सावन में क्यों नहीं खाते हरी सब्जियां और दूध? जानें धार्मिक और वैज्ञानिक कारण

क्या करें इस दौरान?

Dilip Mishra
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सावन का महीना भगवान शिव की आराधना और तप का समय माना जाता है। इस दौरान श्रद्धालु शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र चढ़ाकर पूजा करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस दौरान हरी पत्तेदार सब्जियां और दूध का सेवन वर्जित क्यों माना जाता है? इस परंपरा के पीछे धार्मिक आस्था के साथ-साथ वैज्ञानिक कारण भी मौजूद हैं।

धार्मिक कारण

हिंदू धर्म में सावन के महीने को बेहद पवित्र और सात्त्विक समय माना गया है। इस दौरान भगवान शिव को शांत और ठंडी चीजें प्रिय होती हैं। मान्यता है कि शिवलिंग पर जो दूध चढ़ाया जाता है, वह केवल भोग के लिए होता है, उसका सेवन करना अनुचित माना गया है।
वहीं, हरी सब्जियों को इस माह त्यागने के पीछे यह मान्यता है कि सावन में संयम, व्रत और तप का पालन करना चाहिए। कुछ ग्रंथों में हरी सब्जियों को ‘तमसिक प्रवृत्ति’ की श्रेणी में रखा गया है, इसलिए इनका सेवन सीमित किया जाता है।

वैज्ञानिक कारण

विशेषज्ञों के मुताबिक सावन का महीना यानी मॉनसून का समय, स्वास्थ्य की दृष्टि से संवेदनशील होता है। इस मौसम में,
• हरी पत्तेदार सब्जियों में बैक्टीरिया और फंगस जल्दी पनपते हैं, जिससे पेट संक्रमण और फूड प्वॉइजनिंग का खतरा बढ़ जाता है।
• दूध भी इस मौसम में जल्दी खराब होता है। उसमें बैक्टीरियल ग्रोथ की संभावना अधिक होती है, जिससे पाचन तंत्र प्रभावित हो सकता है।

क्या करें इस दौरान?

• दूध की जगह छाछ, नींबू पानी या नारियल पानी का सेवन करें।
• हरी पत्तेदार सब्जियों के स्थान पर लौकी, परवल और तोरी जैसी सीजनल सब्जियों को प्राथमिकता दें।
• हर सामग्री को अच्छी तरह धोकर और पकाकर ही खाएं।