जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के दच्छन क्षेत्र में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच रविवार को भीषण मुठभेड़ शुरू हो गई है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, इलाके में जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े आतंकियों के एक समूह के छिपे होने की आशंका जताई गई है। सूत्रों के अनुसार, गुप्त सूचना मिलने के बाद सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीमों ने इलाके को घेर लिया और सघन सर्च ऑपरेशन शुरू किया। माना जा रहा है कि आतंकी एक घर या जंगल के क्षेत्र में छिपे हो सकते हैं, जिन्हें सुरक्षा बलों ने चारों ओर से घेर लिया है। माना जा रहा है कि जैश-ए-मोहम्मद के कई आतंकी छिपे हो सकते हैं। इसके पहले भी सेना ने ऑपरेशन चलाकर आतंकियों का सफाया किया है।
ऑपरेशन जारी, गोलीबारी की पुष्टि
स्थानीय प्रशासन ने मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए बताया कि अभी तक दोनों ओर से गोलीबारी जारी है। इलाके में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं ताकि अफवाहें न फैलें और ऑपरेशन में कोई बाधा न आए। इसके अलावा ऑपरेशन वाले क्षेत्र में किसी को भी न जाने की हिदायत दी गई है। बता दें की पहलगाम आतंकी हमले में भी स्थानीय कनेक्शन सामने आया था, जिसमें स्थानीय लोगों की मदद से आतंकियों ने पहलगाम के बैसरन घाटी में आतंकी घटना को अंजाम दिया था। फिलहाल सेना ने आतंकियों को घेर लिया है, लेकिन ये आतंकी तब देखे गए हैं, जब कश्मीर इलाके में अमरनाथ की यात्रा हो रही है।
मुठभेड़ से एक दिन पहले 10 संदिग्ध हिरासत में
इस एनकाउंटर से एक दिन पहले शनिवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस की काउंटर-इंटेलिजेंस विंग ने आतंकी फंडिंग और रिक्रूटमेंट से जुड़े मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए 10 संदिग्धों को हिरासत में लिया था। यह कार्रवाई श्रीनगर, पुलवामा, बडगाम और गंदरबल जिलों में की गई थी। जांच में सामने आया कि ये संदिग्ध एक एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप के जरिए पाकिस्तान स्थित आतंकी हैंडलर अब्दुल्ला गाज़ी के संपर्क में थे, जो लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों के लिए काम करता है।
आतंकियों की संख्या और ठिकाने की पुष्टि बाकी
हालांकि मुठभेड़ स्थल पर कितने आतंकी छिपे हैं, इसकी पुष्टि अभी नहीं हुई है। सुरक्षाबलों को शक है कि हाल में सक्रिय हुए आतंकी मॉड्यूल का ही हिस्सा ये आतंकी हो सकते हैं। इस मुठभेड़ और गिरफ्तारी की कार्रवाई से साफ है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी नेटवर्क जम्मू-कश्मीर में फिर सक्रिय होने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन सुरक्षाबल लगातार उनकी गतिविधियों को नाकाम करने में जुटे हुए हैं। इससे पहले टीआरएफ के आतंकियों ने 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन घाटी में 26 पर्यटकों को गोली मारकर हत्या कर दी थी।