सावन में महिलाओं द्वारा श्रद्धा से मनाया जाने वाला पर्व हरियाली तीज इस साल जुलाई महीने के आखिरी सप्ताह में मनाया जाएगा। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा को समर्पित होता है। खासतौर पर विवाहित महिलाएं इस दिन व्रत रखकर अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं।
जानें सही तारीख और शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के मुताबिक, सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 26 जुलाई की रात 10 बजकर 41 मिनट पर शुरू हो रही है और 27 जुलाई की रात 10:41 बजे समाप्त होगी।
पंचांग गणना के अनुसार, व्रत और पूजा 26 जुलाई (शनिवार) को ही किया जाएगा।

हरियाली तीज का महत्व
हरियाली तीज शिव-पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक पर्व है। इस दिन महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में सोलह श्रृंगार करती हैं और दिनभर निर्जल व्रत रखती हैं।
मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजन करने से वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि आती है और कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर प्राप्त होता है।
पूजा में जरूरी सामग्री
हरियाली तीज की पूजा के लिए नीचे दी गई सामग्री की आवश्यकता होती है:
• भगवान शिव-पार्वती की मूर्ति
• धूप, दीप, अगरबत्ती
• चंदन, रोली, अक्षत, फूल
• बिल्व पत्र, धतूरा, शमी पत्र
• फल, मिठाई, सूखे मेवे
• घी, गंगाजल, पंचामृत
• मेहंदी, चूड़ियां, सिंदूर, बिंदी
• लाल या पीले रंग के वस्त्र
• सोलह श्रृंगार की पूरी सामग्री
पूजा विधि: इस प्रकार करें हरियाली तीज की पूजा
1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ लाल वस्त्र धारण करें।
2. सोलह श्रृंगार करें और पूजा सामग्री एकत्र करें।
3. घर के मंदिर या किसी स्वच्छ स्थान पर वेदी बनाएं और उस पर पीला/लाल कपड़ा बिछाएं।
4. भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति स्थापित करें।
5. जल और फूल लेकर व्रत का संकल्प लें।
6. प्रतिमा को गंगाजल या स्वच्छ जल से स्नान कराएं, वस्त्र अर्पित करें।
7. धूप-दीप जलाकर पूजन करें और श्रृंगार सामग्री अर्पित करें।
8. हरियाली तीज व्रत कथा पढ़ें या सुनें।
9. शिव-पार्वती की आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
10. रात में चंद्रमा के दर्शन के बाद व्रत का पारण करें।