हमारी लाइफ स्टाइल बहुत ज्यादा बदल गई है। आजकल लोगों में व्यायाम, बाहर घूमना वही अन्य एक्टिविटी बहुत कम हो गई है इसी के साथ फास्ट फूड के बढ़ते चलन ने कई बीमारियों को जन्म दिया है। साथ ही मोटापा इन सब बीमारियों को बढ़ावा दे रहा हैं । कोविड के दौरान कई लोगों ने अपने चेकअप करवाए इस वजह से डायबिटीज की बीमारी के पेशेंट की बहुत ज्यादा रिपोर्ट सामने आई है। में हार्मोन से संबंधित समस्याओं में डील करता हूं आजकल हमारे पास ऐसे कई पेशेंट आते हैं जिनमें डायबिटीज और थाइरोइड जैसी समस्या देखने को मिलती है। अगर बात इसके आंकड़ों की करी जाए तो 10 से 15% की बढ़ोतरी देखने को सामने आ रही है। वही बदलते खानपान और व्यायाम की कमी के चलते लोगों में मोटापा बढ़ा है जिस वजह से पुरुषों में डायबिटीज कोलेस्ट्रॉल, और थाइरोइड जैसी समस्या कॉमन रूप से सामने आ रही है। वही महिलाओं में इन समस्याओं के सात मासिक धर्म में अनियमितता जैसे केस देखने को सामने आते हैं। यह बात डॉक्टर राजेश वर्मा ने अपने साक्षात्कार के दौरान कही वह शहर के प्रतिष्ठित एमवायएच हॉस्पिटल में मेडिसीन डिपार्टमेंट में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
सवाल. डायबिटीज कितने प्रकार की होती है इसे किस तरह खत्म किया जा सकता है
जवाब. डायबिटीज की समस्या होने पर पेशेंट के शरीर में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है। इसके लक्षण की बात की जाए तो पेशेंट में को बार-बार प्यास लगना, पेशाब आना, तेजी से वजन कम होना, थकान, कमजोरी और अन्य चीजें देखने को सामने आती है। अगर बात आंकड़ों की की कि जाए तो हाल ही में आईसीएमआर की एक स्टडी यह बताती है कि इंडिया में डायबिटीज की समस्या 10 से 11% देखने में आ रही हैं। इसके मुख्य कारणों में बढ़ता मोटापा मुख्य रूप से शामिल हैं पहले डायबिटीज से संबंधित समस्या शहरों में देखी जाती थी जो कि अब गांव में भी बहुत ज्यादा मात्रा में बढ़ रही है इसका मेन कारण हमारी बिगड़ती लाइफस्टाइल की वजह से बढ़ता मोटापा है। डायबिटीज मुख्यत दो प्रकार की होती है इसमें टाइप वन और टाइप टू डायबिटीज शामिल है। वही सबसे ज्यादा कॉमन टाइप टू डायबिटीज देखी जाती है। यह संभवत जेनेटिक रूप और 40 की उम्र के बाद देखी जाती है वही टाइप वन डायबिटीज के केस बच्चों में देखे जाते हैं इसमें पैंक्रियास नामक ग्रंथि से इंसुलिन का बनना लगभग बंद हो जाता है जिस वजह से यह समस्या देखने को सामने आती है। इस समस्या से निपटने के लिए मोटापा कम करना बहुत ज्यादा जरूरी है।कई बार ऐसा देखा गया है कि लोगों द्वारा 10 से 15% अगर वजन कम कर दिया जाए तो उनकी डायबिटीज पूरी तरह से कंट्रोल हो जाती है जिसे मेडिकल भाषा में डायबिटीज रेमीशन कहा जाता है।
सवाल. थायराइड से संबंधित समस्या क्या है यह कितने प्रकार की होती है
जवाब. थायराइड ग्रंथि हमारे गले के आगे वाले भाग में रहती हैं। वर्तमान समय में थायराइड से संबंधित समस्या भी काफी मात्रा में देखी जा रही है यह मुख्यतः दो प्रकार की होती है जिसमें हाइपोथायराइडिज्म, हाइपरथायराइडिज्म शामिल है हाइपोथायराइड में हार्मोन ज्यादा बनते हैं वहीं हाइपरथायराइड में हार्मोन कम बनने की समस्या सामने आती। अगर बात आंकड़ों की करी जाए तो 90% केस में हार्मोन कम बनने की समस्या सामने आती है। जिसमें आम तौर पर व्यक्तियों को थकान, कमजोरी, वजन बढ़ना, नींद ज्यादा आना, सुस्ती बनी रहना, कब्जियत, बाल झड़ना, हाथ पैर और आंखों के पास सूजन होना, महिलाओं में मासिक धर्म पर अनियमितता और अन्य प्रकार की समस्या देखी जाती है। वही दूसरे प्रकार के थाइरोइड में इसके बिल्कुल विपरीत समस्याएं देखी जाती है। थायराइड से संबंधित समस्या में महिलाएं इसकी गिरफ्त में ज्यादा नजर आती है। यह बीमारी धीरे-धीरे सामने आती है वही कई बार इसके लक्षण सामने आने पर लोग इसे सामान्य समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं और यह बीमारी धीरे-धीरे बढ़ जाती है।
सवाल. लोगों में अपने बच्चों को लेकर हाईट से संबंधित समस्या देखी जा रही है यह क्या है
जवाब. वर्तमान समय में ऐसे कई माता पिता हमारे पास आते हैं जिनके बच्चों की हाइट सामान्य रूप से नहीं बढ़ रही होती है। इसके कई कारण है जिसमें प्रॉपर भोजन नहीं मिलने से शरीर में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और अन्य मिनरल्स के नहीं मिलने से इस तरह की समस्या देखने को सामने आती है। वही कई बार थायराइड की समस्या से भी बच्चों की हाइट पर इसका गलत असर पड़ता है हमारे मस्तिष्क से पिट्यूटरी ग्रंथि ग्रोथ हार्मोन को रिलीज करती है जो कई कारणों की वजह से इफेक्ट होती है और इसका असर बच्चे की ग्रोथ पर पड़ता है। वैसे तो हाइट का बढ़ना जेनेटिक रूप से सामने आता है लेकिन कई बार कम खेलकूद का भी बच्चे की हाइट पर गलत प्रभाव पड़ता। आमतौर पर हमारी हाइट युवावस्था यानी 18 साल तक बढ़ती है इसके बाद बहुत कम मात्रा में ग्रोथ होती है। इसके लिए हमें सही खानपान और एक्सरसाइज की जरूरत होती है।
सवाल. आपने-अपनी मेडिकल फील्ड की पढ़ाई किस क्षेत्र में और कहां से पूरी की है
जवाब. मैंने अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई एसएस मेडिकल कॉलेज रीवा से पूरी की है। इसके बाद मैंने एमडी गजराराजा कॉलेज जीवाजी मेडिकल यूनिवर्सिटी से पूरा किया। मैंने अपनी पढ़ाई पूर्ण होने के पश्चात दिल्ली के एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट में अपनी सेवाएं दी। उसके बाद मैंने एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में एमवायएच में अपनी सेवाएं देना शुरू की वही कुछ समय बाद हार्मोन डिसीस की ओर मेरा रुझान बढ़ा और मैंने बीएचयू से डीएम एंडोक्राइनोलॉजी की पढ़ाई पूरी की। मेडिकल की पढ़ाई की लीव पूरी होने के बाद मैंने दोबारा एमवायएच में ज्वाइन कर लिया यहां पर मैं हार्मोन डिसीस से संबंधित केस और मेडिसिन डिपार्टमेंट एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवाएं दे रहा हूं।