बसपा सांसद अफजाल अंसारी की सोमवार को लोकसभा सदस्यता रद्द हुई। लोकसभा के सदस्य के तौर पर अयोग्य घोषित किया गया। अफजाल के दो दिन पहले आपराधिक मामलों पर दोषी ठहराया गया था, जिसके बाद सांसदीय सदस्यता छीन ली गई। बता दें कि गैंगस्टर केस में गाजीपुर के एमपी एमएलए को कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी और उसके बड़े भाई अफजाल अंसारी को दोषी ठहराया था। शनिवार 29 अप्रैल को कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा उसके साथ ही जुर्माने के रूप में 5 लाख रुपए देने है। वहीं, मुख्तार के बड़े भाई अफजाल को 4 साल की सजा के साथ साथ 1 लाख रुपए का जुर्माना देना होगा।
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पूरा मामला क्या है?
दरअसल, बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के केस में अफजाल अंसारी पर गैंगस्टर का माला दर्ज हुआ था । जबकि भाई मुख्तार पर बीजेपी एमएलए कृष्णानंद राय और नंदकिशोर गुप्ता की हत्या को लेकर गैंगस्टर का केस दर्ज हुआ था। यह दोनों भाई पर मुहम्मदाबाद थाने में इनके खिलाफ 2007 में अपराध 1051 और अपराध 1052 का मामला दर्ज किया गया था। जिसमें दोनों भाइयों को अलग अलग सजा मिली है।
बता दें कि अफजाल की राजनीति में एंट्री 1985 में हुई थी। उस दौरान कम्युनिस्ट नेता सरजू पांडेय ने अफजाल अंसारी को बसपा भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी में मुहम्मदाबाद से चुनाव लड़वाया गया था। अफजाल ने पहले ही चुनाव में कांग्रेस को 3 हजार वोट से हराया था। जबकि यह चुनाव इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए थे।
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आपको बता दें कि मुख्तार के खिलाफ पूरे उत्तरप्रदेश में सभी जिलों को मिलाकर 61 मुकदमे दर्ज है। जिसमें सबसे ज्यादा मामले गाजीपुर से है। गाजीपुर से 25 मामलों के साथ साथ मऊ से 9 मामले है, वाराणसी के साथ साथ लखनऊ में 8-8 मामले दर्ज हैं। जबकि कई जगह पर मुख्तार पर केस दर्ज हैं। जिनमें गाजीपुर में 2 मामले गैंगस्टर पर है, वहीं लखनऊ में 2 मामलों में सजा मिल चुकी है। फिलहाल मुख्तार के खिलाफ 20 मामलों को लेकर अदालत में विचार विमर्श किया जा रहा है।