इंदौर : जिले में राज्य शासन के निर्देशानुसार विकास यात्रा निकालने का सिलसिला 5 फरवरी से प्रारंभ होगा। आगामी 25 फरवरी तक यह यात्राएं इंदौर शहर के हर वार्ड और गांवों में पहुचेंगी। जिले में यह यात्रा विधानसभा क्षेत्रवार निकाली जाएगी। प्रत्येक विधानसभा में यह यात्रा प्रतिदिन न्यूनतम 5 से 6 गांवों में पहुंचेगी। हर दिन इनमें से दो बड़े गांवों में सभाएं भी होंगी। यात्रा के दौरान नागरिकों से सीधा संवाद स्थापित किया जाएगा। उनकी समस्याएं सुनी जाएगी।
शासन की जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में उन्हें बताया जाएगा। ऐसे हितग्राही जिन्हें अभी तक किसी योजना का लाभ नहीं मिला है उन्हें सूचीबद्ध कर शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाना सुनिश्चित किया जाएगा। यात्रा के मार्गों पर विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण भी होगा।
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यह जानकारी आज यहां कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी की अध्यक्षता में संपन्न हुयी बैठक में दी गयी। कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में संपन्न हुयी इस बैठक में अपर कलेक्टर अजयदेव शर्मा, अभय बेड़ेकर, राजेश राठौर, आर.एस. मण्डलोई, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी वंदना शर्मा, अपर कलेक्टर सपना लोवंशी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने विकास यात्रा की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि यात्रा के प्रभावी और सफल आयोजन के लिए सूक्ष्म कार्य योजना तैयार की जाए। हर विभाग अपने-अपने स्तर से भी सूक्ष्म कार्य योजना तैयार करें। विभाग के अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि यात्रा मार्ग पर आने वाले सभी शासकीय सेवा केंद्रों जैसे कि अस्पताल, आंगनवाडी, स्कूल, पंचायत भवन, कंट्रोल की दुकानें आदि व्यवस्थित रहें।
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यात्रा के दौरान जिन गांवों में सभाएं होंगी उन गांवों में स्वास्थ्य शिविर, पशु चिकित्सा शिविर आदि का आयोजन भी किया जाए। हितग्राहियों को हित लाभ का वितरण हो। बुजुर्ग, बच्चे, दिव्यांग आदि को आवश्यकता के अनुसार तात्कालिक सहायता भी तुरंत उपलब्ध कराई जाए। आयोजन में किसी भी तरह की कमी नहीं रहने दी जाए। यात्रा मार्ग पर विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन भी हो।
बैठक में कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने गत 26 जनवरी को आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान नेहरू स्टेडियम में उत्तरदायित्व निर्वहन में उदासिनता पाए जाने पर जिला शिक्षा अधिकारी, नगर निगम के झोनल अधिकरी, स्टेडियम मैनेजर आदि को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
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बैठक में उन्होंने कहा कि हर अधिकारी की जिम्मेदारी है कि वे सौंपे गए कार्यों को पूर्ण गंभीरता और पूरी जिम्मेदारी के साथ करें। कार्य में किसी भी तरह की लापरवाही और उदासिनता नहीं बरती जाए। लापरवाही और उदासिनता अक्षम्य है। अधिकारियों को चाहिए कि वे अपने कार्यों को बेहतर से बेहतर रूप में करें। वरिष्ठों से मार्गदर्शन लेवें तथा कनिष्ठों से सीधा संवाद और सम्पर्क करें। कार्य को प्रभावी और सफलता के साथ संपादित करें।