Ukraine Crisis: यूक्रेन में फंसे छात्रों के लिए चिंतित सांसद लालवानी, कल जाएंगे दिल्ली

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नई दिल्ली। यूक्रेन में रूस की ओर से जंग की आहट (Ukraine-Russia Tensions) धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। इन सब के बीच वहां पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्र दुविधा में फंस गए है। कीव स्थित भारतीय दूतावास ने मंगलवार सुबह एक एडवाइज़री जारी कर भारतीय छात्रों को अस्थायी रूप से देश छोड़ने का सुझाव दिया। एडवाइज़री में कहा गया कि जिन छात्रों का यूक्रेन में रहना आवश्यक नहीं, उन्हें इन हालातों के बीच यूक्रेन छोड़ने पर विचार करना चाहिए। 20 हज़ार से अधिक भारतीय छात्र और नागरिक यूक्रेन के अलग-अलग हिस्सों में रहते हैं, जिसमें सीमावर्ती इलाके भी शामिल हैं।

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वहीं ओडेसा यूनिवर्सिटी में MBBS की पढ़ाई का रहे भारतीय छात्र राघिब रहमान ने कहा कि उनकी यूनिवर्सिटी में करीब 500 भारतीय छात्र पढ़ते हैं, और भारतीय दूतावास की एडवाइज़री के बाद सभी छात्र देश छोड़ने का मन बना चुके हैं। लेकिन देश लौटना इन छात्रों के लिए आसान नहीं हालांकि अभी यूक्रेन में उड़ानों पर कोई संकट नहीं, लेकिन पिछले दो दिनों में फ्लाइट टिकट दोगुने दाम पर बिक रही हैं।

राघिब रहमान ने कहा कि दो दिन पहले जो भारत की उड़ान 360 डॉलर यानी करीब 27 हज़ार में मिल रही थी, वो अब 52 हज़ार की मिल रही है, और कुछ उड़ानें करीब लाख रुपए में मिल रही है। रहमान ने कहा कि लॉकडाउन के समय भी भारतीय दूतावास ने यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को वहां से सुरक्षित निकाला था, ऐसे में दूतावास को भारतीय छात्रों की मदद के लिए कदम उठाने चाहिए। आपको बता दें कि, भारतीय दूतावास ने 25 जनवरी को एक रजिस्ट्रेशन फॉर्म जारी कर भारतीय नागरिकों की जानकारी 31 जनवरी तक देने को कहा था। सूत्रों का कहना है कि अभी फ्लाइट्स जारी हैं, ऐसे में छात्र वहां फंसे नहीं हैं, और वो सामान्य फ्लाइट्स से देश लौट सकते हैं।

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वहीं, यूक्रेन (Ukraine) में फसे इंदौर (Indore) के बच्चो के लिए सांसद शंकर लालवानी (Shankar Lalwani) भी चिंतित है। वहां फंसे बच्चे सांसद को ट्वीटर के माध्यम से संपर्क कर रहे है। इसी कड़ी में अब कल सांसद लालवानी विदेश मंत्रालय से मिल कर चर्चा के लिए सुबह दिल्ली पहुँचेगे। बच्चों के प्रति सांसद लालवानी ने अपनी चिंता व्यक्त की। इस पर इंदौर सांसद लालवानी ने तुरंत दिल्ली फोन लगाकर विदेश मंत्री एस जयशंकर से मिलने का समय मांगा। जिसके बाद अब वे कल दिल्ली जाकर मंत्रालय में मिलकर आगे की स्थिति पर चर्चा कर पत्र देंगे।