सिद्धू मूसेवाला की पहली बरसी आज, समाधि पर उमड़े फैंस, लगाया गया ‘रक्त दान कैंप’

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नई दिल्ली। सिद्धू मूसेवाला वो मशहूर गायक जो गाता पंजाबी में था, लेकिन आवाज सात समंदर पार तक सुनी और सराही जाती थी। दिवंगत पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की आज पहली बरसी है। उनकी मौत को आज यानी कि 29 मई को एक साल पूरा हो गया है। गांव जवाहरके अब भी मूसेवाला के परिवार के लिए न्याय मांग रहा है।

सिद्धू मूसेवाला की पहली बरसी पर परिवार और उनके चाहने वाले उन्हें याद कर रहे हैं। रैपर और गीतकार के रूप में विख्यात मूसेवाला की हत्या से पूरे पंजाब समेत देश विदेश में उनके फैंस सदमे में आ गए थे। उनकी हत्या को आज पूरा एक साल हो गया है। सिद्धू मुसेवाला को याद करते हुए उनके लाखों आज फैंस आंसू बहा रहे हैं।

मूसेवाला तो इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन वह आज भी अपने गानों से फैंस के दिलों में जिंदा हैं। पिछले साल आज ही के दिन मानसा के गांव जवारके में गैंगस्टर गोल्डी बराड़ और गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गैंग के शार्प शूटरों ने गोलियां मारकर मूसेवाल की हत्या की थी। हत्या की जिम्मेदारी लेने वाले गैंगस्टर्स साफ कहते हैं कि उसका थापी मारना हमें रास नहीं आ रहा था। वो गोलियां जिन हथियारों से निकलीं वो इस देश में बिकते तक नहीं। यानी साजिशें इंटरनेशनल थी और वजह थी गहरी रंजिश।

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उनकी पहली बरसी पर गांव को सिद्धू मूसेवाला के पोस्टरों से सजाया गया है। गांव के हर शख्स ने पिछली 29 मई को ऐसे मातम मनाया जैसे अपने ही घर का कोई खो दिया हो। सिद्धू मूसेवाला की बरसी को समर्पित आज बरनाला में मूसेवाला के चाहने वाले नौजवानों की तरफ से एक विशाल रक्त दान कैंप लगाया गया। सिद्धू ना केवल रैपर थे, बल्कि उन्होंने कई गीत लिखे और कंपोज भी किए। श्मशान घाट के पास मूसेवाला के पोस्टर और टी-शर्ट की दुकानें सजी हुई हैं। बलकौर सिंह ने कहा कि यह हत्या गैंगस्टरों का काम नहीं है बल्कि उन लोगों का है जिन्हें मूसेवाला की हत्या से फायदा होता।