क्या बिना MSP कानून के लौटना होगा किसानों को ?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM MODI) द्वारा तीनों कृषि कानूनों के वापस (Repeal) लेने के बावजूद भी किसान आंदोलन ज्यो का त्यों बना हुआ है। किसान वापसी को राजी नही हो रहे है। उनकी मांग MSP के लिए कानून बनवाने की है। ऐसे में सवाल यही उठता है कि क्या किसानों की इस मांग को पूरी कर पाना सम्भव (possible) है या नही?

कई कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर MSP को लेकर सरकार कानून बना देती है तो इससे सरकार और देश को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है, क्योंकि निजी क्षेत्र की कम्पनियों और व्यापारियों की कोई गारंटी नही कि वे सरकार द्वारा घोषित MSP पर ही खरीदी करें। और यदि ऐसा होता है तो फिर किसानों से सरकार को ही उपज खरीदनी पड़ेगी। चाहे सरकार को जरूरत हो या न हो।

वहीं, यहीं बात मनोहर लाल खट्टर (सीएम हरियाणा) ने पीएम मोदी से मिलने के बाद शुक्रवार को कहा कि एमएसपी की गारंटी देने वाला कानून बनाना संभव नहीं है, क्योंकि यदि किसानों के उत्पाद को कोई दूसरा नहीं खरीदता है तो सरकार पर ऐसा करने का दबाव बनेगा।

उन्होंने ट्वीट कर कहा ”दिल्ली में आज आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आवास पहुंचकर उनसे मुलाकात की। इस दौरान उनसे हरियाणा में वर्तमान और आगामी विकास कार्यों से लेकर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।”

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MSP के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर कृषि अर्थशास्त्रियों के भी अलग-अलग विचार हैं। इस पर कानून बनाना संभव नहीं लगता है। क्योंकि यदि ऐसा किया जाता है तो सरकार पर यह जिम्मेदारी आ जाएगी कि यदि कोई उनके उत्पाद को कोई नहीं खरीदता है तो सरकार को ऐसा करना पड़ेगा।

खट्टर ने आगे कहा, ”सरकार को इतनी आवश्यकता नहीं है और इस पर सिस्टम बनाना भी संभव नहीं है। हम आवश्यकता के मुताबिक ही खरीद कर सकते हैं।”

ऐसे में देखना होगा कि इस पर किसान संगठनों की क्या प्रतिक्रिया आती हैं।