रक्षाबंधन से गणेश चतुर्थी तक.. अगस्त 2025 में आ रहे हैं ये शुभ पर्व, जानिए तारीखें और पूजन मुहूर्त

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By Swati BisenPublished On: August 1, 2025
August 2025 Hindu festivals

August 2025 Hindu festivals : अगस्त 2025 का महीना हिंदू धर्म में विशेष आध्यात्मिक महत्त्व रखता है। यह समय भक्ति, पूजा, उपवास और धार्मिक अनुष्ठानों से भरा रहता है। इस महीने में कई प्रमुख व्रत और पर्व आते हैं, जो श्रद्धालुओं के लिए न सिर्फ धार्मिक लाभ का अवसर होते हैं, बल्कि सामाजिक और पारिवारिक रूप से भी जुड़ाव का माध्यम बनते हैं। रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, हरतालिका तीज और गणेश चतुर्थी जैसे बड़े त्योहार इसी महीने मनाए जाएंगे।


हर व्रत और पर्व का अपना विशेष महत्व और पूजन विधि होती है। अगर इन व्रतों का पालन शुभ मुहूर्त में किया जाए, तो मानसिक शांति, पारिवारिक सुख और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। आइए जानते हैं अगस्त 2025 में पड़ने वाले प्रमुख व्रत-त्योहारों की तारीखें और उनके शुभ मुहूर्त:

अगस्त 2025 व्रत और त्योहार:

5 अगस्त – पुत्रदा एकादशी

यह व्रत संतान सुख और उसकी समृद्धि के लिए रखा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
पूजन समय: सुबह 6:10 से 8:20 बजे तक

6 अगस्त – प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)

बुधवार को आने वाला यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है। संध्या समय शिव पूजन करने से कष्टों का नाश होता है।
पूजन समय: शाम 6:45 से 8:15 बजे तक

8 अगस्त – वरलक्ष्मी व्रत

यह व्रत विवाहित महिलाएं अपने परिवार के सुख-समृद्धि के लिए करती हैं, विशेषकर दक्षिण भारत में इसका विशेष महत्व है।
शुभ समय: सुबह 7:05 से 9:00 बजे तक

9 अगस्त – रक्षाबंधन

भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक यह त्योहार बहुत ही पावन होता है। इस दिन बहनें भाइयों को राखी बांधती हैं।
राखी बांधने का शुभ समय: सुबह 10:15 से दोपहर 1:45 बजे तक

12 अगस्त – कजरी तीज और संकष्टी चतुर्थी

कजरी तीज महिलाओं के सुहाग के लिए होती है, वहीं संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित होती है।
कजरी तीज पूजन: सुबह 6:00 से 8:00 बजे
संकष्टी चतुर्थी पूजन: रात 8:45 से 9:30 बजे तक

16 अगस्त – श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

इस दिन श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव मनाया जाता है, जो रात्रि में होता है।
पूजन समय: 12:04 AM (17 अगस्त) से 12:47 AM तक

19 अगस्त – अजा एकादशी

यह व्रत मोक्ष प्राप्ति और भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए रखा जाता है।
पूजन मुहूर्त: सुबह 6:10 से 8:15 बजे तक

20 अगस्त – प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)

यह शिव भक्ति का दिन होता है, विशेषकर संध्या पूजन के लिए शुभ माना जाता है।
शुभ समय: शाम 6:30 से 8:00 बजे तक

21 अगस्त – मासिक शिवरात्रि

प्रत्येक माह की चतुर्दशी को मनाई जाने वाली यह रात्रि शिव पूजन के लिए अति शुभ मानी जाती है।
पूजन समय: रात 11:45 से 12:30 AM तक

22 अगस्त – कुशग्रहणी अमावस्या

यह दिन श्राद्ध कार्यों और दान के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
कुश संग्रह मुहूर्त: सुबह 6:00 से 8:30 बजे तक

26 अगस्त – हरतालिका तीज

यह व्रत महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना से रखती हैं। दिनभर निर्जला व्रत और रात में शिव-पार्वती पूजन होता है।
पूजन शुभ समय: सुबह 5:55 से 8:15 बजे

27 अगस्त – गणेश चतुर्थी

गणपति बप्पा की स्थापना और पूजा का यह पावन पर्व दस दिनों तक चलता है।
मूर्ति स्थापना समय: सुबह 11:05 से दोपहर 1:40 बजे तक

31 अगस्त – राधा अष्टमी

यह दिन राधारानी के अवतरण पर्व के रूप में भक्तिभाव से मनाया जाता है।
पूजन मुहूर्त: सुबह 9:00 से 11:00 बजे तक

नोट: यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं। व्रत या पूजा से पहले अपने परिवार के पुरोहित या पंचांग सलाहकार से परामर्श अवश्य करें।